हान ग्रंथ
हान ग्रंथ, हान की किताब, हान शू या पूर्वकालीन हान राजवंश का इतिहास (चीनी: 前漢書, चिआन हानशू; अंग्रेज़ी: Book of Han) २०६ ईसापूर्व से २५ ईसवी तक पश्चिमी हान राजवंश के दौर के चीनी इतिहास के बारे में एक इतिहास-ग्रन्थ है। इसे बान बियाओ (班彪, Ban Biao), बान गू (班固, Ban Gu) और बान झाओ (班昭, Ban Zhao) नामक इतिहासकारों ने लिखा और यह सन् १११ ईसवी में पूरा हुआ।[१] इसका बाद पूर्वी हान राजवंश के २५ ई से २२० ई तक के काल के बारे में भी पाँचवी सदी में फ़ान ये (范曄, Fan Ye) नामक इतिहासकार ने 'उत्तरकालीन हान का इतिहास' के नाम से एक अलग ग्रन्थ पूरा किया था। 'हान की किताब' के लेखकों ने सीमा चियान के मशहूर 'महान इतिहासकार के अभिलेख' नामक ग्रन्थ से प्रेरणा लेकर उस से आगे के इतिहास को दर्ज करने की कोशिश की थी।[२] 'हान की किताब' इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि इसमें जापान का इतिहास में सबसे पुराना लिखित ज़िक्र मिलता है। इसमें चीन के भारत के साथ संबंधों का भी छोटा-सा ज़िक्र मिलता है।[३]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Notable women of China: Shang dynasty to the early twentieth centuryEast gate book स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Barbara Bennett Peterson, M.E. Sharpe, 2000, ISBN 978-0-7656-0504-7, ... Ban Jieyu's nephew, Ban Biao, became a noted historian who began the Han shu (History of the Han Dynasty). This famous book would later be supplemented by Ban Biao's son, Ban Gu, and it was completed by his daughter, Ban Zhao ...
- ↑ Sources of Chinese tradition, Volume 1 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, William Theodore De Bary, Irene Bloom, Wing-tsit Chan, Joseph Adler, Richard John Lufrano, Columbia University Press, 2000, ISBN 978-0-231-10939-0, ... It was apparently Ban Biao's intention only to continue the writing of history from the point at which Sima Qian had stopped. But Ban Gu conceived the idea of one unified work covering the entire Former Han period ...
- ↑ A history of Sino-Indian relations: 1st century AD to 7th century AD: movement of peoples and ideas between India and China from Kasyapa Matanga to Yi Jing, Yukteshwar Kumar, APH Publishing, 2005, ISBN 978-81-7648-798-6, ... In the Book of Han we also find some evidence of the material exchange between the two nations. The 'Dili Zhi' of the Book of Han has mentioned about the southern part of India ...