"टूना" के अवतरणों में अंतर

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}}
'''टूना''' स्कॉमब्रिडे प्रजाति की खारे पानी की मछलियां हैं जिनमे से अधिकांशतः ''थुन्नुस'' वर्ग से संबंधित हैं। टूना तेज़ तैराक हैं और कुछ प्रजातियाँ {{Convert|70|km/h|mph|abbr=on}} की गति से तैरने में सक्षम हैं। सफ़ेद माँस वाली अधिकांश मछलियों के विपरीत, टूना की मांसपेशियों के उत्तकों का रंग गुलाबी से ले कर गहरा लाल होता है। यह लाल रंग एक [[ऑक्सीजन]] बाध्यकारी अणु [[मायोग्लोबिन]] के कारण होता है, जिसकी मात्रा अधिकांशतः बाकी मछलियों की तुलना में टूना में अधिक पाई जाती है। कुछ बड़ी टूना प्रजातियाँ, जैसे कि ब्लूफिन टूना गर्म खून वाली होती हैं और मांसपेशियों को हिला कर अपने शरीर का तापमान पानी के तापमान से अधिक बढ़ा सकती हैं। यह उन्हें अपेक्षाकृत ठन्डे पानी में जीवित रहने और अन्य किस्मों की मछलियों की अपेक्षा समुद्र के विविधतापूर्ण वातावरण में रहने के लिए सक्षम बनाता है।
== नाम की व्युत्पत्ति ==
"टूना" स्पेनिश शब्द एट्यू (atún) अरबी के تن या تون tun/tūn से, लैटिन के थुन्नुस (Thunnus) व यूनानी शब्द θύννος, थाएनॉस (thynnos) से बना है।
== वर्गीकरण ==
[[चित्र:Tuna all sizes Pengo.svg|thumb|350px|Maximum reported sizes of tuna species|alt = बार चार्ट जो दर्शाता है कि थुन्नुस थाय्न्नुस [3] पर सबसे बड़ी टूना है, इसके बाद थुन्नुस ओरिएंटलिस [4] पर, थुन्नुस ओब्सेसस [5] पर, जिम्नोसार्डा यूनीकलर [6] पर, थुन्नुस माक्कोयी [7] पर, थुन्नुस एल्बाकारेस [8] पर, गैस्ट्रोचीज़्मा मेलाम्पस [9] पर, थुन्नुस टोंग्गोल [10] पर, थुन्नुस अलालुंगा [11] पर, यूथाय्न्नुस एलेटेरेटस [12] पर, कन्चिंबज़दम्न्ब्दफ्म्ब्दमन्मन.ज्ग्न्बत्सुवोनस पेलामिस [13] पर, थुन्नुस एटलांटिकस [14] पर, एल्लोथुन्नुस फल्लाई [15] पर, यूथाय्न्नुस एफ्फिनिस [16] पर, ऑक्सिस थाज़र्ड थाज़र्ड [17] पर, ऑक्सिस रोचेई [18] पर तथा ऑक्सिस यूडोरेक्स [19] पर है।]]
टूना की 48 से अधिक विभिन्न प्रकार की प्रजातियां हैं। ''थुन्नुस (Thunnus)'' वर्ग में 9 प्रजातियाँ शामिल हैं:
* एल्बाकोर, ''थुन्नुस अलालुंगा'' <small>(बोन्नाटेर्रे, 1788).</small>
* येल्लोफिन टूना, ''थुन्नुस एल्बाकारेस'' <small>(बोन्नाटेर्रे, 1788).</small>
* ब्लैकफिन टूना, ''थुन्नुस एटलांटिकस'' <small>(लेस्सन, 1831).</small>
* दक्षिणी ब्लूफिन टूना, ''थुन्नुस माक्कोयी'' <small>(कास्टेलनाओ, 1872).</small>
* बिगआई टूना, ''थुन्नुस ओबेसस'' <small>(लोव, 1839).</small>
* पैसिफिक ब्लूफिन टूना, ''थुन्नुस ओरिएंटलिस'' <small>(टेम्मिन्क्क और श्च्लेगेल, 1844).</small>
* उत्तरी ब्लूफिन टूना, ''थुन्नुस थायन्नुस'' <small>(लिनिअस, 1758).</small>
* लॉन्गटेल टूना, ''थुन्नुस टोंग्गोल'' <small>(ब्लीकर, 1851).</small>
* करासिक टूना, ''थुन्नुस करासिकस'' <small>(लेस्सन, 1831).</small>
कई अन्य पीढ़ियों (सभी स्कॉमब्रिडे वर्ग से संबंधित हैं) की प्रजातियों का भी सामान्य नाम "टूना" ही है।
* स्लेंडर टूना ''एल्लोथुन्नुस फल्लाई'' <small>(सर्वेंटी, 1948)</small>
* बुलेट टूना ''ऑक्सिस रोचेई'' <small>(रिस्सो, 1810)</small>
* टेर्रिओवीपेट टूना ''ऑक्सिस टोंगोलिस'' <small>(बोन्नाटेर्रे, 1788).</small>
* फ्रिगेट टूना ''ऑक्सिस थाज़र्ड'' <small>(लेसपीड, 1800)</small>
* कावाकावा (लिटिल टूना या मैकेरल टूना) ''यूथायन्नुस एफ्फिनिस'' <small>(कैंटर, 1849)</small>
* लिटिल टुन्नी (लिटिल टूना) ''यूथायन्नुस एल्लेटरेटस'' <small>(राफिनेस्क, 1810)</small>
* ब्लैक स्किपजैक टूना ''यूथायन्नुस लिनेटस'' <small>(किशीनौए, 1920)</small>
* डॉगटूथ टूना ''जिम्नोसर्डा यूनीकलर'' <small>(रुप्पेल्ल, 1836)</small>
* स्किपजैक टूना ''कात्सूवोनस पेलामिस'' <small>(लिनिअस, 1758)</small>
* लाइनसाइड टूना, ''थुन्नुस लिनिअस'' <small>(टेम्मिन्क्क व श्च्लेगेल, 1844).</small>
== जीव विज्ञान ==
''थुन्नुस'' के शरीर क्रिया विज्ञान का एक उल्लेखनीय पहलू अपने शरीर के तापमान को आस पास के समुद्री जल से ऊपर बनाए रखना है। उदाहरण के लिए, ब्लूफिन {{Convert|75|-|95|F|C}} ठंडे पानी में भी अपने शरीर का तापमान {{Convert|43|F|C}} तक बनाए रख सकती है। हालांकि, ठेठ एंडोथर्मिक प्राणियों जैसे स्तनधारियों एवं पक्षियों की तरह, टूना अपेक्षाकृत अत्यंत कम सीमा के भीतर तापमान को नहीं बनाए रखती।<ref name="tbot">{{cite web
|url=http://science.jrank.org/pages/7020/Tuna-Biology-tuna.html
|title=Tuna - Biology Of Tuna
|accessdate=सितंबर 12, 2009
|archive-url=https://web.archive.org/web/20111102133857/http://science.jrank.org/pages/7020/Tuna-Biology-tuna.html
|archive-date=2 नवंबर 2011
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}}</ref>
टूना सामान्य चयापचय से उत्पन्न गर्मी को संरक्षित कर शारीरिक ऊष्मा को प्राप्त करती है। शरीर में स्थित नसों और धमनियों का ताना बाना, जिसे रेटे मीराबाइल ("अद्भुत जाल") कहते हैं, काउंटर-करंट विनिमय प्रणाली के माध्यम से ऊष्मा को नसों में बहने वाले रक्त से धमनियों के रक्त में प्रवाहित करता है। इससे सतह की ठंडक कम हो जाती है, जिससे मांसपेशियां अपेक्षाकृत गरम रहती हैं। इससे कम उर्जा की खपत के साथ उच्च तैराकी गति मिलती है।<ref name="tbot"/>
== व्यवसायिक रूप से मछली पकड़ना ==
[[चित्र:TunaFish.JPG|thumb|right|Tuna being weighed on Greek quay-side|alt= गोदी पर पड़ी हुई मनुष्य से बड़े आकर की मछली का चित्र, जिसकी पृष्ठभूमि में एक मछुआरा है]]
[[चित्र:Tsukiji Fish market and Tuna edit.jpg|thumb|right|Tuna at a fish market|alt = टूना की कई पंक्तियों का चित्र]]
[[चित्र:Tuna cut half japan.jpg|thumb|right|Tuna cut in half for processing at the Tsukiji fish market in Tokyo, Japan|alt = कटिंग मशीन पर कटी हुई टूना का चित्र]]
टूना एक महत्वपूर्ण व्यवसायिक मछली है। इंटरनेशनल सी फ़ूड सस्टेनेबिलिटी फाउंडेशन ने 2009 में टूना के वैश्विक स्टॉक के बारे में एक विस्तृत वैज्ञानिक रिपोर्ट संकलित की, जिसमे नियमित रूप से होने वाले अपडेट शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के महासागरों में टूना व्यापक रूप से, किन्तु छोटे-छोटे झुंडों में, आम तौर पर भूमध्य रेखा के 45 डिग्री उत्तर और दक्षिण में उष्णकटिबंधीय और शीतोष्ण पानी में पाई जाती है। इन्हें स्कॉमब्रिडे वर्ग की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें लगभग 50 प्रजातियाँ शामिल हैं। इनमें व्यवसायिक और मनोरंजक मत्स्य उद्योग के लिए प्रयुक्त होने वाली सबसे महत्त्वपूर्ण मछली येल्लोफिन (''थुन्नुस एल्बाकारेस''), बिगआई (''टी. ओबेसस''), ब्लूफिन (''टी. थाय्न्नुस'', ''टी. ओरिएंटलिस'' व ''टी. माकोयी''), एल्बाकोर (''टी. अलालुंगा'') तथा स्किपजैक (''कात्सूवोनस पेलामिस'') हैं।<ref name="ISSF">{{cite web
|url=http://www.iss-foundation.org/files/b45a4eb2-f9d7-4ed6-87a1-2efe2519baf6/ISSF_A-1%20Introduction.pdf
|title=Status of the World Fisheries for Tuna
|publisher=ISSF
|date=10 नवम्बर 09
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|archive-date=27 मार्च 2010
|url-status=dead
}}</ref>
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि:
:1940 और 1960 के दशक के मध्य के बीच, बाज़ार में बिकने वाली टूना की पांच प्रमुख प्रजातियों की पकड़ी गई संख्या 300 हजार टन से लगभग 1 लाख टन पहुंच गई, जिनमें से अधिकांश हुक और लाइन द्वारा पकड़ी गईं। अब सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाले पर्स-सीन जालों के विकास के साथ, पिछले कुछ सालों में यह संख्या सालाना 4 मिलियन टन से अधिक बढ़ी है। पकड़ी गई मात्रा का 68 प्रतिशत हिस्सा प्रशांत महासागर, 22 प्रतिशत हिंद महासागर और शेष 10 प्रतिशत अटलांटिक महासागर और भूमध्य सागर से है। पकड़ी गई मात्रा का 60 प्रतिशत हिस्सा स्किपजैक का है, जिसके बाद येल्लोफिन (24 प्रतिशत), बिगआई (10 प्रतिशत), एल्बाकोर (5 प्रतिशत) तथा शेष हिस्सा ब्लुफ़िन का है। वैश्विक उत्पादन का 62 प्रतिशत पर्स-सीन्स, 14 प्रतिशत लॉन्गलाइन, लगभग 11 प्रतिशत पोल व लाइन तथा शेष 3 प्रतिशत अन्य उपकरणों की सहायता से पकड़ा जाता है।<ref name="ISSF"/>
2006 में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने आरोप लगाया कि [[जापान]] ने अवैध रूप से प्रतिवर्ष 12000 से 20000 टन दक्षिणी ब्लूफिन पकड़ कर 6000 टन की सहमत मात्रा से अधिक मछली पकड़ी थी; इस प्रकार की जरूरत से अधिक मछली की लागत लगभग 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी।<ref>[https://web.archive.org/web/20061113131846/http://www.abc.net.au/news/newsitems/200610/s1765413.htm ब्रैडफोर्ड, गिल्लियन.] एबीसी (ABC) न्यूज. 16 अक्टूबर 2006.</ref> इस प्रकार के जरूरत से अधिक मछली के शिकार ने ब्लूफिन की मात्रा को अत्यधिक क्षति पहुंचाई है।<ref>[http://www.washingtonpost.com/wp-dyn/content/article/2009/11/28/AR2009112801066.html इलपरिन, जूलियट.] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20121113094821/http://www.washingtonpost.com/wp-dyn/content/article/2009/11/28/AR2009112801066.html |date=13 नवंबर 2012 }}[http://www.washingtonpost.com/wp-dyn/content/article/2009/11/28/AR2009112801066.html "समुद्र के खजाने का बचाव"] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20121113094821/http://www.washingtonpost.com/wp-dyn/content/article/2009/11/28/AR2009112801066.html |date=13 नवंबर 2012 }} ''वॉशिंगटन पोस्ट.'' 29 नवम्बर 2009.</ref> डब्ल्यूडब्ल्यूएफ" (WWF) के अनुसार, यदि मत्स्य व्यापार करने वाली इकाईयां कोटे का सख्ती से पालन नहीं करतीं हैं तो टूना के प्रति जापान की अत्यधिक भूख व्यवसायिक रूप से सबसे अधिक पकड़ी जाने वाली मछली को विलुप्त होने के कगार पर पहुंचा देंगी।<ref>{{cite news
|url=http://www.guardian.co.uk/environment/2007/jan/22/japan.conservationandendangeredspecies
|title=Japan warned tuna stocks face extinction
|first=Justin
|last=McCurry
|work=द गार्डियन
|date=जनवरी 22, 2007
|accessdate=2 अप्रैल 2008
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|archive-date=19 सितंबर 2012
|url-status=live
}}</ref> जवाब में जापान की मत्स्य अनुसंधान एजेंसी का कहना है कि आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टूना मछली पकड़ने वाली कम्पनियां दक्षिणी ब्लूफिन की कुल पकड़ी गई मात्रा को कम करके बताती हैं तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य कुल मात्रा की उपेक्षा करती हैं।<ref>राइट, हिल्लेल, " [https://archive.is/20120714062548/search.japantimes.co.jp/cgi-bin/fl20110109x1.html क्या जापान के मछली प्रेमी टूना को विलुप्त करने के लिए खा रहे हैं?] ''"जापान टाइम्स,'' 9 जनवरी 2011, पृष्ठ 7.</ref>
2010 में, टोक्यो के त्सुकिजी मछली बाज़ार में 232 किलोग्राम (511.47 पाउंड) वजनी एक ब्लूफिन टूना 16.28 मिलियन येन (175000 अमेरिकी डॉलर) में बिकी थी।<ref>[http://news.bbc.co.uk/2/hi/asia-pacific/8440758.stm टोक्यो नीलामी के नौ सालों में टूना का उच्चतम मूल्य मिला] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20110713012528/http://news.bbc.co.uk/2/hi/asia-pacific/8440758.stm |date=13 जुलाई 2011 }} ''बीबीसी समाचार,'' 5 जनवरी 2010.</ref>
2011 की शुरुआत में, टोक्यो के त्सुजिकी बाजार में एक नीलामी के दौरान 754 पाउंड (342 किलोग्राम) वजनी एक ब्लूफिन टूना को 32.49 मिलियन येन में बेच कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया गया। यह प्रति किलोग्राम 95000 येन के बराबर है।<ref>{{Cite web |url=http://sg.finance.yahoo.com/news/Giant-tuna-fetches-record-apf-858529627.html?x=0 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=18 मई 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110109153607/http://sg.finance.yahoo.com/news/Giant-tuna-fetches-record-apf-858529627.html?x=0 |archive-date=9 जनवरी 2011 |url-status=dead }}</ref>
=== मछली पकड़ने के तरीके ===
* ''अल्माडराबा '' की अंडालूसियन विधि, में जालों की भूलभुलैया का प्रयोग होता है। सिसिली में इसी विधि को ''टोन्नारा'' कहा जाता है।
* मछली पालन (पिंजरा प्रणाली)<ref name="doolette"/>
* लॉन्गलाइन से मछली पकड़ना
* पर्स सीन
* पोल और लाइन
* हारपून बंदूक
* बिग गेम फिशिंग
* मछली एकत्रित करने वाला उपकरण
=== व्हेल के शिकार के साथ संबंध ===
2005 में, [[नौरु|नाउरू]] ने उस वर्ष की इंटरनेशनल व्हेलिंग कमीशन की बैठक में अपने वोट के बचाव में यह तर्क दिया कि टूना के भंडार तथा देश के मत्स्य पालन के बेड़े को को संरक्षित रखने के लिए व्यवसायिक तौर पर व्हेल का शिकार आवश्यक है।
=== डॉल्फिन के साथ संबंध ===
[[डॉल्फिन]] टूना की कई प्रजातियों के आस पास तैरती हैं। इनमें पूर्वी प्रशांत महासागर में पाई जाने वाली येल्लोफिन टूना शामिल है, किन्तु एल्बाकोर शामिल नहीं है। ऐसा माना जाता है कि शार्क, जो टूना का शिकार करती हैं, के झुंडों से बचने के लिए टूना के झुण्ड खुद को डॉल्फिन मछलियों के बीच मिला लेते हैं।<ref>{{cite web |url=http://journalism.berkeley.edu/projects/border/ensenada.html |title=ENSENADA: El Puerto del Atun |publisher=Journalism.berkeley.edu |date= |accessdate=22 सितंबर 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20100524134557/http://journalism.berkeley.edu/projects/border/ensenada.html |archive-date=24 मई 2010 |url-status=live }}</ref>
व्यवसायिक मछली पकड़ने की नौकाएं डॉल्फिन के झुंडों की तलाश कर के इस गठजोड़ का फायदा उठाती थीं। नौकाएं नीचे से टूना को पकड़ने के लिए झुण्ड को जालों की सहायता से घेर लेती थीं। हालांकि ये जाल डॉल्फिन मछलियों को भी फंसा कर घायल कर देते थे अथवा मार डालते थे।<ref>{{Cite web |url=http://www.wdcs.org/dan/publishing.nsf/allweb/ADED9F368A73DC3280256E1B003F367C |title=संग्रहीत प्रति |access-date=18 मई 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20071015152805/http://www.wdcs.org/dan/publishing.nsf/allweb/ADED9F368A73DC3280256E1B003F367C |archive-date=15 अक्तूबर 2007 |url-status=dead }}</ref> सार्वजनिक आपत्तियों और नई सरकार के विनियमों, जिन पर अब एनओएए (NOAA) द्वारा निगरानी रखी जाती है, द्वारा अब "डॉल्फिन के प्रति अनुकूल" विधियों का प्रयोग किया जाता है, जिसके कारण अब आम तौर पर जाल की बजाए लाइन का प्रयोग होता है। हालांकि, अभी भी किसी प्रकार के सार्वभौमिक स्वतंत्र निरीक्षण कार्यक्रम या डॉल्फिन की सुरक्षा के सत्यापन का अभाव है, इसलिए ये सुरक्षा प्रबंध काफी नहीं हैं। उपभोक्ता संघ के अनुसार, जवाबदेही की कमी का अर्थ वे दावे हैं जिनके अनुसार "डॉल्फिन के लिए सुरक्षित" मानी जाने वाली टूना के शिकार की अनुमति दी जानी चाहिए।
मत्स्य प्रथाएं डॉल्फिन मछलियों के अनुकूल बदली हैं, जिनके कारण [[हाँगर|शार्क]], कछुओं तथा अन्य समुद्री मछलियों जैसे सह-उत्पादों को पकड़ने की संख्या में वृद्धि हुई है। मछुआरे अब डॉल्फिन मछलियों का पीछा नहीं करते, बल्कि अब मछलियों के एकत्रित करने वाले उपकरणों, जिन्हें ऍफ़एडी (FADs) भी कहा जाता है, की सहायता से तैरने वाले उत्पादों को पकड़ने पर ध्यान केन्द्रित करते हैं, जो अन्य जीवों की एक बड़ी आबादी को आकर्षित करते हैं। डॉल्फिन को संरक्षित करने के लिए लोगों को संतुष्ट करने के लिए किए गए उपाय अन्य प्रजातियों के लिए भी संभवतः हानिकारक हो सकते हैं।<ref>{{Cite web |url=http://southernfriedscience.com/2009/02/16/the-ecological-disaster-that-is-dolphin-safe-tuna/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=18 मई 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20100121054428/http://southernfriedscience.com/2009/02/16/the-ecological-disaster-that-is-dolphin-safe-tuna/ |archive-date=21 जनवरी 2010 |url-status=dead }}</ref>
== मनोरंजन के लिए मछली पकड़ना ==
1950 के दशक से लेकर 1970 के दशक तक, ब्लूफिन [[क्यूबा]], [[फ़्लोरिडा|फ्लोरिडा]] के तट से कुछ मील दूर बिमिनी व कैट में बहुतायत से पाई जाती थीं और इन्हें मनोरंजन के तौर पर प्रयुक्त करने वाले मछुआरों द्वारा पकड़ी जाती थी, जिनमे प्रमुख रूप से [[अर्नेस्ट हेमिंगवे|अर्नेस्ट हेमिंग्वे]] तथा हबाना जो ने 1938 में ''पिलर'' नामक 40 फुट लंबी व्हीलर की सवारी की थी। बिग-गेम फिशिंग नामक इस नए रोमांचक खेल का प्रचार तेजी से हुआ। इस खेल की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद, उस समय की नौकाएं बहुमूल्य मछली से लड़ने के लिए शायद ही आदर्श थीं। उस समय प्रयुक्त होने वाली अधिकांश नौकाएं परिवर्तित केबिन क्रूज़र थीं, जो अत्यंत धीमी थीं तथा जिन्हें चलाना कठिन था।
1946 में दक्षिण फ्लोरिडा के रीबोविच परिवार ने अंततः एक नाव का निर्माण किया जिसने इस खेल की पुनः शुरुआत की तथा एक नए उद्योग को जन्म दिया। मिस चेवी द्वितीय नामक यह नाव दुनिया भर में देखी गई पहली स्पोर्ट्स फिशिंग नौका थी।<ref>{{Cite web |url=http://www.rybovich.com/RyboHistory.aspx |title=संग्रहीत प्रति |access-date=18 मई 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20100309125935/http://www.rybovich.com/RyboHistory.aspx |archive-date=9 मार्च 2010 |url-status=dead }}</ref>
विशेष रूप से मेरिट ने 1950 से 1970 के दशक तक अपनी 37 व 43-फुट की बदली जा सकने वाली नौकाओं द्वारा विशेष ख्याति हासिल की, जिन्होनें रीबोविच द्वारा बनाई गयी नौकाओं जैसी अन्य नौकाओं के साथ मिल कर दुनिया भर में बिग गेम फिशिंग के खेल को बढ़ावा दिया।
== प्रबंधन और संरक्षण ==
टूना के संरक्षण के लिए पांच प्रमुख मत्स्य प्रबंधन निकाय हैं: द वेस्टर्न सेन्ट्रल पैसिफिक ओशन फिशरीज़ कमीशन, द इंटर-अमेरिकन ट्रॉपिकल टूना कमीशन, द इंडियन ओशन टूना कमीशन, द इंटरनेशनल कमीशन फॉर द कंज़र्वेशन ऑफ़ एटलांटिक टूना तथा द कमीशन फॉर द कंज़र्वेशन ऑफ़ सदर्न ब्लूफिश टूना।<ref>{{cite news
| title = WWF demands tuna monitoring system
| url = http://www.theage.com.au/news/World/WWF-demands-tuna-monitoring-system/2007/01/19/1169095972203.html
| date = 19 जनवरी 2007
| accessdate = 19 मई 2008
| location = Melbourne
| work = The Age
| archive-url = https://web.archive.org/web/20080117105557/http://www.theage.com.au/news/World/WWF-demands-tuna-monitoring-system/2007/01/19/1169095972203.html
| archive-date = 17 जनवरी 2008
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}}</ref> जनवरी 2007 में [[कोबे]], [[जापान]] में पांचों पहली बार इकट्ठे हुए। पर्यावरण संगठनों ने मत्स्य पालन और प्रजातियों के खतरों के बारे में प्रस्तुतियां<ref>{{cite web
| url = http://oceans.greenpeace.org/en/documents-reports/rfmo-kobe
| title = Briefing: Joint Tuna RFMO Meeting, Kobe 2007
| date = 23 जनवरी 2007
| accessdate = 19 मई 2008
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}}</ref> दीं। बैठक 60 देशों या क्षेत्रों द्वारा बनाई गई कार्रवाई की एक योजना के साथ संपन्न हुई। उठाये गए ठोस क़दमों में अवैध मत्स्य व्यापार से बचने तथा स्थानीय मछली पकड़ने के कोटे में अधिक पारदर्शिता के लिए मूल स्थान का प्रमाणपत्र प्रदान करना शामिल है। प्रतिनिधियों की एक अन्य संयुक्त बैठक जनवरी या फ़रवरी 2009 में यूरोप में हुई।<ref>{{cite web
| url = http://www.abc.net.au/news/newsitems/200701/s1834563.htm
| title = Conference approves global plan to save tuna stocks
| date = 26 जनवरी 2007
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| url-status = live
}}</ref>
2010 में, [[ग्रीनपीस]] इंटरनेशनल ने एल्बाकोर, बिगआई टूना, ब्लैकफिन टूना, पैसिफिक ब्लूफिन टूना, उत्तरी ब्लूफिन टूना, दक्षिणी ब्लूफिन टूना और येल्लोफिन टूना को अपनी सीफूड रेड लिस्ट में डाला। "ग्रीनपीस इंटरनेशनल सीफ़ूड रेड लिस्ट उन मछलियों की सूची है जिन्हें आम तौर पर दुनिया भर में सुपरमार्केट में बेचा जाता है और जिन्हें अवैध मत्स्य व्यापार द्वारा प्राप्त करने का अत्यधिक जोखिम होता है।<ref>{{cite web |url=http://www.greenpeace.org/international/seafood/red-list-of-species |title=Greenpeace International Seafood Red list |publisher=Greenpeace.org |date=17 मार्च 2003 |accessdate=22 सितंबर 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20100410205501/http://www.greenpeace.org/international/seafood/red-list-of-species |archive-date=10 अप्रैल 2010 |url-status=live }}</ref><ref>{{cite news | url=http://www.nytimes.com/2010/06/27/magazine/27Tuna-t.html | title=Tuna's End | first=Paul | last=Greenberg | date=21 जून 2010 | work=दि न्यू यॉर्क टाइम्स | access-date=18 मई 2011 | archive-url=https://web.archive.org/web/20110512023949/http://www.nytimes.com/2010/06/27/magazine/27Tuna-t.html | archive-date=12 मई 2011 | url-status=live }}</ref>
जबकि कई भंडार बने रहने में कामयाब हुए हैं, यह व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है कि ब्लूफिन का अत्यधिक शिकार किया गया है, जिससे कुछ भंडारों के समाप्त होने का जोखिम पैदा हो गया है।<ref>{{cite news
|url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/science/nature/7040011.stm
|title=Last rites for a marine marvel?
|first=Richard
|last=Black
|publisher=बीबीसी न्यूज़ Online
|date=17 अक्टूबर 2007
|accessdate=17 अक्टूबर 2007
|archive-url=https://web.archive.org/web/20071018212840/http://news.bbc.co.uk/2/hi/science/nature/7040011.stm
|archive-date=18 अक्तूबर 2007
|url-status=live
}}</ref><ref> इतो, मासामी, "[https://archive.is/20120716111403/search.japantimes.co.jp/cgi-bin/nn20100831i1.html क्या टूना के प्रति जापान के प्रेम का अर्थ उसे विलुप्त होने की हद तक प्रेम करना है?] ", ''जापान टाइम्स,'' 31 अगस्त 2010, पृष्ठ 3.</ref> इंटरनेशनल सीफूड सस्टेनेबिलिटी फाउंडेशन (जो कि टूना उद्योग, वैज्ञानिकों, तथा वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर की भागीदारी से बना एक वैश्विक, गैर-लाभकारी संगठन है) के अनुसार हिंद महासागर की येल्लोफिन टूना, प्रशांत महासागर (पूर्वी व पश्चिमी) की बिगआई टूना तथा उत्तरी एटलांटिक के एल्बाकोर टूना, इन सभी का आवश्यकता से अधिक शिकार किया गया है। माना जाता है कि अप्रैल 2009 में, स्किपजैक टूना (जोकि दुनिया भर में पकड़ी जाने वाली टूना मछलियों का लगभग 60 प्रतिशत है) के किसी भंडार का आवश्यकता से अधिक शिकार नहीं किया गया।<ref>{{cite web
|url=http://www.iss-foundation.org/files/e71afd66-086a-41c7-a71c-c2935687dcef/ISSF_A-2%20Summary%20(3).pdf
|title=Status of the World Fisheries for Tuna
|publisher=ISSF
|date=10 नवम्बर 09
|accessdate=10 नवंबर 2009
|archive-url=https://web.archive.org/web/20100327022746/http://www.iss-foundation.org/files/e71afd66-086a-41c7-a71c-c2935687dcef/ISSF_A-2%20Summary%20%283%29.pdf
|archive-date=27 मार्च 2010
|url-status=dead
}}</ref>
== मत्स्यपालन ==
उच्च गुणवत्ता की टूना मछलियों को जालनुमा संरचनाओं में पाला जाता है और उन्हें मछलियों का चारा खिलाया जाता है। ऑस्ट्रेलिया में, भूतपूर्व मछुआरों ने दक्षिणी ब्लूफिन टूना, ''थुन्नुस माक्कोयी'' तथा अन्य ब्लूफिन प्रजातियों का विकास किया है।<ref name="doolette">{{cite journal
|author=Doolette, DJ and Craig, D
|title=Tuna farm diving in South Australia
|journal=South Pacific Underwater Medicine Society Journal
|volume=29
|issue=2
|year=1999
|issn=0813-1988
|oclc=16986801
|url=http://archive.rubicon-foundation.org/6006
|accessdate=17 अगस्त 2008
|archive-url=https://web.archive.org/web/20100107101138/http://archive.rubicon-foundation.org/6006
|archive-date=7 जनवरी 2010
|url-status=dead
}}</ref> इसकी करीबी संबंधी उत्तरी ब्लूफिन टूना, ''थुन्नुस थाय्न्नुस'' का उत्पादन भूमध्य सागर, [[उत्तर अमेरिका|उत्तरी अमेरिका]] और जापान में शुरू हो गया है। [[हवाई|हवाई {{Okina}}]] ने {{Convert|1300|ft|m}} गहरे पानी में बिगआई टूना की पहली अमेरिकी अपतटीय पैदावार के लिए परमिट स्वीकृत किए हैं।<ref>{{cite news
|url=http://www.google.com/hostednews/ap/article/ALeqM5iIg_1XadMxI68UaNlH2WUHf0F18QD9BH6M880
|title=Hawaii regulators approve first US tuna farm
|agency=Associated Press
|date=अक्टूबर 24, 2009
|accessdate=अक्टूबर 28, 2009
}}{{Dead link|date=अगस्त 2021 |bot=InternetArchiveBot }}</ref>
जापान टूना की सर्वाधिक खपत करने वाला देश है तथा साथ ही टूना की पैदावार के शोध में अग्रणी भी है।<ref>{{cite web
|url=http://www.livescience.com/animals/080317-sl-tuna-farming.html
|title=[[Kinki University]]
|access-date=18 मई 2011
|archive-url=https://web.archive.org/web/20080319003018/http://www.livescience.com/animals/080317-sl-tuna-farming.html
|archive-date=19 मार्च 2008
|url-status=live
}}</ref> 1979 में जापान ने पहली बार ब्लूफिन टूना की पैदावार करने तथा उत्पादन करने में सफलता हासिल की। 2002 में, यह प्रजनन का चक्र पूरा करने में सफल हो गया तथा 2007 में इसने तीसरी पीढ़ी का विकास कर लिया।<ref>{{Cite news |url=http://www.taipeitimes.com/News/editorials/archives/2006/09/30/2003329854 |title=The holy grail of fish breeding |access-date=18 मई 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20100805092418/http://www.taipeitimes.com/News/editorials/archives/2006/09/30/2003329854 |archive-date=5 अगस्त 2010 |url-status=live }}</ref><ref>{{cite web |url=http://www.flku.jp/english/aquaculture/index.html |title=Cultivation, seedling production, and selective breeding of bluefin tuna and other fish at the Kinki University Fisheries Laboratory |publisher=Flku.jp |date= |accessdate=22 सितंबर 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110624194508/http://www.flku.jp/english/aquaculture/index.html |archive-date=24 जून 2011 |url-status=dead }}</ref><ref>{{cite news | url=http://www.sfgate.com/cgi-bin/article.cgi?f=/c/a/2008/05/21/FDI910LR9P.DTL&type=printable | first=Carolyn | last=Jung | date=21 मई 2008 | work=The San Francisco Chronicle | title=संग्रहीत प्रति | access-date=14 जून 2020 | archive-url=https://web.archive.org/web/20120306040436/http://www.sfgate.com/cgi-bin/article.cgi?f=%2Fc%2Fa%2F2008%2F05%2F21%2FFDI910LR9P.DTL | archive-date=6 मार्च 2012 | url-status=live }}</ref> पैदा की गई नस्ल किनडाई टूना के रूप में जानी जाती है। किनडाई जापानी भाषा में किन्की विश्वविद्यालय (किन्की डाईगाकु) का संक्षिप्त रूप है।<ref>{{Cite web |url=http://nymag.com/restaurants/features/46633/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=18 मई 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110808202911/http://nymag.com/restaurants/features/46633/ |archive-date=8 अगस्त 2011 |url-status=live }}</ref> 2009 में, क्लीन सीज़ नामक एक ऑस्ट्रेलियाई कंपनी, जो किन्की विश्वविद्यालय<ref>{{cite web |url=http://www.fnarena.com/index2.cfm?type=dsp_newsitem&n=4213142B-1871-E587-E13DAA02FD0A4316 |title=FNArena |publisher=FNArena |date=15 मई 2009 |accessdate=22 सितंबर 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110724212216/http://www.fnarena.com/index2.cfm?type=dsp_newsitem&n=4213142B-1871-E587-E13DAA02FD0A4316 |archive-date=24 जुलाई 2011 |url-status=dead }}</ref><ref>{{cite web |url=http://www.abc.net.au/cgi-bin/common/printfriendly.pl?http://www.abc.net.au/stateline/sa/content/2005/s1509579.htm |title=Stateline South Australia |publisher=Abc.net.au |date= |accessdate=22 सितंबर 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121113102602/http://www.abc.net.au/cgi-bin/common/printfriendly.pl?http%3A%2F%2Fwww.abc.net.au%2Fstateline%2Fsa%2Fcontent%2F2005%2Fs1509579.htm |archive-date=13 नवंबर 2012 |url-status=live }}</ref><ref>{{Cite news|url=http://www.news.com.au/adelaidenow/story/0,22606,24389186-913,00.html|title=Clean Seas teams up with Japan's Kinki Uni for tuna research|first=Nigel|last=Austin|date=23 सितंबर 2008|work=The Advertiser|archiveurl=https://archive.today/20121202225644/http://www.adelaidenow.com.au/business/sa-business-journal/clean-seas-signs-tuna-research-deal/story-e6fredel-1111117560776|archivedate=2 दिसंबर 2012|access-date=18 मई 2011|url-status=live}}</ref> से सहायता प्राप्त कर रही थी, ने सीमित स्थान पर दक्षिणी ब्लूफिन का प्रजनन कराने में सफलता प्राप्त की और उन्हें ''टाइम्स'' पत्रिका द्वारा 2009 के विश्व के सर्वश्रेष अविष्कारों में द्वितीय स्थान से सम्मानित किया गया।<ref>http://www.time.com/time/specials/packages/article/0{{Dead link|date=अगस्त 2021 |bot=InternetArchiveBot }}, 28804,1934027 _1934003_1933946, 00.html] [http://www.thinkingaustralia.com/news/brief_view.asp?id=1525 ] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20130403110610/http://www.thinkingaustralia.com/news/brief_view.asp?id=1525 |date=3 अप्रैल 2013 }}</ref>
== डिब्बाबंद टूना ==
[[चित्र:Canned and packaged tuna on supermarket shelves.jpg|thumb|right|Canned tuna on sale at an American supermarket|alt = किराने की दुकान में एक शेल्फ का चित्र]]
[[चित्र:tuna steak.JPG|thumb|right|Tuna steak served in a French bistro|alt = भुनी हुई टूना और पत्तेदार सब्जियों से युक्त प्लेट का चित्र]]
डिब्बाबंद टूना का उत्पादन सर्वप्रथम 1903 में किया गया था, जो शीघ्रता से लोकप्रिय होता जा रहा है।<ref name="Choice2004">चॉइस: जनवरी / फरवरी 2004.</ref> टूना को खाद्य तेलों, नमकीन पानी या जल स्रोत के पानी द्वारा डिब्बाबंद किया जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, डिब्बाबंद टूना के 52% हिस्से का प्रयोग सैंडविच के लिए; 22% का प्रयोग सलाद के लिए; तथा 15% का प्रयोग पुलाव तथा सहायक भराव सामग्री के रूप में किया जाता है।<ref name="modernmarvels">"टूना". ''आधुनिक चमत्कार,'' 4 फ़रवरी 2010.</ref>
संयुक्त राज्य अमेरिका में, "सफ़ेद मांस वाली टूना"<ref>एलिस, रिचर्ड. ''टूना: ए लव स्टोरी.'' न्यूयॉर्क: रैंडम हाउस, 2009, पृष्ठ 119. आईएसबीएन 0307387100</ref> के रूप में केवल एल्बाकोर को कानूनी तौर पर डिब्बाबंद प्रारूप में बेचा जा सकता है, एनी देशों में येल्लोफिन भी स्वीकार्य है। जबकि 1980 के दशक के शुरू में ऑस्ट्रेलिया में डिब्बाबंद टूना के रूप में अधिकतर दक्षिणी ब्लूफिन टूना का प्रयोग होता था, {{As of|2003|lc=on}} में आम तौर पर येल्लोफिन, स्किपजैक या टोंगोल (जिसे "उत्तरी ब्लूफिन का नाम दिया गया है") का प्रयोग होता था।<ref name="Choice2004"/>
चूंकि टूना को अक्सर उन्हें संसाधित करने की जगह से दूर पकड़ा जाता है, गुणवत्ता पर कमजोर नियंत्रण के परिणामस्वरूप नुक़सान होता है। टूना की अंतडियां आम तौर पर हाथ से निकली जाती हैं, तथा इसे बाद इसे 45 मिनट से लेकर तीन घंटे तक पकाया जाता है। इसके बाद मछली को साफ़ किया तथा बांधा जाता है, डिब्बाबंद किया जाता है और सील किया जाता है। इसके बाद सील किए गए डिब्बे को फिर से 2 से 4 घंटे तक गरम (रेटोर्ट कुकिंग कहते हैं) किया जाता है।<ref>{{cite web
|url=http://www.dol.gov/esa/whd/AS/sec3.htm
|title=The tuna processing industry
|publisher=US Dept. of Labor
|accessdate=15 अक्टूबर 2007
|archive-url=https://web.archive.org/web/20070930165245/http://www.dol.gov/esa/whd/AS/sec3.htm
|archive-date=30 सितंबर 2007
|url-status=dead
}}</ref> यह प्रक्रिया किसी भी जीवाणु को तो मारती है किन्तु हिस्टामाइन को बरकरार रखती है जो बासी स्वाद का कारण बन सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार हिस्टामाइन की अधिकतम मात्रा एक किलोग्राम में 200 मिलीग्राम निर्धारित की गई है। असुगंधित डिब्बाबंद टूना मछलियों की 53 किस्मों पर हुए एक ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन में किसी भी किस्म में हिस्टामाइन का स्तर सुरक्षित सीमा से अधिक नहीं पाया गया, हालांकि इनमें से कुछ का जायका "खराब" था।<ref name="Choice2004"/>
ऑस्ट्रेलियाई मानकों के अनुसार किसी समय एक डिब्बे में कम से कम 51% टूना अनिवार्य थी, किन्तु इन नियमों को 2003 में ख़त्म कर दिया गया।<ref name="Choice2003">चॉइस, अगस्त 2003.</ref><ref>http://www.choice.com.au/viewArticle.aspx?id=104101&amp;catId=100406&amp;tid=100008&amp;p=2&amp;title=Test:+Canned+tuna+{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }} (archived)</ref> आमतौर पर शेष भार तेल या पानी का होता है। [[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमेरिका]] में, एफडीए (FDA) डिब्बाबंद टूना पर नियंत्रण रखती है। (देखें भाग ''ग'').<ref>{{cite web |url=http://www.accessdata.fda.gov/scripts/cdrh/cfdocs/cfcfr/CFRSearch.cfm?fr=161.190 |title=CFR - Code of Federal Regulations Title 21 |publisher=Accessdata.fda.gov |date= |accessdate=22 सितंबर 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20120213172920/http://www.accessdata.fda.gov/scripts/cdrh/cfdocs/cfcfr/CFRSearch.cfm?fr=161.190 |archive-date=13 फ़रवरी 2012 |url-status=live }}</ref> 2008 में, "टूना की उच्च लागत" की वजह से टूना के कुछ डिब्बों को {{Convert|6|oz|g}} से {{Convert|5|oz|g}} में बदल दिया गया।<ref>{{cite web |url=http://foodimportgroup.blogspot.com/2008_05_01_archive.html |title=FOOD IMPORT GROUP Market Flash: May 2008 |publisher=Foodimportgroup.blogspot.com |date=22 मई 2008 |accessdate=22 सितंबर 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20170923095637/http://foodimportgroup.blogspot.com/2008_05_01_archive.html |archive-date=23 सितंबर 2017 |url-status=dead }}</ref>
== पोषण और स्वास्थ्य ==
डिब्बाबंद टूना कई भार उठाने वाले प्रशिक्षकों के आहार का एक प्रमुख घटक है, चूंकि इसमें अत्यधिक [[प्रोटीन]] होता है तथा इसे आसानी से तैयार किया जा सकता है।
टूना एक तैलीय मछली है और इसलिए इसमें उच्च मात्रा में [[विटामिन डी]] होता है। अमेरिकी आहार के सन्दर्भ में एक तेलयुक्त टूना के एक डिब्बे में शिशुओं, बच्चों, 19-50 वर्ष के पुरुषों तथा महिलाओं के लिए विटामिन डी की ''पर्याप्त मात्रा'' (एआई/AI) - 200 आईयू (IU) होती है।
डिब्बाबंद टूना ओमेगा-3 फैटी एसिड का भी एक अच्छा स्रोत हो सकती हैं। यह कभी कभी एक आहार में {{Convert|300|mg|oz}} से अधिक होता है।<ref>{{cite web
|url=http://www.omega-3centre.com/sources_long_chain.html
|title=Omega-3 Centre
|accessdate=27 जुलाई 2008
|work=Omega-3 sources
|publisher=Omega-3 Centre
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|archivedate=18 जुलाई 2008
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}}</ref>
=== पारे का स्तर ===


{{See also|Mercury in fish}}
{{drugbox
|name  =


|ATC_suffix  = <Macro 'metabolism'>
टूना में पारे के स्तर में भिन्नता हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, रुत्गर्स विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षण में पाया गया कि स्टारकिस्ट (StarKist) के एक डिब्बे में इसी प्रकार की एक टूना के एक अन्य डिब्बे से 10 गुना अधिक पारा था। इसने रुत्गर्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के स्टाफ को पारे के परीक्षण के लिए प्रेरित किया, जिनका कहना था कि "यह एक ऐसा कारण है जिससे गर्भवती महिलाओं को वास्तव में सावधान रहना होगा... गर्भावस्था के दौरान यदि आप गंभीर स्थिति में पारे के उच्च स्तर वाले दो या तीन डिब्बे खा लेते हैं तो यह अच्छा नहीं होगा।" टूना में पाए जाने वाले पारे के बारे में चेतावनी देने वालों में एक अन्य संस्था अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन है, जिसने यह नीति अपनाई है कि चिकित्सकों को संभावित खतरों से जागरूक करने के लिए अपने रोगियों की मदद करनी चाहिए।<ref>{{cite news | url=http://www.chicagotribune.com/features/health/chi-0512130114dec13,0,4864620,full.story | work=Chicago Tribune | title=How safe is tuna? | first1=Sam | last1=Roe | first2=Michael | last2=Hawthorne | access-date=18 मई 2011 | archive-url=https://web.archive.org/web/20091126023316/http://www.chicagotribune.com/features/health/chi-0512130114dec13,0,4864620,full.story | archive-date=26 नवंबर 2009 | url-status=live }}</ref>
|IUPHAR_ligand        = DB10574
 
|protein_bound =  
2008 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि टूना के मांस में पारे का अंश वसा सामग्री से संबंधित है, इसने बताया कि खाद्य टूना के ऊतकों के भीतर वसा के जमाव का पारे के अंश पर कम प्रभाव पड़ता है।<ref>{{Cite journal
|synonyms =  
| last = Balshaw
}}
| first = S.
==विवरण==
| authorlink =  
टूना एलर्जेनिक अर्क का उपयोग एलर्जेनिक परीक्षण में किया जाता है।
| author2 = J.W. Edwards, K.E. Ross, and B.J. Daughtry
| title = Mercury distribution in the muscular tissue of farmed southern bluefin tuna (Thunnus maccoyii) is inversely related to the lipid content of tissues
==वर्गीकरण==
| journal = Food Chemistry
<table border="1" class="dataframe"><tr><td>साम्राज्य</td><td></td></tr><tr><td>सुपर वर्ग</td><td></td></tr><tr><td>वर्ग</td><td></td></tr><tr><td>उप वर्ग</td><td></td></tr></table>
| volume = 111
| issue = 3
==सन्दर्भ==
| pages = 616–621
[[Category: कोष्ठिका मध्यस्थित उन्मुक्ति]]
| publisher =
[[Category: बढ़ी हुई हिस्टामाइन रिलीज]]
| location =
[[Category: गैर-मानकीकृत खाद्य एलर्जीनिक अर्क]]
| date = December 2008
| url = http://www.sciencedirect.com/science?_ob=ArticleURL&_udi=B6T6R-4SBY4YP-1&_user=10&_coverDate=12%2F01%2F2008&_rdoc=1&_fmt=high&_orig=search&_sort=d&_docanchor=&view=c&_searchStrId=1274914421&_rerunOrigin=google&_acct=C000050221&_version=1&_urlVersion=0&_userid=10&md5=47ba5949faf1e1a3fc0e071896f6eeb7
| issn =  
| doi = 10.1016/j.foodchem.2008.04.041
| id =  
| accessdate = March 30, 2010
}}{{Dead link|date=अगस्त 2021 |bot=InternetArchiveBot }}</ref> इन निष्कर्षों ने सुझाया कि खाने के लिए कम वसायुक्त टूना की तुलना में अधिक प्राकृतिक वसायुक्त किस्म की टूना के चुनाव से पारे के सेवन की मात्रा कम हो सकती है।
 
उद्योग-प्रायोजित समूह सेंटर फॉर कंज्यूमर फ्रीडम, जो अपने सहयोगियों के नाम गुप्त रखता है, का दावा है कि टूना में पाए जाने वाले मिथाइलमर्करी से स्वास्थ्य को होने वाले खतरों को टूना में पाए जाने वाले [[सेलेनियम]] द्वारा घटाया जा सकता है,<ref>{{cite web
| title = Selenium: Mercury's Magnet
| url = http://www.mercuryfacts.org/fselenium.cfm
| accessdate = 3 जुलाई 2009
| archive-url = https://web.archive.org/web/20090804022520/http://www.mercuryfacts.org/fSelenium.cfm
| archive-date = 4 अगस्त 2009
| url-status = dead
}}</ref> हालांकि इसकी कार्यविधि और इससे होने वाले प्रभाव बड़े पैमाने पर अज्ञात हैं।<ref>{{cite journal
|journal=Tohoku J Exp Med
|year=2002
|volume=196
|issue=2
|pages=71–7
|title=Modification of mercury toxicity by selenium: practical importance?
|author=Watanabe C
|doi=10.1620/tjem.196.71
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|archive-date=13 जनवरी 2009
|url-status=live
}}</ref>
 
भोजन श्रृंखला में सबसे ऊपर होने के नाते और इनके आहार में भारी धातुओं के एकत्रित होने के कारण, ब्लूफिन और एल्बाकोर जैसी बड़ी प्रजातियों में पारे का स्तर बहुत ज्यादा हो सकता है।
 
2009 में कैलिफोर्निया की अदालत ने इस निर्णय को सही ठहराया कि डिब्बाबंद टूना पर चेतावनी लेबलों की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मिथाइलमर्करी स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होता है।<ref>{{cite web
| title = California Court of Appeals Ruling
| url = http://www.courtinfo.ca.gov/opinions/documents/A116792.PDF
| date = 2009-03
| accessdate = 25 मार्च 2009
| archive-url = https://web.archive.org/web/20090326130249/http://www.courtinfo.ca.gov/opinions/documents/A116792.PDF
| archive-date = 26 मार्च 2009
| url-status = dead
}}</ref>
 
मार्च 2004 में [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] एफडीए द्वारा जारी निर्देशों में सिफारिश की गई कि गर्भवती महिलाओं, शिशु की देखभाल करने वाली माताओं और बच्चों को टूना तथा दूसरी मांसभक्षी मछलियों का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।<ref>{{cite web
| title = What You Need to Know About Mercury in Fish and Shellfish
| url = http://www.cfsan.fda.gov/~dms/admehg3.html
| date = 2004-03
| accessdate = 19 मई 2007
| archive-url = https://web.archive.org/web/20070519060018/http://www.cfsan.fda.gov/~dms/admehg3.html
| archive-date = 19 मई 2007
| url-status = live
}}</ref>
 
2007 में यह सूचना दी गई कि येल्लोफिन टूना<ref>{{cite news
|title=FDA to check tuna
|url=http://www.chicagotribune.com/news/nationworld/chi-0512310211dec31,1,2450043.story
|accessdate=21 जून 2007
|work=Chicago Tribune
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}}</ref> जैसी कुछ हल्की डिब्बाबंद टूना में पारे की मात्रा स्किपजैक की तुलना में कहीं अधिक है और इसलिए उपभोक्ता संघों तथा अन्य कार्य समूहों ने राय दी कि गर्भवती महिलाओं को डिब्बाबंद टूना के सेवन से बचना चाहिए।<ref>{{cite web
| title = Mercury in tuna
| url = http://www.consumerreports.org/cro/food/tuna-safety/overview/0607_tuna_ov.htm
| date = 2006-06
| accessdate = 19 मई 2007
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}}</ref> इस सलाह को जरूरत से अधिक सख्त माना गया और इसलिए प्रमुख वैज्ञानिक तथा सरकारी संगठनों द्वारा इसका अनुमोदन नहीं किया गया।
 
कम पारे के साथ तथा कम महंगी डिब्बाबंद टूना के रूप में पूर्वी लिटिल टूना ''(यूथाय्न्नुस एफ्फिनिस)'' दशकों से उपलब्ध है। हालांकि, अमेरिका द्वारा आयात की जाने वाली डिब्बाबंद टूना की पांच प्रमुख प्रजातियों में इसका व्यवसायिक आकर्षण सबसे कम है, जिसका प्रमुख कारण इसका गहरा रंग तथा अधिक स्पष्ट 'मछली जैसा' स्वाद है। परंपरागत रूप से इसका इस्तेमाल संस्थागत (गैर खुदरा) व्यापार तक सीमित है।
 
जनवरी 2008 में न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा आयोजित एक जांच में सुशी टूना की कुछ प्रजातियों में पारे का खतरनाक स्तर पाए जाने पर इस स्तर के बारे में सूचित किया गया कि "यह इतना अधिक था कि बाज़ार से मछली को हटाने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन कानूनी कार्रवाई कर सकता था।"<ref>{{cite news
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|title=High Mercury Levels Are Found in Tuna Sushi
|publisher=New York Times
|date=जनवरी 23, 2008
|accessdate=सितंबर 11, 2009
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}}</ref>
 
== इन्हें भी देखें ==
* मछली पकड़ने के पर्यावरणीय प्रभाव
 
== सन्दर्भ ==
{{Reflist|2}}
 
== अग्रिम पठन ==
* क्लोवर, चार्ल्स. 2004. ''[[The End of the Line: How Overfishing Is Changing the World and What We Eat]]'' . एबुरी प्रेस, लंदन. आईएसबीएन (ISBN) 0-09-189780-7
* एफएओ: प्रजाति कैटालॉग द्वितीय संस्करण विश्व के स्कॉमब्रिड्स. एफएओ मत्स्य सार सं 125, भाग 2. FIR/S125. भाग 2.आईएसबीएन (ISBN) 92-5-101381-0
* एफएओ: समुद्री दुनिया के मत्स्य संसाधनों की समीक्षा: [https://web.archive.org/web/20110316231849/http://firms.fao.org/firms/resource/16001/en टूना और टूना जैसी प्रजातियां - ग्लोबल, 2005] रोम.
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
{{Commons category|Scombridae}}
{{Cookbook}}
* [https://web.archive.org/web/20110707184509/http://www.atuna.com/ atuna.com] - टूना बाजार का प्रवेश द्वार
* [https://web.archive.org/web/20101025031417/http://www.healthytuna.com/health-nutrition टूना के पोषाहार लाभ]
* [https://web.archive.org/web/20110908014734/http://watanabeblade.com/english/custom.htm स्लाइड शो - मगुरो (टूना) को कैसे काटें]
* [https://web.archive.org/web/20090511233558/http://www.cfsan.fda.gov/~lrd/fcf161.html अमेरिका का संघीय विनियम कोड 21CFR161 मछली और शंख]
* [[नौरु|नाउरू]] और सीमित संख्या में टूना मछली पकड़ना: {{cite web |author=Vince Sinning and Alex Kasten, Research Assistant |url=http://www.un.int/nauru/pressreleases.html#062905 |title=Nauru Press Releases |publisher=Un.int |date= |accessdate=22 सितंबर 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20080120082010/http://www.un.int/nauru/pressreleases.html#062905 |archive-date=20 जनवरी 2008 |url-status=dead }}
* [https://web.archive.org/web/20130308120523/http://www.nytimes.com/2008/01/25/nyregion/25nyc.html?ref=nyregion nytimes.com, टूना मछली की कहानियां: द कैंडीडेट्स स्पिन द सुशी]
* [https://web.archive.org/web/20140524190509/http://www.stanford.edu/group/microdocs/ लघुलेख] : [https://web.archive.org/web/20110727042839/http://www.stanford.edu/group/microdocs/sucks.html टूना]
* [http://www.sciam.com/article.cfm?id=bluefin-tuna-in-peril&amp;print=true खतरे में ब्लूफिन टूना], साइंटिफिक अमेरिकन, 24 जून 2008
* [http://www.nsf.gov/news/news_summ.jsp?cntn_id=104543&amp;org=NSF&amp;from=news कैसे गर्म टूना (और कुछ शार्क) गर्म रहती हैं] राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन, 27 अक्टूबर 2005


{{Commercial fish topics}}


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१७:११, १४ अप्रैल २०२२ के समय का अवतरण

स्क्रिप्ट त्रुटि: "other uses" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

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Tuna
Scientific classification
Species

See text.

टूना स्कॉमब्रिडे प्रजाति की खारे पानी की मछलियां हैं जिनमे से अधिकांशतः थुन्नुस वर्ग से संबंधित हैं। टूना तेज़ तैराक हैं और कुछ प्रजातियाँ स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। की गति से तैरने में सक्षम हैं। सफ़ेद माँस वाली अधिकांश मछलियों के विपरीत, टूना की मांसपेशियों के उत्तकों का रंग गुलाबी से ले कर गहरा लाल होता है। यह लाल रंग एक ऑक्सीजन बाध्यकारी अणु मायोग्लोबिन के कारण होता है, जिसकी मात्रा अधिकांशतः बाकी मछलियों की तुलना में टूना में अधिक पाई जाती है। कुछ बड़ी टूना प्रजातियाँ, जैसे कि ब्लूफिन टूना गर्म खून वाली होती हैं और मांसपेशियों को हिला कर अपने शरीर का तापमान पानी के तापमान से अधिक बढ़ा सकती हैं। यह उन्हें अपेक्षाकृत ठन्डे पानी में जीवित रहने और अन्य किस्मों की मछलियों की अपेक्षा समुद्र के विविधतापूर्ण वातावरण में रहने के लिए सक्षम बनाता है।

नाम की व्युत्पत्ति

"टूना" स्पेनिश शब्द एट्यू (atún) अरबी के تن या تون tun/tūn से, लैटिन के थुन्नुस (Thunnus) व यूनानी शब्द θύννος, थाएनॉस (thynnos) से बना है।

वर्गीकरण

alt = बार चार्ट जो दर्शाता है कि थुन्नुस थाय्न्नुस [3] पर सबसे बड़ी टूना है, इसके बाद थुन्नुस ओरिएंटलिस [4] पर, थुन्नुस ओब्सेसस [5] पर, जिम्नोसार्डा यूनीकलर [6] पर, थुन्नुस माक्कोयी [7] पर, थुन्नुस एल्बाकारेस [8] पर, गैस्ट्रोचीज़्मा मेलाम्पस [9] पर, थुन्नुस टोंग्गोल [10] पर, थुन्नुस अलालुंगा [11] पर, यूथाय्न्नुस एलेटेरेटस [12] पर, कन्चिंबज़दम्न्ब्दफ्म्ब्दमन्मन.ज्ग्न्बत्सुवोनस पेलामिस [13] पर, थुन्नुस एटलांटिकस [14] पर, एल्लोथुन्नुस फल्लाई [15] पर, यूथाय्न्नुस एफ्फिनिस [16] पर, ऑक्सिस थाज़र्ड थाज़र्ड [17] पर, ऑक्सिस रोचेई [18] पर तथा ऑक्सिस यूडोरेक्स [19] पर है।

टूना की 48 से अधिक विभिन्न प्रकार की प्रजातियां हैं। थुन्नुस (Thunnus) वर्ग में 9 प्रजातियाँ शामिल हैं:

  • एल्बाकोर, थुन्नुस अलालुंगा (बोन्नाटेर्रे, 1788).
  • येल्लोफिन टूना, थुन्नुस एल्बाकारेस (बोन्नाटेर्रे, 1788).
  • ब्लैकफिन टूना, थुन्नुस एटलांटिकस (लेस्सन, 1831).
  • दक्षिणी ब्लूफिन टूना, थुन्नुस माक्कोयी (कास्टेलनाओ, 1872).
  • बिगआई टूना, थुन्नुस ओबेसस (लोव, 1839).
  • पैसिफिक ब्लूफिन टूना, थुन्नुस ओरिएंटलिस (टेम्मिन्क्क और श्च्लेगेल, 1844).
  • उत्तरी ब्लूफिन टूना, थुन्नुस थायन्नुस (लिनिअस, 1758).
  • लॉन्गटेल टूना, थुन्नुस टोंग्गोल (ब्लीकर, 1851).
  • करासिक टूना, थुन्नुस करासिकस (लेस्सन, 1831).

कई अन्य पीढ़ियों (सभी स्कॉमब्रिडे वर्ग से संबंधित हैं) की प्रजातियों का भी सामान्य नाम "टूना" ही है।

  • स्लेंडर टूना एल्लोथुन्नुस फल्लाई (सर्वेंटी, 1948)
  • बुलेट टूना ऑक्सिस रोचेई (रिस्सो, 1810)
  • टेर्रिओवीपेट टूना ऑक्सिस टोंगोलिस (बोन्नाटेर्रे, 1788).
  • फ्रिगेट टूना ऑक्सिस थाज़र्ड (लेसपीड, 1800)
  • कावाकावा (लिटिल टूना या मैकेरल टूना) यूथायन्नुस एफ्फिनिस (कैंटर, 1849)
  • लिटिल टुन्नी (लिटिल टूना) यूथायन्नुस एल्लेटरेटस (राफिनेस्क, 1810)
  • ब्लैक स्किपजैक टूना यूथायन्नुस लिनेटस (किशीनौए, 1920)
  • डॉगटूथ टूना जिम्नोसर्डा यूनीकलर (रुप्पेल्ल, 1836)
  • स्किपजैक टूना कात्सूवोनस पेलामिस (लिनिअस, 1758)
  • लाइनसाइड टूना, थुन्नुस लिनिअस (टेम्मिन्क्क व श्च्लेगेल, 1844).

जीव विज्ञान

थुन्नुस के शरीर क्रिया विज्ञान का एक उल्लेखनीय पहलू अपने शरीर के तापमान को आस पास के समुद्री जल से ऊपर बनाए रखना है। उदाहरण के लिए, ब्लूफिन स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। ठंडे पानी में भी अपने शरीर का तापमान स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। तक बनाए रख सकती है। हालांकि, ठेठ एंडोथर्मिक प्राणियों जैसे स्तनधारियों एवं पक्षियों की तरह, टूना अपेक्षाकृत अत्यंत कम सीमा के भीतर तापमान को नहीं बनाए रखती।[१]

टूना सामान्य चयापचय से उत्पन्न गर्मी को संरक्षित कर शारीरिक ऊष्मा को प्राप्त करती है। शरीर में स्थित नसों और धमनियों का ताना बाना, जिसे रेटे मीराबाइल ("अद्भुत जाल") कहते हैं, काउंटर-करंट विनिमय प्रणाली के माध्यम से ऊष्मा को नसों में बहने वाले रक्त से धमनियों के रक्त में प्रवाहित करता है। इससे सतह की ठंडक कम हो जाती है, जिससे मांसपेशियां अपेक्षाकृत गरम रहती हैं। इससे कम उर्जा की खपत के साथ उच्च तैराकी गति मिलती है।[१]

व्यवसायिक रूप से मछली पकड़ना

गोदी पर पड़ी हुई मनुष्य से बड़े आकर की मछली का चित्र, जिसकी पृष्ठभूमि में एक मछुआरा है
Tuna being weighed on Greek quay-side
alt = टूना की कई पंक्तियों का चित्र
alt = कटिंग मशीन पर कटी हुई टूना का चित्र

टूना एक महत्वपूर्ण व्यवसायिक मछली है। इंटरनेशनल सी फ़ूड सस्टेनेबिलिटी फाउंडेशन ने 2009 में टूना के वैश्विक स्टॉक के बारे में एक विस्तृत वैज्ञानिक रिपोर्ट संकलित की, जिसमे नियमित रूप से होने वाले अपडेट शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के महासागरों में टूना व्यापक रूप से, किन्तु छोटे-छोटे झुंडों में, आम तौर पर भूमध्य रेखा के 45 डिग्री उत्तर और दक्षिण में उष्णकटिबंधीय और शीतोष्ण पानी में पाई जाती है। इन्हें स्कॉमब्रिडे वर्ग की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें लगभग 50 प्रजातियाँ शामिल हैं। इनमें व्यवसायिक और मनोरंजक मत्स्य उद्योग के लिए प्रयुक्त होने वाली सबसे महत्त्वपूर्ण मछली येल्लोफिन (थुन्नुस एल्बाकारेस), बिगआई (टी. ओबेसस), ब्लूफिन (टी. थाय्न्नुस, टी. ओरिएंटलिसटी. माकोयी), एल्बाकोर (टी. अलालुंगा) तथा स्किपजैक (कात्सूवोनस पेलामिस) हैं।[२]

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि:

1940 और 1960 के दशक के मध्य के बीच, बाज़ार में बिकने वाली टूना की पांच प्रमुख प्रजातियों की पकड़ी गई संख्या 300 हजार टन से लगभग 1 लाख टन पहुंच गई, जिनमें से अधिकांश हुक और लाइन द्वारा पकड़ी गईं। अब सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाले पर्स-सीन जालों के विकास के साथ, पिछले कुछ सालों में यह संख्या सालाना 4 मिलियन टन से अधिक बढ़ी है। पकड़ी गई मात्रा का 68 प्रतिशत हिस्सा प्रशांत महासागर, 22 प्रतिशत हिंद महासागर और शेष 10 प्रतिशत अटलांटिक महासागर और भूमध्य सागर से है। पकड़ी गई मात्रा का 60 प्रतिशत हिस्सा स्किपजैक का है, जिसके बाद येल्लोफिन (24 प्रतिशत), बिगआई (10 प्रतिशत), एल्बाकोर (5 प्रतिशत) तथा शेष हिस्सा ब्लुफ़िन का है। वैश्विक उत्पादन का 62 प्रतिशत पर्स-सीन्स, 14 प्रतिशत लॉन्गलाइन, लगभग 11 प्रतिशत पोल व लाइन तथा शेष 3 प्रतिशत अन्य उपकरणों की सहायता से पकड़ा जाता है।[२]

2006 में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने आरोप लगाया कि जापान ने अवैध रूप से प्रतिवर्ष 12000 से 20000 टन दक्षिणी ब्लूफिन पकड़ कर 6000 टन की सहमत मात्रा से अधिक मछली पकड़ी थी; इस प्रकार की जरूरत से अधिक मछली की लागत लगभग 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी।[३] इस प्रकार के जरूरत से अधिक मछली के शिकार ने ब्लूफिन की मात्रा को अत्यधिक क्षति पहुंचाई है।[४] डब्ल्यूडब्ल्यूएफ" (WWF) के अनुसार, यदि मत्स्य व्यापार करने वाली इकाईयां कोटे का सख्ती से पालन नहीं करतीं हैं तो टूना के प्रति जापान की अत्यधिक भूख व्यवसायिक रूप से सबसे अधिक पकड़ी जाने वाली मछली को विलुप्त होने के कगार पर पहुंचा देंगी।[५] जवाब में जापान की मत्स्य अनुसंधान एजेंसी का कहना है कि आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टूना मछली पकड़ने वाली कम्पनियां दक्षिणी ब्लूफिन की कुल पकड़ी गई मात्रा को कम करके बताती हैं तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य कुल मात्रा की उपेक्षा करती हैं।[६]

2010 में, टोक्यो के त्सुकिजी मछली बाज़ार में 232 किलोग्राम (511.47 पाउंड) वजनी एक ब्लूफिन टूना 16.28 मिलियन येन (175000 अमेरिकी डॉलर) में बिकी थी।[७]

2011 की शुरुआत में, टोक्यो के त्सुजिकी बाजार में एक नीलामी के दौरान 754 पाउंड (342 किलोग्राम) वजनी एक ब्लूफिन टूना को 32.49 मिलियन येन में बेच कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया गया। यह प्रति किलोग्राम 95000 येन के बराबर है।[८]

मछली पकड़ने के तरीके

  • अल्माडराबा की अंडालूसियन विधि, में जालों की भूलभुलैया का प्रयोग होता है। सिसिली में इसी विधि को टोन्नारा कहा जाता है।
  • मछली पालन (पिंजरा प्रणाली)[९]
  • लॉन्गलाइन से मछली पकड़ना
  • पर्स सीन
  • पोल और लाइन
  • हारपून बंदूक
  • बिग गेम फिशिंग
  • मछली एकत्रित करने वाला उपकरण

व्हेल के शिकार के साथ संबंध

2005 में, नाउरू ने उस वर्ष की इंटरनेशनल व्हेलिंग कमीशन की बैठक में अपने वोट के बचाव में यह तर्क दिया कि टूना के भंडार तथा देश के मत्स्य पालन के बेड़े को को संरक्षित रखने के लिए व्यवसायिक तौर पर व्हेल का शिकार आवश्यक है।

डॉल्फिन के साथ संबंध

डॉल्फिन टूना की कई प्रजातियों के आस पास तैरती हैं। इनमें पूर्वी प्रशांत महासागर में पाई जाने वाली येल्लोफिन टूना शामिल है, किन्तु एल्बाकोर शामिल नहीं है। ऐसा माना जाता है कि शार्क, जो टूना का शिकार करती हैं, के झुंडों से बचने के लिए टूना के झुण्ड खुद को डॉल्फिन मछलियों के बीच मिला लेते हैं।[१०]

व्यवसायिक मछली पकड़ने की नौकाएं डॉल्फिन के झुंडों की तलाश कर के इस गठजोड़ का फायदा उठाती थीं। नौकाएं नीचे से टूना को पकड़ने के लिए झुण्ड को जालों की सहायता से घेर लेती थीं। हालांकि ये जाल डॉल्फिन मछलियों को भी फंसा कर घायल कर देते थे अथवा मार डालते थे।[११] सार्वजनिक आपत्तियों और नई सरकार के विनियमों, जिन पर अब एनओएए (NOAA) द्वारा निगरानी रखी जाती है, द्वारा अब "डॉल्फिन के प्रति अनुकूल" विधियों का प्रयोग किया जाता है, जिसके कारण अब आम तौर पर जाल की बजाए लाइन का प्रयोग होता है। हालांकि, अभी भी किसी प्रकार के सार्वभौमिक स्वतंत्र निरीक्षण कार्यक्रम या डॉल्फिन की सुरक्षा के सत्यापन का अभाव है, इसलिए ये सुरक्षा प्रबंध काफी नहीं हैं। उपभोक्ता संघ के अनुसार, जवाबदेही की कमी का अर्थ वे दावे हैं जिनके अनुसार "डॉल्फिन के लिए सुरक्षित" मानी जाने वाली टूना के शिकार की अनुमति दी जानी चाहिए।

मत्स्य प्रथाएं डॉल्फिन मछलियों के अनुकूल बदली हैं, जिनके कारण शार्क, कछुओं तथा अन्य समुद्री मछलियों जैसे सह-उत्पादों को पकड़ने की संख्या में वृद्धि हुई है। मछुआरे अब डॉल्फिन मछलियों का पीछा नहीं करते, बल्कि अब मछलियों के एकत्रित करने वाले उपकरणों, जिन्हें ऍफ़एडी (FADs) भी कहा जाता है, की सहायता से तैरने वाले उत्पादों को पकड़ने पर ध्यान केन्द्रित करते हैं, जो अन्य जीवों की एक बड़ी आबादी को आकर्षित करते हैं। डॉल्फिन को संरक्षित करने के लिए लोगों को संतुष्ट करने के लिए किए गए उपाय अन्य प्रजातियों के लिए भी संभवतः हानिकारक हो सकते हैं।[१२]

मनोरंजन के लिए मछली पकड़ना

1950 के दशक से लेकर 1970 के दशक तक, ब्लूफिन क्यूबा, फ्लोरिडा के तट से कुछ मील दूर बिमिनी व कैट में बहुतायत से पाई जाती थीं और इन्हें मनोरंजन के तौर पर प्रयुक्त करने वाले मछुआरों द्वारा पकड़ी जाती थी, जिनमे प्रमुख रूप से अर्नेस्ट हेमिंग्वे तथा हबाना जो ने 1938 में पिलर नामक 40 फुट लंबी व्हीलर की सवारी की थी। बिग-गेम फिशिंग नामक इस नए रोमांचक खेल का प्रचार तेजी से हुआ। इस खेल की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद, उस समय की नौकाएं बहुमूल्य मछली से लड़ने के लिए शायद ही आदर्श थीं। उस समय प्रयुक्त होने वाली अधिकांश नौकाएं परिवर्तित केबिन क्रूज़र थीं, जो अत्यंत धीमी थीं तथा जिन्हें चलाना कठिन था।

1946 में दक्षिण फ्लोरिडा के रीबोविच परिवार ने अंततः एक नाव का निर्माण किया जिसने इस खेल की पुनः शुरुआत की तथा एक नए उद्योग को जन्म दिया। मिस चेवी द्वितीय नामक यह नाव दुनिया भर में देखी गई पहली स्पोर्ट्स फिशिंग नौका थी।[१३]

विशेष रूप से मेरिट ने 1950 से 1970 के दशक तक अपनी 37 व 43-फुट की बदली जा सकने वाली नौकाओं द्वारा विशेष ख्याति हासिल की, जिन्होनें रीबोविच द्वारा बनाई गयी नौकाओं जैसी अन्य नौकाओं के साथ मिल कर दुनिया भर में बिग गेम फिशिंग के खेल को बढ़ावा दिया।

प्रबंधन और संरक्षण

टूना के संरक्षण के लिए पांच प्रमुख मत्स्य प्रबंधन निकाय हैं: द वेस्टर्न सेन्ट्रल पैसिफिक ओशन फिशरीज़ कमीशन, द इंटर-अमेरिकन ट्रॉपिकल टूना कमीशन, द इंडियन ओशन टूना कमीशन, द इंटरनेशनल कमीशन फॉर द कंज़र्वेशन ऑफ़ एटलांटिक टूना तथा द कमीशन फॉर द कंज़र्वेशन ऑफ़ सदर्न ब्लूफिश टूना।[१४] जनवरी 2007 में कोबे, जापान में पांचों पहली बार इकट्ठे हुए। पर्यावरण संगठनों ने मत्स्य पालन और प्रजातियों के खतरों के बारे में प्रस्तुतियां[१५] दीं। बैठक 60 देशों या क्षेत्रों द्वारा बनाई गई कार्रवाई की एक योजना के साथ संपन्न हुई। उठाये गए ठोस क़दमों में अवैध मत्स्य व्यापार से बचने तथा स्थानीय मछली पकड़ने के कोटे में अधिक पारदर्शिता के लिए मूल स्थान का प्रमाणपत्र प्रदान करना शामिल है। प्रतिनिधियों की एक अन्य संयुक्त बैठक जनवरी या फ़रवरी 2009 में यूरोप में हुई।[१६]

2010 में, ग्रीनपीस इंटरनेशनल ने एल्बाकोर, बिगआई टूना, ब्लैकफिन टूना, पैसिफिक ब्लूफिन टूना, उत्तरी ब्लूफिन टूना, दक्षिणी ब्लूफिन टूना और येल्लोफिन टूना को अपनी सीफूड रेड लिस्ट में डाला। "ग्रीनपीस इंटरनेशनल सीफ़ूड रेड लिस्ट उन मछलियों की सूची है जिन्हें आम तौर पर दुनिया भर में सुपरमार्केट में बेचा जाता है और जिन्हें अवैध मत्स्य व्यापार द्वारा प्राप्त करने का अत्यधिक जोखिम होता है।[१७][१८]

जबकि कई भंडार बने रहने में कामयाब हुए हैं, यह व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है कि ब्लूफिन का अत्यधिक शिकार किया गया है, जिससे कुछ भंडारों के समाप्त होने का जोखिम पैदा हो गया है।[१९][२०] इंटरनेशनल सीफूड सस्टेनेबिलिटी फाउंडेशन (जो कि टूना उद्योग, वैज्ञानिकों, तथा वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर की भागीदारी से बना एक वैश्विक, गैर-लाभकारी संगठन है) के अनुसार हिंद महासागर की येल्लोफिन टूना, प्रशांत महासागर (पूर्वी व पश्चिमी) की बिगआई टूना तथा उत्तरी एटलांटिक के एल्बाकोर टूना, इन सभी का आवश्यकता से अधिक शिकार किया गया है। माना जाता है कि अप्रैल 2009 में, स्किपजैक टूना (जोकि दुनिया भर में पकड़ी जाने वाली टूना मछलियों का लगभग 60 प्रतिशत है) के किसी भंडार का आवश्यकता से अधिक शिकार नहीं किया गया।[२१]

मत्स्यपालन

उच्च गुणवत्ता की टूना मछलियों को जालनुमा संरचनाओं में पाला जाता है और उन्हें मछलियों का चारा खिलाया जाता है। ऑस्ट्रेलिया में, भूतपूर्व मछुआरों ने दक्षिणी ब्लूफिन टूना, थुन्नुस माक्कोयी तथा अन्य ब्लूफिन प्रजातियों का विकास किया है।[९] इसकी करीबी संबंधी उत्तरी ब्लूफिन टूना, थुन्नुस थाय्न्नुस का उत्पादन भूमध्य सागर, उत्तरी अमेरिका और जापान में शुरू हो गया है। हवाई ʻ ने स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। गहरे पानी में बिगआई टूना की पहली अमेरिकी अपतटीय पैदावार के लिए परमिट स्वीकृत किए हैं।[२२]

जापान टूना की सर्वाधिक खपत करने वाला देश है तथा साथ ही टूना की पैदावार के शोध में अग्रणी भी है।[२३] 1979 में जापान ने पहली बार ब्लूफिन टूना की पैदावार करने तथा उत्पादन करने में सफलता हासिल की। 2002 में, यह प्रजनन का चक्र पूरा करने में सफल हो गया तथा 2007 में इसने तीसरी पीढ़ी का विकास कर लिया।[२४][२५][२६] पैदा की गई नस्ल किनडाई टूना के रूप में जानी जाती है। किनडाई जापानी भाषा में किन्की विश्वविद्यालय (किन्की डाईगाकु) का संक्षिप्त रूप है।[२७] 2009 में, क्लीन सीज़ नामक एक ऑस्ट्रेलियाई कंपनी, जो किन्की विश्वविद्यालय[२८][२९][३०] से सहायता प्राप्त कर रही थी, ने सीमित स्थान पर दक्षिणी ब्लूफिन का प्रजनन कराने में सफलता प्राप्त की और उन्हें टाइम्स पत्रिका द्वारा 2009 के विश्व के सर्वश्रेष अविष्कारों में द्वितीय स्थान से सम्मानित किया गया।[३१]

डिब्बाबंद टूना

alt = किराने की दुकान में एक शेल्फ का चित्र
alt = भुनी हुई टूना और पत्तेदार सब्जियों से युक्त प्लेट का चित्र

डिब्बाबंद टूना का उत्पादन सर्वप्रथम 1903 में किया गया था, जो शीघ्रता से लोकप्रिय होता जा रहा है।[३२] टूना को खाद्य तेलों, नमकीन पानी या जल स्रोत के पानी द्वारा डिब्बाबंद किया जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, डिब्बाबंद टूना के 52% हिस्से का प्रयोग सैंडविच के लिए; 22% का प्रयोग सलाद के लिए; तथा 15% का प्रयोग पुलाव तथा सहायक भराव सामग्री के रूप में किया जाता है।[३३]

संयुक्त राज्य अमेरिका में, "सफ़ेद मांस वाली टूना"[३४] के रूप में केवल एल्बाकोर को कानूनी तौर पर डिब्बाबंद प्रारूप में बेचा जा सकता है, एनी देशों में येल्लोफिन भी स्वीकार्य है। जबकि 1980 के दशक के शुरू में ऑस्ट्रेलिया में डिब्बाबंद टूना के रूप में अधिकतर दक्षिणी ब्लूफिन टूना का प्रयोग होता था, as of 2003 में आम तौर पर येल्लोफिन, स्किपजैक या टोंगोल (जिसे "उत्तरी ब्लूफिन का नाम दिया गया है") का प्रयोग होता था।[३२]

चूंकि टूना को अक्सर उन्हें संसाधित करने की जगह से दूर पकड़ा जाता है, गुणवत्ता पर कमजोर नियंत्रण के परिणामस्वरूप नुक़सान होता है। टूना की अंतडियां आम तौर पर हाथ से निकली जाती हैं, तथा इसे बाद इसे 45 मिनट से लेकर तीन घंटे तक पकाया जाता है। इसके बाद मछली को साफ़ किया तथा बांधा जाता है, डिब्बाबंद किया जाता है और सील किया जाता है। इसके बाद सील किए गए डिब्बे को फिर से 2 से 4 घंटे तक गरम (रेटोर्ट कुकिंग कहते हैं) किया जाता है।[३५] यह प्रक्रिया किसी भी जीवाणु को तो मारती है किन्तु हिस्टामाइन को बरकरार रखती है जो बासी स्वाद का कारण बन सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार हिस्टामाइन की अधिकतम मात्रा एक किलोग्राम में 200 मिलीग्राम निर्धारित की गई है। असुगंधित डिब्बाबंद टूना मछलियों की 53 किस्मों पर हुए एक ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन में किसी भी किस्म में हिस्टामाइन का स्तर सुरक्षित सीमा से अधिक नहीं पाया गया, हालांकि इनमें से कुछ का जायका "खराब" था।[३२]

ऑस्ट्रेलियाई मानकों के अनुसार किसी समय एक डिब्बे में कम से कम 51% टूना अनिवार्य थी, किन्तु इन नियमों को 2003 में ख़त्म कर दिया गया।[३६][३७] आमतौर पर शेष भार तेल या पानी का होता है। अमेरिका में, एफडीए (FDA) डिब्बाबंद टूना पर नियंत्रण रखती है। (देखें भाग ).[३८] 2008 में, "टूना की उच्च लागत" की वजह से टूना के कुछ डिब्बों को स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। से स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। में बदल दिया गया।[३९]

पोषण और स्वास्थ्य

डिब्बाबंद टूना कई भार उठाने वाले प्रशिक्षकों के आहार का एक प्रमुख घटक है, चूंकि इसमें अत्यधिक प्रोटीन होता है तथा इसे आसानी से तैयार किया जा सकता है।

टूना एक तैलीय मछली है और इसलिए इसमें उच्च मात्रा में विटामिन डी होता है। अमेरिकी आहार के सन्दर्भ में एक तेलयुक्त टूना के एक डिब्बे में शिशुओं, बच्चों, 19-50 वर्ष के पुरुषों तथा महिलाओं के लिए विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा (एआई/AI) - 200 आईयू (IU) होती है।

डिब्बाबंद टूना ओमेगा-3 फैटी एसिड का भी एक अच्छा स्रोत हो सकती हैं। यह कभी कभी एक आहार में स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। से अधिक होता है।[४०]

पारे का स्तर

टूना में पारे के स्तर में भिन्नता हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, रुत्गर्स विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षण में पाया गया कि स्टारकिस्ट (StarKist) के एक डिब्बे में इसी प्रकार की एक टूना के एक अन्य डिब्बे से 10 गुना अधिक पारा था। इसने रुत्गर्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के स्टाफ को पारे के परीक्षण के लिए प्रेरित किया, जिनका कहना था कि "यह एक ऐसा कारण है जिससे गर्भवती महिलाओं को वास्तव में सावधान रहना होगा... गर्भावस्था के दौरान यदि आप गंभीर स्थिति में पारे के उच्च स्तर वाले दो या तीन डिब्बे खा लेते हैं तो यह अच्छा नहीं होगा।" टूना में पाए जाने वाले पारे के बारे में चेतावनी देने वालों में एक अन्य संस्था अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन है, जिसने यह नीति अपनाई है कि चिकित्सकों को संभावित खतरों से जागरूक करने के लिए अपने रोगियों की मदद करनी चाहिए।[४१]

2008 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि टूना के मांस में पारे का अंश वसा सामग्री से संबंधित है, इसने बताया कि खाद्य टूना के ऊतकों के भीतर वसा के जमाव का पारे के अंश पर कम प्रभाव पड़ता है।[४२] इन निष्कर्षों ने सुझाया कि खाने के लिए कम वसायुक्त टूना की तुलना में अधिक प्राकृतिक वसायुक्त किस्म की टूना के चुनाव से पारे के सेवन की मात्रा कम हो सकती है।

उद्योग-प्रायोजित समूह सेंटर फॉर कंज्यूमर फ्रीडम, जो अपने सहयोगियों के नाम गुप्त रखता है, का दावा है कि टूना में पाए जाने वाले मिथाइलमर्करी से स्वास्थ्य को होने वाले खतरों को टूना में पाए जाने वाले सेलेनियम द्वारा घटाया जा सकता है,[४३] हालांकि इसकी कार्यविधि और इससे होने वाले प्रभाव बड़े पैमाने पर अज्ञात हैं।[४४]

भोजन श्रृंखला में सबसे ऊपर होने के नाते और इनके आहार में भारी धातुओं के एकत्रित होने के कारण, ब्लूफिन और एल्बाकोर जैसी बड़ी प्रजातियों में पारे का स्तर बहुत ज्यादा हो सकता है।

2009 में कैलिफोर्निया की अदालत ने इस निर्णय को सही ठहराया कि डिब्बाबंद टूना पर चेतावनी लेबलों की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मिथाइलमर्करी स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होता है।[४५]

मार्च 2004 में संयुक्त राज्य अमेरिका एफडीए द्वारा जारी निर्देशों में सिफारिश की गई कि गर्भवती महिलाओं, शिशु की देखभाल करने वाली माताओं और बच्चों को टूना तथा दूसरी मांसभक्षी मछलियों का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।[४६]

2007 में यह सूचना दी गई कि येल्लोफिन टूना[४७] जैसी कुछ हल्की डिब्बाबंद टूना में पारे की मात्रा स्किपजैक की तुलना में कहीं अधिक है और इसलिए उपभोक्ता संघों तथा अन्य कार्य समूहों ने राय दी कि गर्भवती महिलाओं को डिब्बाबंद टूना के सेवन से बचना चाहिए।[४८] इस सलाह को जरूरत से अधिक सख्त माना गया और इसलिए प्रमुख वैज्ञानिक तथा सरकारी संगठनों द्वारा इसका अनुमोदन नहीं किया गया।

कम पारे के साथ तथा कम महंगी डिब्बाबंद टूना के रूप में पूर्वी लिटिल टूना (यूथाय्न्नुस एफ्फिनिस) दशकों से उपलब्ध है। हालांकि, अमेरिका द्वारा आयात की जाने वाली डिब्बाबंद टूना की पांच प्रमुख प्रजातियों में इसका व्यवसायिक आकर्षण सबसे कम है, जिसका प्रमुख कारण इसका गहरा रंग तथा अधिक स्पष्ट 'मछली जैसा' स्वाद है। परंपरागत रूप से इसका इस्तेमाल संस्थागत (गैर खुदरा) व्यापार तक सीमित है।

जनवरी 2008 में न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा आयोजित एक जांच में सुशी टूना की कुछ प्रजातियों में पारे का खतरनाक स्तर पाए जाने पर इस स्तर के बारे में सूचित किया गया कि "यह इतना अधिक था कि बाज़ार से मछली को हटाने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन कानूनी कार्रवाई कर सकता था।"[४९]

इन्हें भी देखें

  • मछली पकड़ने के पर्यावरणीय प्रभाव

सन्दर्भ

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