दयाल सिंह सार्वजनिक पुस्तकालय

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>Navinbabu 1998 द्वारा परिवर्तित १३:१४, २९ जून २०१६ का अवतरण
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
Dayal Singh Library

दयाल सिंह पब्लिक लाइब्रेरी की स्थापना लाहौर में 1928 में परोपकारी एवं समाज सुधारक सरदार दयाल सिंह मजीठिया ने की थी। भारत के विभाजन के बाद पंजाब विश्वविद्यालय के पहले वाइस चांसलर दीवान आनंद कुमार के प्रयत्नों से दयाल सिंह पब्लिक लाइब्रेरी को 1954 में दिल्ली में स्थापित किया गया। यह लाइब्रेरी दयाल सिंह लाइब्रेरी ट्रस्ट सोसायटी द्वारा संचालित की जाती है।

दिल्ली के बीचोबीच स्थित होने के कारण यहां पढ़ने वाले लोगों की हमेशा भीड़ रहती है। इस लाइब्रेरी की एक खासियत यह भी है कि यहां एक खूबसूरत लॉन भी है, जिसके चलते वहां बैठ कर भी पढ़ाई का आनंद उठाया जा सकता है। इसमें असमर्थ एवं विकलांग सदस्यों के लिए व्हील चेयर एवं अन्य सुविधायें मौजूद हैं। यहां पर एक साथ 80 लोग बैठ कर आसानी से अपनी जानकारी को बढ़ा सकते हैं। साथ ही बच्चों के लिए भी एक सेक्शन बनाया गया है।

संग्रह

इस समय लाइब्रेरी के पास 40,000 से भी ज्यादा डॉक्यूमेंट मौजूद हैं, जो कि हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू और पंजाबी भाषाओं पर आधारित हैं। इस लाइब्रेरी की पुस्तकें मुख्य रूप से साहित्य, सामाजिक विज्ञान, इतिहास, दर्शन शास्त्र एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों से संबंधित हैं। इसके अलावा जानकारी से संबंधित अन्य विषयों पर भी लाइब्रेरी में प्रामाणिक कलेक्शन मौजूद है। लोगों की जानकारी को अपडेट रखने के लिए लाइब्रेरी द्वारा 80 पत्रिकाओं एवं करीब 23 समाचार पत्रों की प्रतिदिन खरीदारी की जाती है। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के मद्देनजर तैयार करने के लिए जनरल नॉलेज एवं कंपिटीशन की किताबें भी मौजूद हैं।

सदस्यता

लाइब्रेरी का आजीवन सदस्य बनने के लिए हालांकि कोई शुल्क नहीं लिया जाता, लेकिन सदस्यों से सिक्योरिटी के तौर पर 300 रुपए लिए जाते हैं। यह राशि सदस्यता खत्म होने के बाद वापस मिल जाती है। सदस्यों को चार कार्ड भी इश्यू किए जाते हैं। दो हरे कार्ड किताबों के लिए होते हैं तथा दो पीले कार्ड पत्रिकाओं के लिए होते हैं। यदि कोई सदस्य आठ कार्ड चाहता है तो उससे सिक्योरिटी के तौर पर 500 रुपए जमा कराए जाते हैं। अभी तक लाइब्रेरी ने लगभग 9000 सदस्यों को खुद से जोड़ लिया है तथा विभिन्न क्षेत्रों के औसतन 100 सदस्य प्रतिदिन यहां आते हैं। इनमें ज्यादातर छात्र, बच्चों, नौकरीपेशा वाले तथा रिटायर्ड लोग हैं।

सेवा एवं सुविधाएं

लाइब्रेरी के पास एक बड़े अध्ययन कक्ष एवं लॉन की सुविधा है। किताबों पर छूट, उनका नवीनीकरण, फोटोकॉपी की व्यवस्था भी सदस्यों को आकर्षित करती है। इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध है, लेकिन वह सीधे सदस्यों को न मिल कर लाइब्रेरी स्टाफ को अपनी जरूरत बता कर मिल पाती है। एक कार्ड पर 15 दिनों के लिए किताब अथवा पत्रिकाएं मिल जाती हैं तथा उन्हें खुद लाइब्रेरी में उपस्थित होकर या फोन के जरिए 15 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है। बच्चों में क्रिएटिविटी बढ़ाने के लिए लाइब्रेरी द्वारा एयरकंडीशन चिल्ड्रन विंग तैयार किया गया है। इसमें ऑडियो-वीडियो उपकरण, पेंटिंग, चिल्ड्रन बुक, गेम्स एवं ऑडियो-वीडियो सीडी उपलब्ध हैं।

लाइब्रेरी का समय

यह लाइब्रेरी हर मौसम में सुबह 9.30 से लेकर शाम के 5.30 तक खुली रहती है। रविवार एवं सरकारी छुट्टियों के दिन लाइब्रेरी बंद रहती है। यहां पर कुल सात-आठ लोगों का स्टाफ मौजूद है, जो अपनी सेवा देने के लिए सदैव तत्पर रहता है।

संपर्क पता

दयाल सिंह पब्लिक लाइब्रेरी

1, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग

नई दिल्ली-110002