सैमुएल हैनीमेन

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सैमुएल हैनीमेन
Samuel Christian Friedrich Hahnemann. Line engraving by L. B Wellcome L0016250 a.jpg
जन्म साँचा:birth date
Meissen, Electorate of Saxony
मृत्यु साँचा:death date and age
Paris, France
राष्ट्रीयता German
प्रसिद्धि कारण होम्योपैथी

क्रिश्चियन फ्राइडरिक सैम्यूल हानेमान (जन्‍म 1755-मृत्‍यु 1843 ईस्‍वी) छद्म-वैज्ञानिक होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के जन्मदाता थे।

आप यूरोप के देश जर्मनी के निवासी थे। आपके पिता जी एक पोर्सिलीन पेन्‍टर थे और आपने अपना बचपन अभावों और बहुत गरीबी में बिताया था। एम0डी0 डिग्री प्राप्‍त एलोपैथी चिकित्‍सा विज्ञान के ज्ञाता थे। डॉ॰ हैनिमैन, एलोपैथी के चिकित्‍सक होनें के साथ साथ कई यूरोपियन भाषाओं के ज्ञाता थे। वे केमिस्‍ट्री और रसायन विज्ञान के निष्‍णात थे। जीवकोपार्जन के लिये चिकित्‍सा और रसायन विज्ञान का कार्य करनें के साथ साथ वे अंग्रेजी भाषा के ग्रंथों का अनुवाद जर्मन और अन्‍य भाषाओं में करते थे।साँचा:cn

एक बार जब अंगरेज डाक्‍टर कलेन की लिखी “कलेन्‍स मेटेरिया मेडिका” मे वर्णित कुनैन नाम की जडी के बारे मे अंगरेजी भाषा का अनुवाद जर्मन भाषा में कर रहे थे तब डॉ॰ हैनिमेन का ध्‍यान डॉ॰ कलेन के उस वर्णन की ओर गया, जहां कुनैन के बारे में कहा गया कि ‘’ यद्यपि कुनैन मलेरिया रोग को आरोग्‍य करती है, लेकिन यह स्‍वस्‍थ शरीर में मलेरिया जैसे लक्षण पैदा करती है।

कलेन की कही गयी यह बात डॉ॰ हैनिमेन के दिमाग में बैठ गयी। उन्‍होंनें तर्कपूर्वक विचार करके क्विनाइन जड़ी की थोड़ी थोड़ी मात्रा रोज खानीं शुरू कर दी। लगभग दो हफ्ते बाद इनके शरीर में मलेरिया जैसे लक्षण पैदा हुये। जड़ी खाना बन्‍द कर देनें के बाद मलेरिया रोग अपनें आप आरोग्‍य हो गया। इस प्रयोग को डॉ॰ हैनिमेन ने कई बार दोहराया और हर बार उनके शरीर में मलेरिया जैसे लक्षण पैदा हुये। क्विनीन जड़ी के इस प्रकार से किये गये प्रयोग का जिक्र डॉ॰ हैनिमेन नें अपनें एक चिकित्‍सक मित्र से की। इस मित्र चिकित्‍सक नें भी डॉ॰ हैनिमेन के बताये अनुसार जड़ी का सेवन किया और उसे भी मलेरिया बुखार जैसे लक्षण पैदा हो गये।साँचा:cn

कुछ समय बाद उन्‍होंनें शरीर और मन में औषधियों द्वारा उत्‍पन्‍न किये गये लक्षणों, अनुभवो और प्रभावों को लिपिबद्ध करना शुरू किया।साँचा:cn

हैनिमेन की अति सूच्‍छ्म द्रष्टि और ज्ञानेन्द्रियों नें यह निष्‍कर्ष निकाला कि और अधिक औषधियो को इसी तरह परीक्षण करके परखा जाय।साँचा:cn

इस प्रकार से किये गये परीक्षणों और अपने अनुभवों को हैनिमेन नें तत्‍कालीन मेडिकल पत्रिकाओं में ‘’ मेडिसिन आंफ एक्‍सपीरियन्‍सेस ’’ शीर्षक से लेख लिखकर प्रकाशित कराया। इसे होम्‍योपैथी के अवतरण का प्रारम्भिक स्‍वरूप कहा जा सकता है।साँचा:cn


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