सुनील कुमार महतो

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सुनील महतो

जन्म साँचा:br separated entries
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राष्ट्रीयता भारतीय
राजनीतिक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा
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सुनील महतो (11 जनवरी 1966 - 4 मार्च 2007) सुनिल महतो सन् 2004 ई जमशेदपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसद रहे हैं। झारखंड आंदोलन में सक्रिय रहे सुनिल महतो की हत्या नक्सलवादियों ने जमशेदपुर के घाटशिला अनुमंडल में एक फुटबाल प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान अंधाधुंध गोलियाँ चलाकर कर दी। सुनिल कुमार महतो को झारखंड के जनताओं ने सुनिल महतोके नाम पर बुलाते थे जिससे वह प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय नाम हुआ![[१]]

जीवन शैली

वर्तमान जिला सरायकेला खरसांवां के गांव-छोटा गम्हारिया में पिता - गनेश महतो माता- खांदू (khandu) महतो के घर वीर पुत्र सुनिल महतो का जन्म सन् 11 जनवरी 1966 ई को गरीब किसान परिवार में हुआ! सुनिल महतो का विवाह सन् 01 दिसंबर 1990 ई में श्रीमती सुमन महतो के साथ हुई जिनका एक पुत्री भी है!

शिक्षा

सुनील महतो ने प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से और B. Com तक कि पढ़ाई co-operative College जमशेदपुर से पूरा किया!

राजनितिक में कदम

सुनील महतो ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आजसू पार्टी से की थी। वर्ष 2004 ई में जमशेदपुर लोकसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा की सांसद आभा महतो को एक लाख से ज्यादा मतों से हराकर विजयी हुए थे। लोकप्रियता और नेतृत्व क्षमता के कारण सुनील महतो पार्टी में लगातार आगे बढ़ते जा रहे थे। कोल्हान प्रमंडल में झामुमो की रणनीति तय करने में सुनील महतो की ही चलती थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा में सांसद सुनील महतो का कद बढ़ता जा रहा था। उनकी पहचान लोकप्रिय और हमेशा क्षेत्र की जनता के लिए सुलभ रहने वाले सांसद के रूप में थी।

हत्या

सुनील महतो की हत्या उस समय हुई, जब होली के मौक़े पर किशनपुर गाँव में एक फ़ुटबॉल टूर्नामेंट' का आयोजन किया गया था. सुनील कुमार महतो को इस प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. इसी बीच संदिग्ध महिला माओवादियों का एक दस्ता आया और उन्होंने अंधाधुंध गोलियाँ चलाईं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार महिलाओं के साथ कुछ लोग स्टेज पर चढ़े और सुनील महतो से मदद की गुहार करने लगे. जब सुनील उनसे बात करने लगे तो अचानक इन सभी ने हथियार निकाल कर गोलियां चलानी शुरु कर दी. सांसद सुनील कुमार महतोके दो अंगरक्षकों और पार्टी के नगर अध्यक्ष प्रभाकर महतो की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. जबकि सुनील कुमार महतो गंभीर रूप से घायल हो गए. सुनील कुमार महतोको जमशेदपुर के टाटा मेन अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहाँ बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. झारखंड मुक्ति मोर्चा सत्ताधारी गठबंधन में शामिल है. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई.

हत्या के विरोध में झारखंड बंद का असर

उनकी हत्या के बाद उनके समर्थक रविवार को ही सड़कों पर उतर आए और उन्होंने झारखंड के सभी ज़िले में कुछ स्थानों पर जाम लगा दिया. कुछ स्थान पर रेलगाड़ियां को भी बंद किया गया! झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हुसैन अंसारी ने घोषणा की है कि पार्टी ने हत्या के विरोध में सोमवार को बंद का आयोजन किया है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी इस बंद का समर्थन किया है. दूसरी ओर राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सांसद सुनील महतो की हत्या की निंदा की है.

सुनील महतो का सीबीआइ जाँच

नक्सली रंजीत पाल उर्फ राहुल पर सीबीआइ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने 10 लाख रुपये इनाम की घोषणा की थी। बाद में राहुल और उसकी पत्नी ने जनवरी 2017 को पश्चिम बंगाल में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके सरेंडर करने के बाद भी सीबीआइ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो उसे रिमांड पर लेने के प्रति सक्रियता नहीं दिखा पायी। 4 मार्च 2007 को होली के दिन सुनील महतो की हत्या जमशेदपुर बागुड़िया में कर दी गई थी। घटना के वक्त सुनील महतो मुख्य अतिथि के रूप में एक फुटबॉल मैच के कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्हें वहां पर पुरस्कार वितरण करना था। इसी दौरान नक्सलियों ने उन्हें टारगेट कर फायरिंग शुरू कर दी। इस घटना में सुनील महतो के अलावा उनके दो अंगरक्षक और झामुमो के प्रखंड सचिव प्रभाकर महतो की मौत हो गई थी। पहले मामले की जांच जिला पुलिस ने शुरू की। घाटशिला थाना में मामला दर्ज किया। पुलिस ने जांच शुरू की। कुछ लोगों को पकड़ा भी, लेकिन बाद में यह मामला सीबीआईकेन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंप दिया गया। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है। मामले में नक्सली राहुल, जयंती, फुटबाल क्लब के अध्यक्ष सोनाराम, ग्रामप्रधान, उत्पल को आरोपी बनाया गया था।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

  • सुनिल महतो BBC news [[२]]