स्कन्दगुप्त के जूनागढ़ अभिलेख
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स्कन्दगुप्त जूनागढ़ अभिलेख में कहा गया है कि स्कन्दगुप्त ने मानदर्प से अपने फणों को उठाने वाले सर्परूपी नरपतियों का दमन किया। उन्होंने म्लेच्छ देश से अपने शत्रुओं के दर्प को भग्न कर उन्हें अपनी विजय स्वीकार करने पर बाध्य किया। इस प्रकार उन्होंने समस्त पृथ्वी और अपने शत्रुओं के गर्व पर विजय प्राप्त की।
भारी वर्षा के कारण सुदर्शन झील का बाँध टूट गया था ।उसने अतुल धन का व्यय करके पत्थरों के द्वारा उस झील के बाँध का पुनर्निर्माण करवा दिया ।