सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006

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सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विकास, अधिनियम 2006 को सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम क्षेत्र की तथा इनके साथ संबंधी या अनुषंगी मामलों प्रतिस्‍पर्द्धा और प्रोत्‍साहन एवं विकास की सुविधा प्रदान करने हेतु लागू किया गया है। इसके लिए इसमें विशिष्टि कोशों की स्‍थापना, विशेष योजनाओं / कार्यक्रमों की अधिसूचना, प्रगतिशील ऋण नीतियां और प्रथाएं, इन उद्यमों के उत्‍पादों और सेवाओं के प्रापण में सरकार की प्राथमिकता, इनकी समस्‍याओं के शमन के लिए और अधिक प्रभावी प्रक्रियाविधियां अपनाना आदि शामिल है। यह उद्यम की संकल्‍पना को मान्‍यता देने के लिए अब तक का पहला कानूनी ढांचा प्रदान करता है, जिसमें विनिर्माण (किसी उद्योग से संबंधित वस्‍तुओं का निर्माण / उत्‍पादन दोनों शामिल हैं) और सेवा (जो सेवाएं प्रदान करने / देने में संलग्‍न हैं) इकाइयां शामिल हैं। इस अधिनियम के तहत उद्यम के तीन स्‍तर सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम को पहली बार परिभाषित किया गया है। इस अधिनियम में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर सभी पणधारियों के वर्गों के संतुलित प्रतिनिधित्‍व सहित राष्‍ट्रीय स्‍तर पर वैधानिक परामर्शी प्रक्रिया प्रदान की गई है जो विशेष रूप से सलाहकारी कार्यों की व्‍यापक परास के साथ इन उद्यमों के लिए उपयोगी है।

बाहरी कड़ियाँ

https://web.archive.org/web/20090410201029/http://indiacode.nic.in/rspaging.asp?tfnm=200627