सर्वोदय आश्रम, कुर्सेला
सर्वोदय आश्रम, कुर्सेला बिहार राज्य के कटिहार जिलान्तर्गत कुर्सेला प्रखण्ड के तीनघरिया ग्राम में स्थित है। इस आश्रम की स्थापना सन् 1948 में सौराष्ट्र के गाँधीवादी कार्यकर्त्ता भगवन्न स्वामी द्वारा की गई थी। इसी वर्ष, महात्मा गाँधी के बलिदान के पश्चात् बिहार के अग्रणी सर्वोदय नेता बैद्यनाथ प्रसाद चौधरी के नेतृत्व में स्थानीय कार्यकर्त्ताओं ने "बापू" के पार्थिव अंश को त्रिमोहिनी संगम में विसर्जित किया था। उसी समय से, आश्रम में "पुण्यस्मृति पर्व" मनाया जाता है।[१]
यह आश्रम केन्द्रीय गाँधी स्मारक निधि, दिल्ली द्वारा "गाँधीघर" के रूप में नामित किया गया था तथा बीस हजार रूपये की आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करायी गई थी। बाद में, आश्रम स्थानीय सहयोग से ही संचालित होने लगा। यह आश्रम राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-31 से 1 किलोमीटर, कुर्सेला रेलवे स्टेशन से 500 मीटर और त्रिमोहिनी संगम से 250 मीटर की दूरी पर स्थित है।[२]
सन् 1934 में बिहार में आए प्रलयंकारी भूकम्प के पीड़ितों के सहायतार्थ महात्मा गाँधी 11 मार्च 1934 को बिहार आये। इस बिहार यात्रा के अन्तिम दिन 10 अप्रैल 1934 को रूपसी (असम) जाने के क्रम में वे टिकापट्टी (पूर्णिया) होते हुए कुर्सेला पधारे थे, उस समय कुर्सेला भी पूर्णिया जिले का भाग था। महात्मा गाँधी ने विद्यालयी छात्रों के विशेष अनुरोध पर उन्हें सम्बोधित किया था।
वर्तमान में, नरेश यादव, पूर्व सांसद (राज्यसभा) की अध्यक्षता में गठित कार्यकारिणी-समिति आश्रम का संचालन करती है। नरेश यादव महात्मा गाँधी द्वारा सन् 1932 में स्थापित हरिजन सेवक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।[३] बिहार सरकार ने आश्रम को "गाँधी सर्किट" में जोड़ने तथा महात्मा गाँधी की बिहार-यात्रा से जुड़े संग्रहालय के रूप में विकसित करने की सहमति प्रकट की है।[४] भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित "गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति" ने आश्रम का "गाँधी व्याख्या केन्द्र" के रूप में चयन किया है।