हान चीनी

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चीन में विभिन्न जातियों का फैलाव - हान चीनी पूर्व की ओर गाढ़े ख़ाकी रंग में हैं

thumb|हान चीनी

हान चीनी (चीनी: 汉族, हानज़ू या हानरेन) चीन की एक जाति और समुदाय है। आबादी के हिसाब से यह विश्व की सब से बड़ी मानव जाति है। कुल मिलाकर दुनिया में १,३१,०१,५८,८५१ हान जाति के लोग हैं, यानी सन् २०१० में विश्व के लगभग २०% जीवित मनुष्य हान जाति के थे। चीन की जनसँख्या के ९२% लोग हान नसल के हैं। इसके अलावा हान लोग ताइवान में ९८% और सिंगापुर में ७८% होने के नाते उन देशों में भी बहुतायत में हैं। हज़ारों साल के इतिहास में बहुत सी अन्य जातियाँ और क़बीले समय के साथ हान जाति में मिलते चले गए जिस से वर्तमान हान समुदाय में बहुत सांस्कृतिक, सामाजिक और आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक) विविधताएँ हैं।[१]

नाम की उत्पत्ति

'हान' शब्द चीन के ऐतिहासिक हान राजवंश से आया है, जो चिन राजवंश के बाद सत्ता में आये। चिन राजवंश ने चीन के कुछ भाग को जोड़कर एक साम्राज्य में बाँधा और हान राजवंश के पहले सम्राट ने अपने आप को 'हान जोंग का राजा' की उपाधि दी। इसमें 'हान' शब्द प्राचीन चीनी भाषा में क्षीरमार्ग (हमारी आकाशगंगा) के लिए एक शब्द हुआ करता था, जिसे प्राचीन चीन के लोग 'स्वर्ग की नदी' (天河, तियान हे) बुलाया करते थे। हान राजवंश के बाद बहुत से चीनी लोग अपने आप को 'हान के लोग' (漢人) या 'हान के बेटे' बुलाने लगे और यही नाम आज तक चलता आया है।[२]

आनुवंशिकी (जॅनॅटिक) जड़ें

पितृवंश समूह ओ की ओ३ (O3) शाखा लगभग ५०% हान चीनी पुरुषों में पाई जाति है और हानो के कुछ समुदायों में तो यह हिस्सा बढ़ के ८०% तक मिलता है।[३] चीन में मिले अति-प्राचीन शवों में भी यह पितृवंश समूह पाया गया है। पितृवंश में इस एकरूपता से उल्टा मातृवंश समूह में उत्तरी चीन और दक्षिणी चीन में अंतर पाया जाता है, जिस से लगता है कि इतिहास के किसी मोड़ पर उत्तरी चीन से पुरुषों ने बड़ी मात्रा में आकर दक्षिणी चीन की स्त्रियों के साथ विवाह और संताने पैदा की थीं।[४]

धर्म

हान चीनी लोक बौद्ध धर्म के अनुयायि है और हान चीनियों के बीच तिब्बती बौद्ध धर्म तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है। इसमें उन लोगों को तेज गति वाले भौतिकवादी समाज में अपनी कुंठा दूर करने की एक सच्ची आध्यात्मिक शांति दिखती है। हालांकि चीन में १ अरब (१०० करोड़) से अधिक बौद्ध है। चीनी बौद्ध धर्म ने बहुत से चीनी अनुयायियों को आकर्षित किया है क्योंकि यह चीन के संस्कृति और इतिहास को जोड़ता है। लेकिन तिब्बती बौद्ध धर्म में अनुयायियों को पूजा की विस्तृत श्रृंखला और पद्धती अपनाने का मौका मिलता है। माना जाता है कि इससे शीघ्र ज्ञान प्राप्ति में मदद मिलती है। हाल के वर्षो में तिब्बती बौद्ध आंदोलन तेजी से फैल रहा है और युवा लोगों में फैशन बन गया है। छोटी आबादी के ७० लाख तिब्बतियों के लिए राजनीतिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है कि चीन की ९२ से ९५ फीसद आबादी हान लोगों की है जो अब उनकी शैली के बौद्ध धर्म में आकर्षित हो रहे हैं।[५]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  1. Genetic evidence support demic diffusion of Han culture (PDF) स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Nature Publishing Group, 2004
  2. The History of the Former Han Dynasty, Gu Ban, Lo-Chi P'an, Jen T'ai, Taylor & Francis
  3. Matthew E. Hurles, Bryan C. Sykes, Mark A. Jobling, and Peter Forster, "The Dual Origin of the Malagasy in Island Southeast Asia and East Africa: Evidence from Maternal and Paternal Lineages," American Journal of Human Genetics 76:894–901, 2005.
  4. Table from " A spatial analysis of genetic structure of human populations in China reveals distinct difference between maternal and paternal lineages". European Journal of Human Genetics (journal, 23 जनवरी 2008 issue)
  5. हान चीनियों के बीच तिब्बती बौद्ध धर्म तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है [१]साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]