"यूरिया" के अवतरणों में अंतर
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| IUPACName = यूरिया (Urea) | |||
| OtherNames = Carbamide, carbonyl diamide, carbonyldiamine, diaminomethanal, diaminomethanone <!-- See "IUPAC name" discussion on talk page --> | |||
|Section1={{Chembox Identifiers | |||
| IUPHAR_ligand = 4539 | |||
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| PubChem = 1176 | |||
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| ChemSpiderID = 1143 | |||
| RTECS = YR6250000 | |||
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|Section2={{Chembox Properties | |||
| H=4 | C=1 | O=1 | N=2 | |||
| Appearance = White solid | |||
| Density = 1.32 g/cm<sup>3</sup> | |||
| Solubility = 1079 g/L (20 °C)<br/>1670 g/L (40 °C)<br/>2510 g/L (60 °C)<br/>4000 g/L (80 °C) | |||
| SolubleOther = 500 g/L glycerol,<ref>{{cite web|url=http://msdssearch.dow.com/PublishedLiteratureDOWCOM/dh_0032/0901b8038003228b.pdf?filepath=glycerine/pdfs/noreg/115-00668.pdf|title=Solubility of Various Compounds in Glycerine|work=msdssearch.dow.com|access-date=15 जून 2020|archive-url=https://web.archive.org/web/20140413155224/http://msdssearch.dow.com/PublishedLiteratureDOWCOM/dh_0032/0901b8038003228b.pdf?filepath=glycerine%2Fpdfs%2Fnoreg%2F115-00668.pdf|archive-date=13 अप्रैल 2014|url-status=dead}}</ref> 50g/L ethanol | |||
| MeltingPtC = 133 to 135 | |||
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| pKb = p''K''<sub>BH<sup>+</sup></sub> = 0.18<ref>{{cite web|url=http://research.chem.psu.edu/brpgroup/pKa_compilation.pdf|title=pKa Data|last1=Williams|first1=R.|date=24 अक्टूबर 2001|accessdate=27 नवंबर 2009|archive-url=https://web.archive.org/web/20100602043012/http://research.chem.psu.edu/brpgroup/pKa_compilation.pdf|archive-date=2 जून 2010|url-status=dead}}</ref> | |||
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|Section3={{Chembox Structure | |||
| Dipole = 4.56 [[Debye|D]] | |||
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|Section6={{Chembox Pharmacology | |||
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|Section7={{Chembox Hazards | |||
| ExternalSDS = [http://hazard.com/msds/mf/baker/baker/files/u4725.htm JT Baker] | |||
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|Section8={{Chembox Related | |||
| OtherFunction = [[Thiourea]]<br/>[[Hydroxycarbamide]] | |||
| OtherFunction_label = ureas | |||
| OtherCompounds = [[Carbamide peroxide]]<br/>[[Urea phosphate]] | |||
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'''यूरिया''' (Urea या carbamide) एक [[कार्बनिक यौगिक]] है जिसका रासायनिक सूत्र (NH<sub>2</sub>)<sub>2</sub>CO होता है। [[कार्बनिक रसायन]] के क्षेत्र में इसे ''कार्बामाइड'' भी कहा जाता है। यह एक रंगहीन, गन्धहीन, सफेद, रवेदार जहरीला ठोस पदार्थ है। यह [[जल]] में अति विलेय है। यह [[स्तनपायी]] और [[सरीसृप]] प्राणियों के [[मूत्र]] में पाया जाता है। [[कृषि]] में [[नाइट्रोजन]]युक्त [[उर्वरक|रासायनिक खाद]] के रूप में इसका उपयोग होता है। यूरिया को सर्वप्रथम [[१७७३]] में [[मूत्र]] में फ्रेंच वैज्ञानिक [[हिलेरी राउले]] ने खोजा था परन्तु कृत्रिम विधि से सबसे पहले यूरिया बनाने का श्रेय [[जर्मन]] वैज्ञानिक [[वोहलर]] को जाता है। इन्होंने सिल्वर आइसोसाइनेट से यूरिया का निर्माण किया तथा [[स्वीडेन]] के वैज्ञानिक [[बर्जेलियस]] के एक पत्र लिखा कि मैंने [[वृक्क]] (किडनी) की सहायता लिए बिना कृत्रिम विधि से यूरिया बना लिया है। उस समय पूरी दुनिया में बर्जेलियस का सिद्धान्त माना जाता था कि यूरिया जैसे [[कार्बनिक यौगिक]] सजीवों के शरीर के बाहर बन ही नहीं सकते तथा इनको बनाने के लिए प्राण शक्ति की आवश्यकता होती है। | |||
: AgNCO (सिल्वर आइसोसाइनेट) + NH<sub>4</sub>Cl → (NH<sub>2</sub>)<sub>2</sub>CO (यूरिया) + AgCl | |||
बड़े पैमाने पर यूरिया का उत्पादन द्रव [[अमोनिया]] तथा द्रव [[कार्बन डाई-आक्साइड]] की प्रतिक्रिया से होता है। | |||
यूरिया का उपयोग मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में होता है। इसका प्रयोग वाहनों के प्रदूषण नियंत्रक के रूप में भी किया जाता है। यूरिया-फार्मल्डिहाइड, रेंजिन, प्लास्टिक एवं [[हाइड्राजिन]] बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। इससे यूरिया-स्टीबामिन नामक [[काला-जार]] की दवा बनती है। वेरोनल नामक नींद की दवा बनाने में उसका उपयोग किया जाता है। सेडेटिव के रूप में उपयोग होने वाली दवाओं के बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। | |||
== उत्पादन == | |||
साल २००८-२००९ में [[भारत]] में यूरिया का उत्पादन करीब दो करोड़ टन रहा था जबकि वास्तविक खपत करीब २.४ करोड़ टन थी। ४० लाख टन की अतिरिक्त जरूरत को यूरिया के आयात के जरिए पूरा किया गया था। लेकिन घरेलू उर्वरक कंपनियां अगले चार साल में अपनी यूरिया उत्पादन क्षमता को बढ़ाने पर पांच से छह अरब डॉलर का निवेश कर सकती हैं, जिससे देश की यूरिया उत्पादन क्षमता में ६० लाख टन की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। यूरिया उत्पादन क्षमता में विस्तार के बाद भारत यूरिया आयातक के बजाय निर्यात करने वाले देश में तब्दील हो जाएगा।<ref>{{cite web|url= http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/4479110.cms|title= उर्वरक फर्म बढ़ाएंगी अपनी यूरिया उत्पादन क्षमता|access-date= [[१५ मई]] [[२००९]]|format= |publisher= |language= |archive-url= https://web.archive.org/web/20090508080417/http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/4479110.cms|archive-date= 8 मई 2009|url-status= live}}</ref> | |||
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== सन्दर्भ == | |||
<references/> | |||
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[[श्रेणी:कार्बनिक यौगिक]] | |||
[[श्रेणी:नाइट्रोजन यौगिक]] | |||
[[श्रेणी:हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना]] | |||
[[श्रेणी:जिन्स रसायन]] |
१२:३८, १५ जून २०२० के समय का अवतरण
यूरिया (Urea या carbamide) एक कार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र (NH2)2CO होता है। कार्बनिक रसायन के क्षेत्र में इसे कार्बामाइड भी कहा जाता है। यह एक रंगहीन, गन्धहीन, सफेद, रवेदार जहरीला ठोस पदार्थ है। यह जल में अति विलेय है। यह स्तनपायी और सरीसृप प्राणियों के मूत्र में पाया जाता है। कृषि में नाइट्रोजनयुक्त रासायनिक खाद के रूप में इसका उपयोग होता है। यूरिया को सर्वप्रथम १७७३ में मूत्र में फ्रेंच वैज्ञानिक हिलेरी राउले ने खोजा था परन्तु कृत्रिम विधि से सबसे पहले यूरिया बनाने का श्रेय जर्मन वैज्ञानिक वोहलर को जाता है। इन्होंने सिल्वर आइसोसाइनेट से यूरिया का निर्माण किया तथा स्वीडेन के वैज्ञानिक बर्जेलियस के एक पत्र लिखा कि मैंने वृक्क (किडनी) की सहायता लिए बिना कृत्रिम विधि से यूरिया बना लिया है। उस समय पूरी दुनिया में बर्जेलियस का सिद्धान्त माना जाता था कि यूरिया जैसे कार्बनिक यौगिक सजीवों के शरीर के बाहर बन ही नहीं सकते तथा इनको बनाने के लिए प्राण शक्ति की आवश्यकता होती है।
- AgNCO (सिल्वर आइसोसाइनेट) + NH4Cl → (NH2)2CO (यूरिया) + AgCl
बड़े पैमाने पर यूरिया का उत्पादन द्रव अमोनिया तथा द्रव कार्बन डाई-आक्साइड की प्रतिक्रिया से होता है।
यूरिया का उपयोग मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में होता है। इसका प्रयोग वाहनों के प्रदूषण नियंत्रक के रूप में भी किया जाता है। यूरिया-फार्मल्डिहाइड, रेंजिन, प्लास्टिक एवं हाइड्राजिन बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। इससे यूरिया-स्टीबामिन नामक काला-जार की दवा बनती है। वेरोनल नामक नींद की दवा बनाने में उसका उपयोग किया जाता है। सेडेटिव के रूप में उपयोग होने वाली दवाओं के बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है।
उत्पादन
साल २००८-२००९ में भारत में यूरिया का उत्पादन करीब दो करोड़ टन रहा था जबकि वास्तविक खपत करीब २.४ करोड़ टन थी। ४० लाख टन की अतिरिक्त जरूरत को यूरिया के आयात के जरिए पूरा किया गया था। लेकिन घरेलू उर्वरक कंपनियां अगले चार साल में अपनी यूरिया उत्पादन क्षमता को बढ़ाने पर पांच से छह अरब डॉलर का निवेश कर सकती हैं, जिससे देश की यूरिया उत्पादन क्षमता में ६० लाख टन की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। यूरिया उत्पादन क्षमता में विस्तार के बाद भारत यूरिया आयातक के बजाय निर्यात करने वाले देश में तब्दील हो जाएगा।[१]