हाट
हाट, हटिया या पेठिया आमतौर पर भारत के गाँवों में लगनेवाले स्थानीय बाजार को कहा जाता है। सब्जी, फल, ताजा मांस, खाद्यान्न या परचून सामग्री आदि हाट में खरीद-बिक्री की जानेवाली प्रमुख मद हैं। गाँव के लोगों की दैनिक जरुरतों को पूरा करने में हाट की भूमिका अतिमहत्वपूर्ण है। सदियों से भारत के गाँवों की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने में हाट की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। कृषि-विपणन के अलावे हाट स्थल महत्वपूर्ण मिलन बिंदु एवं सांस्कृतिक केंद्र भी है।
अवधि एवं बारंबारता
सामान्यतया गाँवों में लगनेवाले हाट २-३ घंटों का होता है लेकिन उस क्षेत्र में बाजार का विस्तार एवं दूरी भी लगने वाले हाट की अवधि को तय करती है। जनसंख्या घनत्व के आधार पर हाट सप्ताह में दो या तीन दिन के लिए लगता है। कई कस्बों या छोटे शहरों में यह कुछ घंटों के लिए दैनिक भी लगाया जाता है। महानगरों में स्थायी तौर पर बनी सब्जी मंडी हाट का विकसित रूप है।