सेलिना हुसेन
सेलिना हुसैन | |
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जन्म |
साँचा:জন্ম তারিখ ও বয়স[१] राजशाही, बांग्लादेश |
राष्ट्रीयता | बांग्लादेशी |
जातीयता | = बंगाली |
नागरिकता | साँचा:flag/core |
व्यवसाय | कथा-साहित्यिक लेखिका, उपन्यासकार |
पुरस्कार | बांग्ला एकेडमी पुरस्कार (१९८०), जातीय चलचित्र पुरस्कार, एकुशे पदक (२००९), स्वाधीनता पदक (२०१८)[२] |
सेलिना हुसैन (जन्म 14 जून 1947) बांग्लादेश की एक प्रसिद्ध उपन्यासकार हैं। उनके उपन्यास समकालीन सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष की समग्रता को दर्शाते हैं। बंगालियों के भाषा स्वाभिमान आन्दोलन तथा मुक्ति संग्राम के प्रसंग ने उनके लेखन में एक नया आयाम जोड़ा है। उनकी कहानियों, उपन्यासों का अंग्रेजी, रूसी, मलय और कन्नड़ में अनुवाद किया गया है। [३] २०१४ में उन्हें दो साल के लिए बांग्लादेश शिशु अकादमी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। [४]
सेलिना हुसैन का जन्म 14 जून 1948 को राजशाही में हुआ था। उनका पुश्तैनी घर लक्ष्मीपुर जिले का हाजिरपाड़ा गांव में है। हालांकि उनके पिता एके मुशर्रफ हुसैन का गृहनगर नोआखली है, वह लंबे समय से बोगरा और बाद में राजशाही में काम कर रहे हैं; इसलिए सेलिना को एक बच्चे के रूप में लंबे समय तक नोआखली में नहीं रहना पड़ा। सेलिना हुसैन की मां का नाम मरियम-उन-निसा बकुल है। मुशर्रफ-मारियामुनेसा दंपति के कुल नौ बच्चे हैं। सेलिना भाई-बहनों में चौथी हैं।
सेलिना को 1954 में बोगरा के लतीफपुर प्राइमरी स्कूल में तीसरी कक्षा में भर्ती कराया गया था। १९५९ में उन्हें राजशाही के नाथ गर्ल्स स्कूल की आठवीं कक्षा में प्रवेश दिया गया। उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा 1982 में यहीं से पूरी की। बाद में 1984 में उन्हें राजशाही महिला कॉलेज में भर्ती कराया गया। कॉलेज जीवन पूरा करने के बाद, उन्होने बंगाली भाषा और साहित्य लेकर राजशाही विश्वविद्यालय में प्रविष्ट हुईं जहाँ से 1968 में एम. ए उतीर्ण किया।
कृतियाँ
उपन्यास
सन्दर्भ
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