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'''जई''' एक [[फ़सल|फसल]] है। इसका उपयोग [[अनाज]], पशुओं के दाने तथा [[चारा|हरे चारे]] के लिए होता है। | |||
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[[भारत]] में जई की जातियाँ मुख्यत: ऐवना सटाइवा (Avena sativa) तथा ऐवना स्टेरिलिस (A. sterilis) वंश की हैं। यह भारत के उत्तरी भागों में उत्पन्न होती हैं। | |||
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जई की खेती के लिये शीघ्र पकनेवाली [[ख़रीफ़ की फ़सल|खरीफ]] की फसल काटने के बाद चार-पाँच जोताइयाँ करके, 125-150 मन गोबर की खाद प्रति एकड़ देनी चाहिए। अक्टूबर-नवंबर में 40 सेर प्रति एकड़ की दर से बीज बोना चाहिए। इसकी दो बार सिंचाई की जाती है। हरे चारे के लिये दो बार कटाई, जनवरी के आंरभ तथा फरवरी में, की जाती है। दूसरी सिंचाई प्रथम चारे की कटाई के बाद करनी चाहिए। हरे चारे की उपज 200-250 मन तथा दाने की 15-20 मन प्रति एकड़ होती है। हालांकि यह जई प्रजाति का पौधा गेहूं के फसल में उग जाता है। जिसे किसान घास मान कर निकाल देता है।इसे कुछ किसान घोड़ा घास के नाम से | |||
भी जानते है। घोड़ा इस जई को विशेष चाव से खा कर मजबूत हो जाता है। | |||
== जई के फायदे == | |||
==== आपका वजन बढ़ने से रोक सकता है ==== | |||
जब आप ओट्स का सेवन करेंगे तब आपको आपका पेट भरा हुआ महसूस होगा, जो आपको ज्यादा खाना खाने से रोकेगा । | |||
तो जब आप कम खाना खाएंगे तो आप अपने वजन को नियंत्रित रख सकते है । | |||
अध्ययन के अनुसार 2009 में ओटमील में पाए जाने वाला बीटा-ग्लूकॉन हमारे भूख को कम कर देता है जिससे हम भूख को नियंत्रित रख सकते है । | |||
==== कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है ==== | |||
अन्य अनाजों की तुलना से ओट्स में बहुत फाइबर मौजूद होता है । | |||
फाइबर आपके रक्त कोलेस्ट्रॉल से जुड़े सभी पदार्थो में मदद करता है । | |||
2014 में किये गए अध्ययन के अनुसार यदि आप 3g के फाइबर यानि बीटा ग्लूकॉन का सेवन करते है तो कॉलेस्टेरोल की मात्रा कम कर सकते है । | |||
== उत्पादक क्षेत्र == | |||
[[चित्र:2005oat.PNG|center|550px|thumb|२००५ में विश्व में जई का उत्पादन]] | |||
== चित्रावली == | |||
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चित्र:Haverkorrels Avena sativa.jpg | |||
चित्र:Haverplant Avena sativa.jpg | |||
चित्र:Avena sativa II.jpg | |||
चित्र:Avena sativa, Haver.jpg | |||
चित्र:Avena sativa 004.JPG | |||
चित्र:Illustration Avena sativa0.jpg | |||
चित्र:Nsr-slika-330.png | |||
चित्र:Oats in Pendomer - geograph.org.uk - 903306.jpg | |||
चित्र:Avena sativa, Haver rijp.jpg | |||
चित्र:Avena sativa 002.JPG | |||
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== बाहरी कड़ियाँ == | |||
*[https://web.archive.org/web/20181017054304/http://agropedia.iitk.ac.in/content/%E0%A4%9C%E0%A4%88-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%96%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%80-0 जई की खेती] (एग्रोपेडिया) | |||
*[https://web.archive.org/web/20140729154205/http://www.livehindustan.com/news/lifestyle/lifestylenews/article1-health-50-50-239905.html स्वाद-सेहत का जादू जई ] (लाइव हिन्दुस्तान) | |||
*[https://web.archive.org/web/20140728220908/http://rajasthanpatrika.patrika.com/article/benefits-of-oats/47792.html गुणकारी जई के लाभ] (राजस्थान पत्रिका) | |||
*[https://web.archive.org/web/20140812175724/http://www.punjabkesari.in/news/article-237630 स्वास्थ्य: स्वाद और सेहत का जादू है जई में] (पंजाब केसरी) | |||
* [https://web.archive.org/web/20111009022257/http://www.creamofthewest.com/news/articles/article.php?pageID=20 How Oats Are Processed] | |||
* [https://web.archive.org/web/20181109095814/http://oatbran.org/ Oat Bran foundation] | |||
*[https://web.archive.org/web/20190722153208/https://clickme2hindi.com/5-benefits-of-oats-in-hindi/ जई के फायदे] | |||
[[श्रेणी:फ़सलें]] | |||
[[श्रेणी:चारा]] | |||
[[श्रेणी:अन्न]] | |||
[[श्रेणी:औषधीय पादप]] |
०७:२१, २६ सितंबर २०२१ के समय का अवतरण
जई एक फसल है। इसका उपयोग अनाज, पशुओं के दाने तथा हरे चारे के लिए होता है।
भारत में जई की जातियाँ मुख्यत: ऐवना सटाइवा (Avena sativa) तथा ऐवना स्टेरिलिस (A. sterilis) वंश की हैं। यह भारत के उत्तरी भागों में उत्पन्न होती हैं।
जई की खेती के लिये शीघ्र पकनेवाली खरीफ की फसल काटने के बाद चार-पाँच जोताइयाँ करके, 125-150 मन गोबर की खाद प्रति एकड़ देनी चाहिए। अक्टूबर-नवंबर में 40 सेर प्रति एकड़ की दर से बीज बोना चाहिए। इसकी दो बार सिंचाई की जाती है। हरे चारे के लिये दो बार कटाई, जनवरी के आंरभ तथा फरवरी में, की जाती है। दूसरी सिंचाई प्रथम चारे की कटाई के बाद करनी चाहिए। हरे चारे की उपज 200-250 मन तथा दाने की 15-20 मन प्रति एकड़ होती है। हालांकि यह जई प्रजाति का पौधा गेहूं के फसल में उग जाता है। जिसे किसान घास मान कर निकाल देता है।इसे कुछ किसान घोड़ा घास के नाम से भी जानते है। घोड़ा इस जई को विशेष चाव से खा कर मजबूत हो जाता है।
जई के फायदे
आपका वजन बढ़ने से रोक सकता है
जब आप ओट्स का सेवन करेंगे तब आपको आपका पेट भरा हुआ महसूस होगा, जो आपको ज्यादा खाना खाने से रोकेगा ।
तो जब आप कम खाना खाएंगे तो आप अपने वजन को नियंत्रित रख सकते है ।
अध्ययन के अनुसार 2009 में ओटमील में पाए जाने वाला बीटा-ग्लूकॉन हमारे भूख को कम कर देता है जिससे हम भूख को नियंत्रित रख सकते है ।
कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है
अन्य अनाजों की तुलना से ओट्स में बहुत फाइबर मौजूद होता है ।
फाइबर आपके रक्त कोलेस्ट्रॉल से जुड़े सभी पदार्थो में मदद करता है ।
2014 में किये गए अध्ययन के अनुसार यदि आप 3g के फाइबर यानि बीटा ग्लूकॉन का सेवन करते है तो कॉलेस्टेरोल की मात्रा कम कर सकते है ।
उत्पादक क्षेत्र
चित्रावली
बाहरी कड़ियाँ
- जई की खेती (एग्रोपेडिया)
- स्वाद-सेहत का जादू जई (लाइव हिन्दुस्तान)
- गुणकारी जई के लाभ (राजस्थान पत्रिका)
- स्वास्थ्य: स्वाद और सेहत का जादू है जई में (पंजाब केसरी)
- How Oats Are Processed
- Oat Bran foundation
- जई के फायदे