हितकारिणी सभा

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हितकारिणी सभा
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प्रकार शैक्षणिक संस्था (अलाभाकांक्षी)
वैधानिक स्थिति सक्रिय
केन्द्रबिन्दु शिक्षा
मुख्यालय जबलपुर, भारत
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साँचा:longitem क्षेत्र साँचा:if empty
साँचा:longitem एन पी दुबे
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चन्द्र मोहन
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वाय सी उप्रित
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एम के भण्डारी
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सहायक हितकारिणी इंजीनियरी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय
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जालस्थल www.hitkarini.com
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हितकारिणी सभा मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित एक ऐतिहासिक, शैक्षणिक संस्था है। यह संस्था इस क्षेत्र के कुछ सबसे पुराने शिक्षण संस्थान संचालित करती है। इसकी स्थापना १८६८ में राज बलवन्त राव खेर, दीवान बिहारीलाल खजांची, तथा श्री अम्बिका चरण बनर्जी ने की थी।[३][४]

सेठ गोविन्ददास के अनुरोध पर हितकारिणी सभा ने राष्ट्रवादी विचारों को पोषण देना आरम्भ किया।[५] इसके द्वारा संचालित विद्यालयों के विद्यार्थियों ने स्वराज आन्दोलन में बढ़चढ़कर भाग लिया। इस सभा ने हिन्दी भाषा के विकास में महती भूमिका निभायी। 1871 में हुई एक बैठक में सभा ने न्यायालयों में प्रयुक्त भाषा के प्रश्न पर विचार किया। १० में से ८ सदस्यों ने माना कि इस कार्य के लिये उर्दू की अपेक्षा हिन्दी अधिक उपयुक्त है।[६] संस्था ने कुछ समय तक एक साहित्यिक पत्रिका का भी प्रकाशन किया तथा प्रमुख हिन्दी लेखकों के सम्मेलन भी आयोजित किये।सेठ गोविन्ददास इस सभा के ट्रस्टी के थे। उनके परिवार के अन्य सदस्य भी इस सभा की सेवा करते आ रहे हैं।

रविशंकर शुक्ल, रजनीश, महर्षि महेश योगी, गजानन माधव मुक्तिबोध आदि विद्वान इस सभा द्वारा संचालित संस्थाओं से ही निखरे थे।

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
  3. Madhya Pradesh Through the Ages edited by Shiri Ram Bakshi, S.R. Bakshi And O.P. Ralhan p. 20
  4. Hitkarini Sabha,Jubbulpore http://www.hitkarini.com/?l=aboutus-sabha स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. Changing political leadership in an Indian province: the Central Provinces and Berar, 1919-1939, David E. U. Baker, Oxford University Press, 1979 p. 130
  6. One language, two scripts: the Hindi movement in nineteenth century north India, Christopher Rolland King, Oxford University Press, 1994 p. 69