साँचा:Fiction writing
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चरित्र की महत्ता एवं अपरिहरता निशचय ही यह जिज्ञासा उत्पन्न करती है कुछ शिक्षाशास्त्री चरित्र का अर्थ आंतरिक दृढ़ता और व्यक्तित्व की एकन्तासे लगाते है कि चरिवान मनुष्य किसी बाहरी दबाव से भयभीत हुए बिना अपने सिद्धन्तो तथा आदर्शो के अनुरूप कार्य करता है लेकिन उसके सिद्दांत नैतिक और अनैतिक दोनों हो सकते है अतः मात्र चरित्र ही पर्याप्त नही है चरित्र को अनिवार्य रूप से नैतिक होना चाहिए इस सन्दर्भ मे हैंडसन लिखते है -"इसका अर्थ यह है कि मनुष्यों को उन सिद्धांतो के अनुसार काम करना सीखना चाहिए, जिनसे उनमे सर्वोत्तम व्यक्तित्व का विकास हो।"