विमी
विमी | |
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विमी | |
जन्म | पंजाब, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
प्रसिद्धि कारण | हिंदी चलचित्र अभिनेत्री |
विमी मुंबई फिल्मों की हिरोइन थी।
परिचय
विमी एक बहुत ही खूबसूरत और आजाद खयाल महिला जो एक पंजाबी परिवार से थी, अपने परिवार के मर्जी के खिलाफ़ इन्होने कलकत्ता के एक मारवाड़ी व्यवसायी से शादी की। म्युजीसियन रवी ने विमी को मुंबई लाकर बी आर चोपड़ा से मिलाया और यही से शुरू हुआ इस महिला का फ़िल्मी सफ़र, फ़िल्म हमराज़ से। इन्होने वचन, पतंगा और आबरू जैसी बेहतरीन फ़िल्मों में काम किया लेकिन इन्हे इच्छित ख्याति नही मिली। सुन्दरता के गुमान और महात्वाकांक्षाओं ने विमी को फ़िल्मों ऐसे शॉट देने के लिए प्रेरित किया जो उस वक्त सामाजिक दायरे से बाहर थे। किन्तु फ़िर चाहत पूरी न हुई। इनके पति ने भी इस बात का विरोध किया। अंतत: इनके पति मुम्बई छोड़ कलकत्ता वापस आ गये, अत्यधिक खर्चीली जीवनशैली ने विमी को गरीब बना दिया.. विमी ने जॉली नाम के प्रोड्युसर के साथ रहने लगी, उसने भी विमी की खूबसूरती के आकर्षण में विमी का साथ किया।.लेकिन विमी फ़िल्मी दुनियां में लम्बी दौड़ नही दौड़ पाईं, आखिरकार तनाव और तंगहाली ने विमी को शराब का लती बना दिया और जॉली ने भी उनका साथ छोड़ दिया, कहते हैं विमी शराब की चाहत में वैश्यावृत्ति भी करने लगी थी, अन्तिम दिनों में सस्ती और घटिया शराब पीने के कारण वह बीमार हो रहने लगी और फ़िर एक दिन इस खूबसूरत फ़िल्मी नायिका दुनिया को अलविदा कह गयी।.लेकिन पीछे बहुत से सवाल छोड़ गयी।.कलकारों की दुनिया में स्वार्थ, सफ़लता और धन और महात्वाकांक्षाओं के मध्य जहां इन्सानी जिन्दगी कोई मायने नही रखती, उस गन्दगी की परिणिति थी विमी का जीवन..एक सुन्दर महिला...जिसका खुद पर गरूर और सामाजिक दायरों को तोड़ने का दुस्साहस, शोहरत का दीवानापन..जिसने वास्तविक जीवन और यथार्थ को बेदखल कर दिया था विमी के जीवन से..वह जान नही पाई कौन वास्तव में उसका था कौन नही..वह मंजिल की राह पर तो थी पर मंजिल कौन सी है, कैसी है, कहां है, शायद उन्हे नही पता था।..और दूषित पुरूषत्व से लबा-लब भरी इस दुनिया में वह खिलौना बन गयी। विमी।
फ़िल्में
हमराज़ (1967) आबरू (1968) पंतगा (1971) वचन (1974)