सोनाली गुलाटी
सोनाली गुलाटी एक भारतीय स्वतंत्र फिल्म निर्माता, नारीवादी, जमीनी कार्यकर्ता, और एक शिक्षक हैं।[१] वह वर्जीनिया कॉमनवेल्थ विश्वविद्यालय के फोटोग्राफी और फिल्म विभाग में एक एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने फिल्म और मीडिया में [[टेम्पल विश्वविद्यालय]] से फ़ाईन आर्ट्स में ऍमए और महत्वपूर्ण सामाजिक सोचा में बीए माउंट होलीओक कॉलेज से की।[२] सुश्री गुलाटी नई दिल्ली, भारत में पली बढीं है और उन्होंने कई लघु फिल्में भी बनाई जिनका प्रदर्शन तीन सौ से ज्यादा फिल्म त्योहारों में दुनिया भर में हुआ।
फिल्म प्रदर्शन
उनकी फिल्मों का प्रदर्शन लगभग 400 फिल्म समारोहों में हुआ जिसमें कुछ जगह जैसे हिरश्रोन संग्रहालय, ललित कला संग्रहालय, बोस्टन और कला में महिलाओं का राष्ट्रीय संग्रहालय और कुछ फिल्म महोत्सव जैसे कि मार्गरेट मीड फिल्म महोत्सव, मारिया फिल्म महोत्सव और स्लैमडांस फिल्म महोत्सव शामिल हैं। गुलाटी की 2005 में पुरस्कार जीतने वाली वृत्तचित्र फिल्म, ''नलिनी बाए डे, नैन्सी बाए नाइट'' , भारत में व्यापार प्रक्रिया आउटसोर्सिंग पर निर्धारित है। उस फिल्म का प्रसारण टेलीविजन पर-अमेरिका, कनाडा, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और उत्तरी अफ्रीका में हुआ। उनकी हाल ही में आई फिल्म-एएम अभी तक 14 पुरस्कार जीत चुकी है और उसका प्रदर्शन बड़े पैमाने पर जरी है। [३]
पुरस्कार
गुलाटी ने कई पुरस्कार, अनुदान, और फैलोशिप जीते- थर्ड वेव फाउंडेशन, वर्ल्ड स्टूडियो फाउंडेशन, रॉबर्ट गिआर्ड मेमोरियल फैलोशिप, ललित कला में वर्जीनिया संग्रहालय फैलोशिप, कला में उत्कृष्टता के लिए थेरेसा पोलाक पुरस्कार, कला के एशियाई अमेरिकी मीडिया केंद्र (CAAM), क्रिएटिव कैपीटल फाउन्डेशन से खोज के लिए आर्थिक सहायता।
फिल्मोग्राफी
- बिग टाइम माई डूडलड डायरी (2015)
- आईऍम (2011)[४]
- 24 फ्रेमज़ पर डे (2008)
- नलिनी बाए डे, नैन्सी बाए नाईट (2005)
- वेअर इज़ देअर रूम ? (2002)
- नानेम आई काल माईसेल्फ (2001)
- बेअरफीट (2000)
- सम टोटल (1999)
व्यक्तिगत जीवन
गुलाटी नई दिल्ली, भारत में पली बढीं। उनकी माँ एक शिक्षक और वस्त्र डिजाइनर थीं और उन्होंने अपनी बेटी को स्वतंत्र रूप से बड़ा किया।