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'''आइसोफ्लुरेन''' एक [[कार्बनिक यौगिक]] है।
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==विवरण==
एक स्थिर, गैर-विस्फोटक साँस लेना संवेदनाहारी, महत्वपूर्ण दुष्प्रभावों से अपेक्षाकृत मुक्त।
==संकेत==
सामान्य संज्ञाहरण के प्रेरण और रखरखाव के लिए।
==उपापचय==
कम से कम
==कार्रवाई की प्रणाली==
आइसोफ्लुरेन अंतराल जंक्शन चैनल के खुलने के समय को कम करके और अंतराल जंक्शन चैनल के बंद होने के समय को बढ़ाकर जंक्शन के प्रवाहकत्त्व में कमी को प्रेरित करता है।आइसोफ्लुरेन लिपिड झिल्ली की तरलता को बढ़ाकर सार्कोप्लाज्मिक रेटिकुलम में कैल्शियम पर निर्भर एटीपीस को भी सक्रिय करता है।एटीपी सिंथेज़ और एनएडीएच डिहाइड्रोजनेज के डी सबयूनिट को भी बांधता हुआ प्रतीत होता है । आइसोफ्लुरेन भी गाबा रिसेप्टर, बड़े प्रवाहकत्त्व Ca<sup>2+</sup> सक्रिय पोटेशियम चैनल, ग्लूटामेट रिसेप्टर और ग्लाइसिन रिसेप्टर को बांधता है।
==विशेष सावधानियाँ==
हाइपोवोलामिया के रोगी,अल्प रक्त-चाप,दिल की धड़कन रुकना,दिल की धमनी का रोग,सबेंडोकार्डियल इस्किमिया,बढ़ा हुआ इंट्राकैनायल दबाव,माइटोकॉन्ड्रियल विकार,मियासथीनिया ग्रेविस,स्नायुपेशी रोग,जैसे,Duchenne पेशी dystrophy,,जो हेमोडायनामिक रूप से समझौता कर रहे हैं,क्यूटी लम्बा होने का खतरा,जैसे,जन्मजात लंबी क्यूटी सिंड्रोम,या ब्रोन्कोकन्सट्रक्शन,दुर्बल रोगी,बुज़ुर्ग,गर्भावस्था,दुद्ध निकालना,रोगी परामर्श यह दवा प्रशासन के बाद कुछ समय के लिए आपकी मानसिक सतर्कता को खराब कर सकती है,यदि प्रभावित हो,मशीनरी न चलाएं या न चलाएं,
<B> मॉनिटरिंग पैरामीटर्स: </B> मॉनिटर ईसीजी,हृदय गति,लय,रक्त चाप,सीरम के,ऑक्सीजन संतृप्ति,अंत-ज्वारीय CO2,isoflurane के स्तर से पहले,पूरे संज्ञाहरण।
==विपरीत संकेत==
घातक अतिताप के लिए ज्ञात या संदिग्ध आनुवंशिक संवेदनशीलता,जैसे,RYR1 या CACNA1S रोगजनक रूपों की उपस्थिति,,हैलोजेनेटेड इनहेलेशनल एनेस्थेटिक या अस्पष्टीकृत मध्यम से गंभीर हेपेटिक डिसफंक्शन के कारण पुष्टि किए गए हेपेटाइटिस का इतिहास,जैसे,पीलिया बुखार के साथ जुड़ा हुआ है,leukocytosis,और/या ईोसिनोफिलिया,पिछले आइसोफ्लुरेन या अन्य हैलोजेनेटेड इनहेलेशनल एनेस्थेटिक उपयोग के बाद।
==अधिक मात्रा के दुष्प्रभाव==
लक्षण: हाइपोटेंशन और श्वसन अवसाद । प्रबंधन: सहायक उपचार । प्रशासन बंद करो, एक स्पष्ट वायुमार्ग और पर्याप्त सीवी फ़ंक्शन बनाए रखें । शुद्ध ऑक्सीजन के साथ सहायक या नियंत्रित वेंटिलेशन शुरू करें । रक्तचाप और श्वसन की बारीकी से निगरानी करें।
==विपरीत प्रतिक्रियाएं==
{'सार्थक',' श्वसन अवसाद,सीवी प्रभाव,उदाहरण के लिए क्यूटी लम्बा होना,हृदय की चोरी,पलटा क्षिप्रहृदयता,,अल्प रक्त-चाप,यकृत प्रभाव,जैसे हल्के से बढ़े हुए लीवर एंजाइम,पीलिया के साथ या बिना हेपेटाइटिस,संवेदनशीलता हेपेटाइटिस,,गुर्दे में कमी,जिगर का,प्लीहा रक्त प्रवाह,सेरेब्रल रक्त प्रवाह में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि हुई है,गहरे स्तरों पर,,बढ़ा हुआ इंट्राकैनायल दबाव,श्वसनी-आकर्ष,स्वरयंत्र की ऐंठन,अतिसंवेदनशीलता प्रतिक्रियाएं,उदाहरण के लिए तीव्रग्राहिता,','हृदय विकार','वेंट्रिकुलर',नोडल या आलिंद अतालता',' जठरांत्र विकार',' मतली,उल्टी करना,पीछे हटना','सामान्य विकार',प्रशासन साइट की स्थिति','चिल्स,गतिभंग,शक्तिहीनता,थकान','जांच','WBC की संख्या में वृद्धि',रक्त द्राक्ष - शर्करा,,सीरम क्रिएटिनिन,घटी हुई रोटी',मस्कुलोस्केलेटल,संयोजी ऊतक विकार','मायलगिया','तंत्रिका तंत्र विकार',' घबराहट,चक्कर आना,तंद्रा,सरदर्द',' मानसिक विकार','प्रलाप',मनोदशा में बदलाव,बुरा सपना,भ्रम की स्थिति,घबराहट','श्वसन',वक्ष,मीडियास्टिनल विकार',' सांस रोकें,खाँसी,डिस्पेनिया',' त्वचा,चमड़े के नीचे के ऊतक विकार','डायफोरेसिस','संभावित रूप से घातक',घातक अतिताप शायद ही कभी,गंभीर पोस्टऑपरेटिव हेपेटिक डिसफंक्शन,उदाहरण के लिए यकृत परिगलन,असफलता,,परिचर्चा के मुख्य बिन्दु,पेरिऑपरेटिव हाइपरकेलेमिया जिसके परिणामस्वरूप कार्डियक अतालता होती है,बच्चे,'}
==विषाक्तता==
एलसी 50 = 15300 पीपीएम / 3 घंटे (चूहे द्वारा साँस लेना)
==दवाओं का पारस्परिक प्रभाव==
-sympathomimetic एजेंटों (जैसे ) के साथ वेंट्रिकुलर अतालता का खतरा बढ़ सकता है । isoprenaline), और α- और β-sympathomimetic एजेंट (उदाहरण के लिए) । एपिनेफ्रीन, नॉरपेनेफ्रिन) । डायहाइड्रोपाइरीडीन सीए प्रतिपक्षी और β-ब्लॉकर्स के साथ चिह्नित हाइपोटेंशन और योज्य नकारात्मक इनोट्रोपिक प्रभाव का कारण हो सकता है । आइसोनियाज़िड प्लाज्मा फ्लोराइड एकाग्रता को बढ़ा सकता है और आइसोफ्लुरेन के हेपेटोटॉक्सिक प्रभाव को प्रबल कर सकता है । नशीले पदार्थों, ओपिओइड, बेंजोडायजेपाइन और अन्य शामक एजेंटों के साथ शक्तिशाली श्वसन अवसाद प्रभाव । गैर-चयनात्मक MAOIs के साथ सर्जरी के दौरान हेमोडायनामिक अस्थिरता के जोखिम को बढ़ा सकता है । आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले सभी मांसपेशियों को आराम देने वाले (गैर-विध्रुवण एजेंटों के साथ सबसे गहरा) की कार्रवाई को स्पष्ट रूप से प्रबल करता है।नाइट्रस ऑक्साइड के साथ कम से कम वायुकोशीय एकाग्रता (मैक) । अप्रत्यक्ष-अभिनय सहानुभूति के साथ पेरीओपरेटिव उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ सकता है (उदा । एम्फ़ैटेमिन, साइकोस्टिमुलेंट्स, भूख दमनकारी, इफेड्रिन) । एनेस्थेटिक सर्कल ब्रीदिंग सिस्टम में डेसिकेटेड CO2 अवशोषक के साथ कार्बोक्सीहीमोग्लोबिनेमिया का कारण हो सकता है। संभावित रूप से घातक: शायद ही कभी, पेरिऑपरेटिव हाइपरकेलेमिया का खतरा बढ़ जाता है, जिससे succinylcholine के साथ कार्डियक अतालता हो जाती है।
==संश्लेषण संदर्भ==
लियोनिद ए,गुलाबी,फर्नांडो क्विरोज़ी,गेराल्ड जी,रँगना,"आइसोफ्लुरेन की तैयारी।" हम,पेटेंट US5416244,मार्च जारी,[1973,]
==वर्गीकरण==
<table border="1" class="dataframe"><tr><td>साम्राज्य</td><td>कार्बनिक यौगिक</td></tr><tr><td>सुपर वर्ग</td><td>ऑर्गनोहैलोजन यौगिक</td></tr><tr><td>वर्ग</td><td>ऑर्गनोफ्लोराइड्स</td></tr><tr><td>उप वर्ग</td><td></td></tr></table>
==सन्दर्भ==
[[Category: एजेंट जो उच्च रक्तचाप उत्पन्न करते हैं]]
[[Category: एजेंट जो जब्ती सीमा को कम करते हैं]]
[[Category: बेहोशी की दवा]]
[[Category: बेहोशी की दवा,आम]]
[[Category: बेहोशी की दवा,साँस लेना]]
[[Category: एंटीकोलिनर्जिक एजेंट]]
[[Category: केंद्रीय तंत्रिका तंत्र एजेंट]]
[[Category: सेंट्रल नर्वस सिस्टम डिप्रेसेंट्स]]
[[Category: साइटोक्रोम P-450 CYP2B6 संकेतक]]
[[Category: साइटोक्रोम P-450 CYP2B6 संकेतक,ताकत अज्ञात,]]
[[Category: साइटोक्रोम P-450 CYP2B6 सबस्ट्रेट्स]]
[[Category: साइटोक्रोम P-450 CYP2E1 सबस्ट्रेट्स]]
[[Category: साइटोक्रोम P-450 एंजाइम इंड्यूसर]]
[[Category: साइटोक्रोम P-450 सबस्ट्रेट्स]]
[[Category: ईथर]]
[[Category: हाइड्रोकार्बन,हलोजनयुक्त]]
[[Category: हाइपोटेंशन एजेंट]]
[[Category: मिथाइल ईथर]]
[[Category: तंत्रिका प्रणाली]]
[[Category: निकोटिनिक विरोधी]]
[[Category: संभावित क्यूटीसी-लम्बी एजेंट]]
[[Category: क्यूटीसी लंबे समय तक एजेंट]]


। [[कार्बन]] के [[रासायनिक यौगिक|रासायनिक यौगिकों]] को '''कार्बनिक यौगिक''' कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ [[हाइड्रोजन]] भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें [[कार्बन डाईऑक्साइड|कार्बनडाइऑक्साइड]], [[कार्बन मोनोआक्साइड|कार्बन मोनोऑक्साइड]] प्रमुख हैं। सभी [[जैवाणु|जैव अणु]] जैसे [[कार्बोहाइड्रेट]], [[अमीनो अम्ल]], [[प्रोटीन]], [[राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल|आरएनए]] तथा [[डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल|डीएनए]] कार्बनिक यौगिक ही हैं। कार्बन और हाइड्रोजन के यौगिको को हाइड्रोकार्बन कहते हैं। मेथेन (CH<sub>4</sub>) सबसे छोटे अणुसूत्र का हाइड्रोकार्बन है। ईथेन (C<sub>2</sub>H<sub>6</sub>), प्रोपेन (C<sub>3</sub>H<sub>8</sub>) आदि इसके बाद आते हैं, जिनमें क्रमश: एक एक कार्बन जुड़ता जाता है। हाइड्रोकार्बन तीन श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं: ईथेन श्रेणी, एथिलीन श्रेणी और ऐसीटिलीन श्रेणी। ईथेन श्रेणी के हाइड्रोकार्बन संतृप्त हैं, अर्थात्‌ इनमें हाइड्रोजन की मात्रा और बढ़ाई नहीं जा सकती। एथिलीन में दो कार्बनों के बीच में एक द्विबंध (=) है, ऐसीटिलीन में त्रिगुण बंध (º) वाले यौगिक अस्थायी हैं। ये आसानी से ऑक्सीकृत एवं हैलोजनीकृत हो सकते हैं। हाइड्रोकार्बनों के बहुत से व्युत्पन्न तैयार किए जा सकते हैं, जिनके विविध उपयोग हैं। ऐसे व्युत्पन्न क्लोराइड, ब्रोमाइड, आयोडाइड, ऐल्कोहाल, सोडियम ऐल्कॉक्साइड, ऐमिन, मरकैप्टन, नाइट्रेट, नाइट्राइट, नाइट्राइट, हाइड्रोजन फास्फेट तथा हाइड्रोजन सल्फेट हैं। असतृप्त हाइड्रोकार्बन अधिक सक्रिय होता है और अनेक अभिकारकों से संयुक्त हा सरलता से व्युत्पन्न बनाता है। ऐसे अनेक व्युत्पंन औद्योगिक दृष्टि से बड़े महत्व के सिद्ध हुए हैं। इनसे अनेक बहुमूल्य विलायक, प्लास्टिक, कृमिनाशक ओषधियाँ आदि प्राप्त हुई हैं। हाइड्रोकार्बनों के ऑक्सीकरण से ऐल्कोहॉल ईथर, कीटोन, ऐल्डीहाइड, वसा अम्ल, एस्टर आदि प्राप्त होते हैं। ऐल्कोहॉल प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक हो सकते हैं। इनके एस्टर द्रव सुगंधित होते हैं। अनेक सुगंधित द्रव्य इनसे तैयार किए जा सकते हैं। इसी प्रकार आइसोफ्लुरेन को भी विभिन्न प्रयोगों में लिया जा सकता है।


[[श्रेणी:कार्बनिक यौगिक|आइसोफ्लुरेन]]
 
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२३:१७, ६ मार्च २०२० के समय का अवतरण

आइसोफ्लुरेन एक कार्बनिक यौगिक है।

कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ हाइड्रोजन भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड प्रमुख हैं। सभी जैव अणु जैसे कार्बोहाइड्रेट, अमीनो अम्ल, प्रोटीन, आरएनए तथा डीएनए कार्बनिक यौगिक ही हैं। कार्बन और हाइड्रोजन के यौगिको को हाइड्रोकार्बन कहते हैं। मेथेन (CH4) सबसे छोटे अणुसूत्र का हाइड्रोकार्बन है। ईथेन (C2H6), प्रोपेन (C3H8) आदि इसके बाद आते हैं, जिनमें क्रमश: एक एक कार्बन जुड़ता जाता है। हाइड्रोकार्बन तीन श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं: ईथेन श्रेणी, एथिलीन श्रेणी और ऐसीटिलीन श्रेणी। ईथेन श्रेणी के हाइड्रोकार्बन संतृप्त हैं, अर्थात्‌ इनमें हाइड्रोजन की मात्रा और बढ़ाई नहीं जा सकती। एथिलीन में दो कार्बनों के बीच में एक द्विबंध (=) है, ऐसीटिलीन में त्रिगुण बंध (º) वाले यौगिक अस्थायी हैं। ये आसानी से ऑक्सीकृत एवं हैलोजनीकृत हो सकते हैं। हाइड्रोकार्बनों के बहुत से व्युत्पन्न तैयार किए जा सकते हैं, जिनके विविध उपयोग हैं। ऐसे व्युत्पन्न क्लोराइड, ब्रोमाइड, आयोडाइड, ऐल्कोहाल, सोडियम ऐल्कॉक्साइड, ऐमिन, मरकैप्टन, नाइट्रेट, नाइट्राइट, नाइट्राइट, हाइड्रोजन फास्फेट तथा हाइड्रोजन सल्फेट हैं। असतृप्त हाइड्रोकार्बन अधिक सक्रिय होता है और अनेक अभिकारकों से संयुक्त हा सरलता से व्युत्पन्न बनाता है। ऐसे अनेक व्युत्पंन औद्योगिक दृष्टि से बड़े महत्व के सिद्ध हुए हैं। इनसे अनेक बहुमूल्य विलायक, प्लास्टिक, कृमिनाशक ओषधियाँ आदि प्राप्त हुई हैं। हाइड्रोकार्बनों के ऑक्सीकरण से ऐल्कोहॉल ईथर, कीटोन, ऐल्डीहाइड, वसा अम्ल, एस्टर आदि प्राप्त होते हैं। ऐल्कोहॉल प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक हो सकते हैं। इनके एस्टर द्रव सुगंधित होते हैं। अनेक सुगंधित द्रव्य इनसे तैयार किए जा सकते हैं। इसी प्रकार आइसोफ्लुरेन को भी विभिन्न प्रयोगों में लिया जा सकता है।

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