विदेशी कारोबार (विकास और विनियम) अधिनियम, 1992
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भारत में विदेशी कारोबार से संबंधित मुख्य विधान विदेशी कारोबार (विकास और विनियम) अधिनियम, 1992 है। इस अधिनियम में देश में होने वाले आयात द्वारा विदेशी कारोबार के विकास और विनियमन की सुविधा प्रदान की गई है और यह भारत से निर्यात तथा इससे जुड़े या आकस्मिक मामलों का भी विकास तथा विनियमन करता है।
अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, सरकार :-
- विदेशी कारोबार की सुविधा प्रदान करने वाले और नियंत्रण करने वाले प्रावधान कर सकती हैं;
- सभी या किसी मामले में आयातों और निर्यातों को प्रतिबंधित, बाधित और विनियमित कर सकती है और साथ ही उन्हें रियायत भी दे सकती है;
- आयात और निर्यात नीति बनाने और घोषित करने के लिए तथा इसमें समय-समय पर सरकारी राजपत्र में अधिसूचना द्वारा संशोधन कर सकती है;
- आयात-निर्यात नीति के निर्धारण और कार्यान्वयन सहित अधिनियम के प्रयोजन हेतु विदेशी कारोबार के महानिदेशक की नियुक्ति के लिए भी अधिकृत है|
बाहरी कड़ियाँ
https://web.archive.org/web/20110806051545/http://indiacode.nic.in/
यह भारतीय संविधान-सम्बन्धित लेख अपनी प्रारम्भिक अवस्था में है, यानि कि एक आधार है।
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