दार अस सलाम

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म्ज़ीज़िमा
दार
शहर
बाएं शीर्ष से: सिटी सेंटर, बेंजामिन विलियम म्कापा पेंशन टॉवर, रात में डार, एक लूथेरन गिरिजाघर, सिटी सेंटर में अस्कारी स्मारक, म्लिमानी सिटी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और राष्ट्र सदन।
बाएं शीर्ष से: सिटी सेंटर, बेंजामिन विलियम म्कापा पेंशन टॉवर, रात में डार, एक लूथेरन गिरिजाघर, सिटी सेंटर में अस्कारी स्मारक, म्लिमानी सिटी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और राष्ट्र सदन।
उपनाम: बोंगो
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देशतंज़ानिया
जिले
शासन
 • महापौरडॉ॰ दीदास मस्साबुरी
क्षेत्रक्षेत्र/प्रांतसाँचा:infobox settlement/areadisp
 • जलसाँचा:infobox settlement/areadisp
जनसंख्या (2002)
 • महानगर२४,९७,९४०
 • महानगरीय घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
समय मण्डलGMT +3

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दार अस सलाम (अरबी: دار السلام [अनुवाद: "शांति का घर"] दार अस्सलाम), जिसे पहले म्ज़ीज़िमा कहा जाता था, तंज़ानिया का सबसे बड़ा शहर है। यह देश का सबसे अमीर शहर और एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय आर्थिक केन्द्र है। असल में दार अस सलाम, तंजानिया के भीतर एक प्रशासनिक प्रांत है और इसमें तीन प्रशासनिक जिले, उत्तर में किनोन्दोनी, मध्य में इलाहा और दक्षिण में तेमेकी समाहित हैं। 2002 की जनगणना के अनुसार दार अस सलाम क्षेत्र की आधिकारिक जनसंख्या 2497940 थी।

हालांकि 1974 में दोदोमा को दार अस सलाम के स्थान पर राजधानी का दर्जा दे दिया गया पर, यह शहर आज भी केंद्रीय सरकार की स्थायी नौकरशाही का केंद्र बना हुआ है और साथ ही यह दार अस सलाम क्षेत्र की राजधानी भी है।

इस नगर का शिलान्यास सन् १८६२ में जंजीबार के सुल्तान ने किया, पर सन् १८८४ में जब इस पर जर्मनी का आधिपत्य हुआ, तब तक यह मछली मारने का छोटा केंद्र ही रहा। सन् १८९१ में यह जर्मन पूर्वी अफ्रीका की राजधानी घोषित हुआ परन्तु इसपर जर्मन आधिपत्य अधिक समय तक न रह सका और सन् १९१६ में यह ब्रिटिश अधिकार में चला गया।

बाहर से इस नगर में पहुँचने का केवल एक पतला समुद्री मार्ग ही उपलब्ध है, फिर भी यह नगर यहाँ का मुख्य पत्तन है। यह नगर काइगोमा द्वारा रेल एवं सड़क से संबंधित है। देश की लगभग समस्त रूई, नारियल की गरी, सीसल (Sisal) एवं खनिज पदार्थ यहीं से जलयानों द्वारा बाहर भेजे जाते हैं।

वैकल्पिक वर्तनी

हिन्दी में अभी तक इस शहर के लिए कोई मानक वर्तनी नहीं है और विभिन्न स्थानों पर विभिन्न वर्तनियां प्रयोग में लाई जाती है, जिसके फलस्वरूप इसे दारेसलाम, दारे-सलाम, दार-ए-सलाम और दार एस सलाम भी लिखा जाता है।

सन्दर्भ