मातृवंश समूह जे

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मध्य पूर्व के क़रीब १२% लोग मातृवंश समूह जे के वंशज होते हैं

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह जे या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप J एक मातृवंश समूह है। मध्य पूर्व के १२% लोग, यूरोप के ११% लोग, कॉकस क्षेत्र के ८% लोग और उत्तरी अफ़्रीका के ६% लोग इस मातृवंश के वंशज पाए गए हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में पाकिस्तान में यह ५% लोगों में पाया गया है और उत्तरी पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की कलश जनजाति के ९% लोगों में।

वैज्ञानिकों की मान्यता है के जिस स्त्री के साथ इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह आज से क़रीब ४५,००० साल पहले पश्चिमी एशिया में कहीं रहती थी।[१] ध्यान दें के कभी-कभी मातृवंशों और पितृवंशों के नाम मिलते-जुलते होते हैं (जैसे की पितृवंश समूह जे और मातृवंश समूह जे), लेकिन यह महज़ एक इत्तेफ़ाक है - इनका आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है।

यह पाया गया है कुछ मातृवंश समूह जे की उपशाखाओं में माइटोकांड्रिया के डी॰एन॰ए॰ में ऐसे उत्परिवर्तन (या म्युटेशन) मौजूद हैं जिनसे नौजवान आदमियों में "लॅबॅर की ऑप्टिक हॅरॅडिटरी न्यूरोपैथी" नाम की बिमारी की सम्भावनाएँ ज़्यादा होती हैं, जिसमें नज़र का केन्द्रीय अंधापन हो जाता है (यानि जहाँ सीधे देख रहें हो वो चीज़ नज़र नहीं आती लेकिन इर्द-गिर्द की चीजें नज़र आती हैं)।[२]

अन्य भाषाओँ में

अंग्रेज़ी में "वंश समूह" को "हैपलोग्रुप" (haplogroup), "पितृवंश समूह" को "वाए क्रोमोज़ोम हैपलोग्रुप" (Y-chromosome haplogroup) और "मातृवंश समूह" को "एम॰टी॰डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप" (mtDNA haplogroup) कहते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  1. साँचा:cite journal
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