सिनाबंग पर्वत
सिनाबंग | |
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गुनंग सिनाबंग (इन्डोनेशियाई भाषा) देलेंग सिनाबंग (कारो भाषा) | |
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उच्चतम बिंदु | |
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सूचीयन | रीबू |
निर्देशांक | साँचा:if empty साँचा:if empty |
भूगोल | |
देश | साँचा:enum |
राज्य | साँचा:enum |
राज्य/प्रांत | साँचा:enum |
जिला | साँचा:enum |
बस्ती | साँचा:enum |
सीमा निर्माण | साँचा:enum |
उपविभाग | साँचा:enum |
टोपोग्राफिक नक्शा | साँचा:if empty |
भूविज्ञान | |
चट्टान पुरातनता | साँचा:if empty |
पर्वत प्रकार | स्तरित ज्वालामुखी |
चट्टान प्रकार | साँचा:enum |
ज्वालामुखीय चाप/पट्टी | साँचा:if empty |
अंतिम विस्फोट | 2013 से 2015 (जारी) |
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सिनाबंग इण्डोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के उत्तरी हिस्से में कारू पठार पर स्थित एक ज्वालामुखी पर्वत है। यह प्लीस्टोसीन-होलोसीन युग में निर्मित एक स्तरित ज्वालामुखी है। इसका पिछला उद्भेदन 1600 ई के आसपास हुआ माना जाता है जिसके बाद लगभग 400 वर्षों तक शांत रहने के बाद सन् 2010 में अचानक सक्रिय हो उठा[२][३] और अब सक्रिय ज्वालामुखियों में गिना जाने लगा है। इसमें हालिया विस्फोट 26 जून 2015 को हुआ था जिसकी वजह से कम से कम 10,000 लोगों को अपना घर ख़ाली कर के सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा।[४]
भूविज्ञान
सिनाबंग पर्वत की अवस्थिति सुंडा चाप पर है जो हिन्द-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट और एशियन प्लेट के मध्य स्थित एक अभिसारी प्लेट सीमा पर स्थित है और ज्वालामुखी क्रिया के लिये एक आदर्श परिस्थितियों वाली अवस्थित है। यह पर्वत विश्वप्रसिद्ध टोबा झील जो माउंट टोबा नामक जवालामुखी के उद्भेदन से बनी काल्डेरा झील है, से मात्र कुछ ही दूरी पर स्थित है। इसके निकटतम स्थत अन्य जवालामुखी पर्वत माउंट सिबायक है।
यहाँ की चट्टानों और पाइरोक्लस्टिक पदार्थों के विश्लेषण द्वारा इसके पिछले उद्भेदानों का अध्ययन किया गया है जिससे इस पर्वत के भूविज्ञान पर काफ़ी प्रकाश पड़ा है। यह एक स्तरित ज्वालामुखी है, अर्थात विविध प्रकार के पाइरोक्लास्टिक पदार्थ, राख, धूल इत्यादि और लावा की परतें एक के बाद एक पायी जाति हैं जो इसके कई बार सक्रिय होने का प्रमाण उपलब्ध कराती हैं।
2010 का उद्भेदन
सिनाबंग पर्वत की कुल ऊँचाई 2,460 मीटर है और यह एक नतोदर ढाल वाला पर्वत है। यहाँ की चट्टानों और पाइरोक्लास्टिक पदार्थों के विश्लेषण द्वारा इसके पिछले उद्भेदानों का अध्ययन किया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसका वर्तमान उद्भेदन, जो कुछ अंतरालों के साथ 2010 के बाद से अभी तक जारी है, लगभग चार सदियों के बाद हुआ उद्भेदन है। इससे पहले इस ज्वालामुखी में वर्ष 1600 ई के आसपास कभी उद्भेदन हुआ था।[५] हालाँकि गैसों और धुएँ का निकलना बिच में भी जारी रहा है। जैसा कि चित्र में प्रदर्शित है यह १९४० के दशक में भी धुँआ और गैसों का उत्सर्जन कर रहा था।
अगस्त 2010
तारीख 29 अगस्त 2010 को कई दिनों की हलचल के बाद सिनाबंग में हलका उद्भेदन दर्ज़ किया गया। [६][६] इस ज्वालामुखी से निकली राख वायुमण्डल में साँचा:convert की ऊँचाई तक पहुँच गयी और लावा के प्रवाह क्रेटर के मुहाने पर देखे गये।[६] इससे पहले या ज्वालामुखी चार सदियों तक सुषुप्ति की अवस्था में था क्योंकि इसका आखिरी उद्भेदन 1600 में हुआ माना जाता था।[६] 31 अगस्त को कुल 30,000 लोगों में से 6,000 लोग अपने घरों को वापस लौट आये जिन्हें आसपास के गाँवों से ख़ाली करा कर सुरक्षित श्थानों पर ले जाया गया था।[७][७][८][८] ज्वालामुखी को इससे पहले "बी" दर्ज़े का ज्वालामुखी माना जाता था जिस अब बदल कर "ए" दर्ज़ा कर दिया गया ताकि इसकी मोनिटरिंग कम समयांतराल पर की जा सके।
सितम्बर 2010
शुक्रवार 3 सितम्बर 2010 को दो और उद्भेदन देखे गये।[९] प्रातः कालीन पहले ही उद्भेदन के बाद ग्रामीणों को अपने घर ख़ाली करके भागना पड़ा[१०] यह सबसे तगड़ा विस्फोटक उद्भेदन था जिससे निकली धूल-गैसें-राख इत्यादि आसमान में साँचा:convert की ऊँचाई तक प्रविष्ट हुईं।[१०] अच्छी बात यह थी कि कुछ घंटों पूर्व ही इसकी चेतावनी जारी कर दी गयी थी और गांववाले इसके लिये पहले से तैयार थे।[९] एक दूसरा उद्भेदन शाम के समय हुआ जिसके द्वारा उत्पन्न भूकम्प के झटके साँचा:convert की दूरी तक महसूस किये गये।
मंगलवार 7 सितम्बर को एक बार फिर से सिनाबंग में हलचल शुरू हुई और अबकी होने वाला उद्भेदन सबसे ज़ोरदार था।[११] इण्डोनेशियाई मुख्य जवालामुखीविद्, सुरोनो महोदय के अनुसार, "यह अब तक का सबसे बड़ा उद्भेदन था जिसकी आवाज़ 8 किलोमीटर की दूरी तक सुनि हाई और धुँआ 5,000 मीटर की ऊँचाई तक आसमान में पहुँचा।"[११] भारी वर्षा, जिसमें आसमानी धूल कीचड़ के रूप में मिश्रित थी, ने पूरे इलाके की बिल्डिंगों और पेड़ों को ढँक लिया।[११] सुरक्षा के लिये गाँवों की बिजली काट दी गयी थी पर इस घटना में कोई मृत्यु नहीं दर्ज़ की गयी।[११]
2013-14 के उद्भेदन
वर्ष 2013 के उद्भेदनों की शुरुआत 15 सितम्बर 2013 को स्थानीय समयानुसार सुबह 3 बजे हुई और इसके आसपास का 3 किलोमीटर कादयरा ख़ाली कराया गया।[१२] इसके बाद कई छोटे बड़े उद्भेदन नवंबर और दिसंबर माह में हुए और 28 दिसम्बर 2013 तक एक लावा गुम्बद ने शिखर का रूप ले लिया।[१३] यह क्रम फरवरी 2014 तक जारी रहा और कम से कम 16 लोगों की मौत दर्ज़ की गयी।[१४] क्योंकि जैसे लोगों को घरों में वापस लौटने की अनुमति मिली उसके ठीक बाद ही इसमें उदगार हो उठा।[१५]मृतकों में मुख्यतः कुछ पर्ताकर और एक अध्यापक के साथ कुछ स्कूली बच्चे थे जो जवालामुखी को नज़दीक से देखने चले गये थे।[१६] मरने वालों में सात व्यक्ति इण्डोनेशियाई क्रिश्चियन स्टूडेंट मूवमेंट के सदस्य भी थे जो बचाव कार्य के दौरान पाइरोक्लास्टिक पदार्थों की चपेट में आ गये।[१७]
कुछ अंतरालों के बाद यक क्रम अक्टूबर 2014 तक चलता रहा[१८] 5 से 10 अक्टूबर के बीच उद्गार दर्ज़ किये गये।[१३] इसी दौरान इस उद्गार के कारण एडवेंचर पर्यटन में भी वृद्धि दर्ज की गयी।[१९] सरकारी तौर पर कारो प्रशासन ने कुछ लोकेशनों को पर्यटन हेतु चिह्नित किया और पर्यटकों को इन स्थानों के लिये निर्देशित किया।
हालिया उद्भेदन (2015)
सिनाबंग में नवीनतम उद्भेदन 26 जून 2015 को दर्ज़ किया गया। इसके कारण लगभग 10,000 लोगों को अपने घर छोड़ कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ा। इस ज्वालामुखी से निकली राख ने 50 किलोमीटर दूर स्थित मैदान शहर को ढँक लिया और शहरियों को इससे क्कफी दिक्कत हुई और उन्हें इससे सुरक्षा हेतु मास्क पहनने पड़े। समाचारों में आयी विशेषज्ञों की राय के मुताबिक़ सिनाबंग के भी और आगे भी सक्रिय रहने की संभावनाएँ हैं।सन्दर्भ त्रुटि: उद्घाटन <ref>
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लगभग 4 वर्षों तक निष्क्रिय अवस्था में जाने के पश्चात माउंट सिनाबुंग में दोबारा अगस्त 2020 में उद्भेदन हुआ । स्थानीय जानकारी के अनुसार किसी प्रकार की हानि की सूचना नहीं प्राप्त हुई है तथा लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया। यहां यह जानकारी देना आवश्यक है कि इंडोनेशिया में मौजूद अनेक ज्वालामुखी पर्वत रिंग आफ फायरसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] के ही भााग हैं ।
चित्र दीर्घा
इन्हें भी देखें
- इण्डोनेशिया का भूगोल
- सुमात्रा
- माउंट सिबायक इण्डोनेशिया
- टोबा झील
- सुंडा चाप
- सुंडा गर्त
सन्दर्भ
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- ↑ साँचा:cite web
- ↑ अ आ इ ई साँचा:cite web
- ↑ अ आ साँचा:cite news
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- ↑ अ आ साँचा:cite web
- ↑ अ आ साँचा:cite web
- ↑ अ आ इ ई साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ अ आ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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