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ऍ की ध्वनि सुनिए
ए की ध्वनि सुनिए - यह ऍ से भिन्न है
ऐ की ध्वनि सुनिए - यह भी ऍ से भिन्न है

मराठी भाषा का एक वर्ण है। ऍ और ऑ वास्तव देवनागरी में नहीं पाये जाते। वर्तमान में हिन्दी में ऑ वर्ण का उपयोग तो पूर्ण रूप से किया जाने लगा है, किन्तु ऍ का उपयोग अभी भी साधारणतः नहीं किया जाता है। ऍ वर्ण के उच्चारण को अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (अ॰ध॰व॰) के ɛ चिन्ह से लिखा जाता है। जो औपचारिक रूप से अर्धविवृत प्रसृत अग्रस्वर (open-mid front unrounded vowel) कहलाता है। इसका प्रयोग अक्सर अंग्रेजी के शब्दों को लिखने के लिये किया जाता है। इसकी ध्वनि हिन्दी के शब्दों में भी पायी जाती है किन्तु प्रथानुसार उन्हें भिन्न प्रकार से लिखा जाता है।

उच्चारण

यह स्वर उच्चारण में '' और '' के बीच का स्वर है। उदाहरण के लिए, अंग्रेजी के तीन शब्दों को देखा जा सकता है:

  • : इसका प्रयोग "pain" (अर्थ: पीड़ा) शब्द में होता है, जिसे 'पेन' उच्चारित किया जाता है। इसे अ॰ध॰व॰ में /peːn/ (अंग्रेजी बोली में /pʰeɪn/) लिखा जाता है।
  • : इसका प्रयोग "pen" (अर्थ: कलम) शब्द में होता है, जिसे 'पॅन' उच्चारित किया जाता है। इसे अ॰ध॰व॰ में /pɛn/ लिखा जाता है।
  • : इसका प्रयोग "pan" (अर्थ: तवा) शब्द में होता है, जिसे 'पैन' उच्चारित किया जाता है। इसे अ॰ध॰व॰ में /pæn/ लिखा जाता है।

हिन्दी शब्दों में ऍ की ध्वनि का प्रयोग

हिन्दी शब्दों में भी 'ऍ' की ध्वनि इस्तेमाल होती है लेकिन इसे प्रथानुसार लिखा नहीं जाता। हिन्दी में अक्सर यदि 'ह' से पहले 'अ' की ध्वनि हो तो मानक रूप से उसे 'ऍ' उच्चारित किया जाता है।[१] उदाहरण के लिए:

  • कहना: आधुनिक मानक हिंदी में इसका उच्चारण 'कॅहना' होता है।[२]
  • रह: आधुनिक मानक हिन्दी में इसका उच्चारण 'रॅह' होता है।[२]
  • शहर: इसका मानक उच्चारण 'शॅहॅर' होता है।
  • नहटौर: यह उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद का एक नगर है। जिसे 'नॅहटौर' उच्चारित किया जाता है और अंग्रेजी में लिप्यन्तरण करके 'Nehtaur' लिखा जाता है।

यदि इन्हें 'ऍ' की बजाए अन्य ध्वनि से बोला जाये तो उसे क्षेत्रीय लहजा माना जाता है:

  • कहना - यदि इसे वास्तव में 'अ' से उच्चारित किया जाये तो इसे पूर्वी हिन्दी लहजा समझा जाता है। मानक हिन्दी के साथ-साथ, अमिताभ बच्चन अपनी फ़िल्मों और गानों में इसका प्रयोग अक्सर किया करते थे।
  • केहना - यदि इसे 'ए' से उच्चारित किया जाये तो इसे गुजराती लहजा समझा जाता है। अंग्रेजी में इस से सम्बन्धित एक गलती "हॅलो" (hello) को "हेलो" (helo) उच्चारित करना है।[३]
  • कैहना - यदि इसे 'ऐ' से उच्चारित किया जाये तो इसे पंजाबी लहजा समझा जाता है, हालाँकि इसमें अक्सर 'ह' की ध्वनि भी हट जाती है (यानी शब्द 'कैना' सा प्रतीत होता है)।

गलत उच्चारण

अंग्रेज़ी के मूल के शब्दों में 'ऍ' की ध्वनी का उच्चारण 'ए' करने से ग़लतफ़हमियाँ हो सकती है। मसलन "डू यू हैव अ पॅन" ("do you have a pen", अर्थ: "क्या तुम्हारे पास कलम है") को ग़लती से "डू यू हैव अ पेन" ("do you have a pain", अर्थ: "क्या तुम्हें कोई दर्द हो रहा है") कहने से प्रश्न का पूरा अर्थ ही बदल जाता है।

हिन्दी और मराठी में अन्तर

'ऍ' और 'ऐ' के प्रयोग हिन्दी और मराठी में भिन्न होते हैं। मराठी में (पूर्वी हिन्दी की तरह) 'ऐ' का उच्चारण 'अइ' से मिलता संयुक्त स्वर (डिप्थाँग) होता है।[४] उदाहरण के लिए मराठी में 'बैल' को 'बइल' और 'ऐनक' को 'अइनक' से मिलता हुआ पढ़ा जाता है। ठीक ऐसा ही पूर्वी हिन्दी क्षेत्रों में होता है।[१][५] मराठी में 'ऍ' का प्रयोग मानक हिन्दी के 'ऐ' स्वर के बराबर होता है।

इन्हें भी देखिये

सन्दर्भ

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