नमक का मैदान

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दक्षिण अमेरिका के बोलीविया देश का सालार दे उयुनी नमक का मैदान, जिसमें व्यापार के लिए नमक की ढेरियाँ बनाई गयी हैं
आरजेन्टीना में सालार दे आरिसारो
अमेरिका के नेवाडा राज्य का का ब्लैक रॉक रेगिस्तान

भौगोलिक दृष्टि से नमक के मैदान किसी खारी झील के स्थायी या अस्थायी रूप से सूख जाने पर बन जाते हैं। प्रायः यह बन्द जलसम्भर वाले क्षेत्रों में बनते हैं। ऐसे बंद जलसंभर क्षेत्रों में वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी एकत्रित हो कर किसी नदी के ज़रिये समुद्र या महासागर में बहने की बजाय किसी सरोवर या शुष्क क्षेत्र में जाकर वहीँ रुक जाता है। इस पानी में नमक और अन्य लवण समुद्र में बह जाने कि जगह उसी झील में इकट्ठे होते रहते हैं। गरमी के मौसम में या युगान्तरण के साथ-साथ उस क्षेत्र के सूखा हो जाने पर वहां नमक और अन्य लवणों की एक मोटी और अत्यंत समतल तह जम जाती है जो समय के साथ सख्त भी हो जाती है।

अन्य भाषाओँ में

  • अंग्रेज़ी में नमक के मैदान को "साल्ट फ़्लैट" (salt flat), "साल्ट पैन" (salt pan) या "ड्राए लेक" (dry lake) कहते हैं।
  • फ़ारसी में नमक के मैदान को "कवीर" (کویر) या दश्त-ए-कवीर (यानि कवीर की मरुभूमि) कहते हैं।
  • अरबी में नमक के मैदान को "सबख़ा" (سبخة) कहते हैं।
  • स्पेनिश में नमक के मैदान को "सालार" (salar-salina) कहते हैं।

नमक के मैदानों की उत्पत्ति

सूखे मौसम में नमक के मैदानों की सतह प्रायः सख़्त, शुष्क और ख़ुरदुरी होती है, लेकिन बारिशों के मौसम में यह नम और मुलायम हो जाती है। जिन सूखी झीलों में यह मैदान बनते हैं वे अक्सर छोटे और गोल आकार के निचले हिस्से होते हैं जिनमें पहले तो पानी भर जाता है और फिर वह सूख जाता है। यह पानी वर्षा से या धरती के नीचे से पानी ऊपर रिसने से आ सकता है। दुनिया का सब से बड़ा नमक का मैदान बोलिविया के पोतोसी शहर के समीप स्थित सालार दे उयुनी झील है, जिसका क्षेत्रफल १०,५८२[१] वर्ग कि॰मी॰ है (लगभग भारत के त्रिपुरा राज्य के बराबर)। बारिश के दिनों में इन नमक के मैदानों में कभी-कभी कम गहराई वाली झीलें बन जाती हैं जो गर्मियों में वाष्पित होकर विलुप्त हो जाती हैं।

नमक उत्पादन

नमक के मैदानों का कई देशों में नमक उत्पादन के लिए प्रयोग किया जाता है। भारत की साम्भर झील एक बंद जलसंभर वाली झील है जिसका आकर मौसम के साथ बदलता है - गर्मियों में इसकी गहराई केवल २ फ़ुट (यानि २४ इंच) और क्षेत्रफल १९० वर्ग कि॰मी॰ होता है, जबकि बारिशों में गहराई पांच गुना बढ़कर १० फ़ुट (१२० इंच) और क्षेत्रफल २३० वर्ग कि॰मी॰ हो जाता है। जो हिस्सा सूख जाता है या जहाँ पानी की गहराई बहुत ही कम हो, वहाँ पर बने नमक के मैदान से हज़ारों सालों से नमक इकट्ठा कर के पूरे भारत के बाज़ारों में भेजा जाता है। हर साल यहाँ २ लाख टन नमक बनता है और इसी वजह से किसी समुद्रतट के न होने पर भी नमक उत्पादन में सारे राज्यों के मुक़ाबले में राजस्थान का स्थान तीसरा है।

सन्दर्भ

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इन्हें भी देखिये