हीरोपंती

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हीरोपंती
बी आर टी सिंह अशोरिया
हीरोपंती
निर्देशक सब्बीर खान
निर्माता साजिद नाडियाडवाला
लेखक संजीव दुत्ता
कहानी भास्कर
आधारित परुगु
अभिनेता टाइगर श्रॉफ
कृति सैनॉन
प्रकाश राज
संगीतकार साजिद-वाजिद
मँज मूसिक
मुस्तफ़ा ज़ाहिद
छायाकार हरी वेदांतम
संपादक जॉन कार्नोचन
स्टूडियो नाडियाडवाला ग्रेंडसन एंटर्टेंमेंट
प्रदर्शन साँचा:nowrap [[Category:एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"। फ़िल्में]]
  • 23 May 2014 (2014-05-23)
समय सीमा 146 मिनट
देश भारत
भाषा हिन्दी
लागत २१० मिलियन (US$२.७६ मिलियन)
कुल कारोबार ६५० मिलियन (US$८.५३ मिलियन)(विश्वव्यापी)[१]

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हीरोपंती एक भारतीय बॉलीवुड फिल्म है, जिसका निर्देशन सब्बीर खान ने किया है। इस फ़िल्म का निर्माण साजिद नाडियाडवाला ने किया है। इस फ़िल्म में टाइगर श्रॉफ और कृति सैनॉन मुख्य भूमिका में हैं। यह टाइगर श्रॉफ की पहली फ़िल्म है और कृति सैनॉन की भी यह पहली बॉलीवुड फ़िल्म है।[२] इससे पहले सब्बीर खान ने अक्षय कुमार और करीना कपूर के साथ कमबख़्त इश्क़ बनाई इसके पश्चात यह उनकी दूसरी फ़िल्म है। यह फ़िल्म 23 मई 2014 को सिनेमाघर में प्रदर्शित हुई।[३]

कहानी

एक गाँव में चौधरी नामक एक व्यक्ति रहता है, जिसकी गाँव में बहुत बड़ा मान रहता है। लेकिन एक दिन रेणु जो उसकी बड़ी बेटी है। अपने प्रेमी राकेश के साथ भाग जाती है। इसके पश्चात जब चौधरी को यह पता चलता है तो वह उन लोगों को खोजने का कार्य कुछ लोगों को सौपता है।

इसके पश्चात यह कहानी पहले बबलू (टाइगर श्रॉफ) के दोस्त से शुरू होती है, जो अपने प्रेमिका को घर से भगाकर ले जाता है और उसके पिता चौधरी (प्रकाश राज) अपने पुत्री को खोजने के लिए उस के दोस्तों को पकड़ के लाते है। उनमें से एक दोस्त दूसरे दोस्त का पता बता देता है और वह अपने तीसरे दोस्त जो बबलू है। इसके पश्चात वह लोग बबलू को भी ले आते है। लेकिन बबलू कुछ नहीं बताता है। इसी दौरान वह लोग रात को उन लोगो से भागने का सोचते है। और वह सुबह होते ही जब रेल का इंतजार करते रहते हैं, तभी बबलू को डिंपी (कृति सैनॉन) दिखाई देती है और उसे उसी समय डिंपी से प्यार हो जाता है। उसके जाने के कुछ समय के पश्चात उन लोगों को फिर से पकड़ लिया जाता है और बंद कर दिया जाता है। वह लड़की डिंपी उसी की दूसरी बेटी रहती है और वह उसका महाविद्यालय में जाने पर रोक लगा है। इसी के कारण वह उन बंदियों से अपनी दीदी का पता पूछने के लिए पहुँचती है। लेकिन वह लोग उसे यह बात नहीं बताते। इसके पश्चात वह उन लोगों को छुड़वाने का लालच भी देती है। बबलू उसे कहता है कि वह एक लड़की से प्यार करता है और उसे खोजने के लिए कहता है। रात में वह उसी जगह से बाहर निकलकर उसके घर जाता है और वहाँ उससे मिलने जाता है। वहाँ रखी के शराब की बौतल से शराब पी लेता है और इधर उधर घूमता है। तब विद्युत प्रवाह जाने के कारण अंधेरा रहता है। इस कारण कोई उसे नहीं पहचान पाता। वह उस लड़की डिंपी के कमरे में जाता है जहां कुछ समय के पश्चात डिंपी पहुँचती है। उसके बाद बबलू उसे एक बाली का दूसरा भाग देता है और बोलता है कि यह बाली उसी लड़की की है जिससे वह प्यार करता है। जब वह लड़की उस बाली को देखती है तो वह बाली उसी का ही रहता है जो कुछ दिनों पहले घूम गया रहता है। इसके पश्चात डिंपी को पता चल जाता है कि बबलू किससे प्यार करता है। लेकिन यह राज वह उसे नहीं बताती। लेकिन दूसरे दिन बबलू के सामने डिंपी आ जाती है और बबलू को पता चल जाता है कि वह लड़की जो उसे बाहर निकालने का लालच दे रही थी और वह जिससे प्यार करता है वह दोनों लड़की एक ही है। उसके पश्चात चौधरी उन लोगों से पता पूछता है लेकिन बबलू उन लोगों को गलत स्थान पर ले जाने का सोच कर इधर उधर भटकाते रहता है। लेकिन उन लोग बाद में मिल जाते है और चौधरी उन लोगों को छोड़ देता है और कहता है कि वह उसके लिए मर चुकी है। और वह सभी वहाँ से चले जाते है। इसी के साथ वह उन दोस्तों को भी छोड़ देते हैं। चौधरी को पता चलता है कि डिंपी और बबलू एक दूसरे से प्यार करते है और इस कारण वह उसी समय डिंपी की शादी किसी और से करने का तय कर लेता है लेकिन उस दिन बबलू भी वहाँ पहुँच जाता है। इस कारण चौधरी डरा हुआ रहता है और उसी के साथ रहता है कि कहीं वह उसकी बेटी को भी भगा कर न ले जाये। इसी के बाद अंत में चौधरी को लगता है कि बबलू उसके लिए सबसे अच्छा है और वह स्वयं ही डिंपी का बबलू के साथ शादी करवा देता है। लेकिन बबलू उससे पहले रेणु और राकेश का शादी करवाने के लिए कहता है और चौधरी उसमें भी अपनी सहमति दे देता है। और कहानी समाप्त हो जाती है।

कलाकार

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ