श्रीविद्या
श्रीविद्या | |
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चित्र:srividya.jpg | |
जन्म | Chennai, तमिलनाडु, भारत साँचा:flagicon |
माता-पिता |
Krishnamurthy M. L. Vasanthakumari |
श्रीविद्या साँचा:lang-ta (24 जुलाई 1953 - 19 अक्टूबर 2006) 1970 के दशक से लेकर 2000 की शुरुआत की अवधि में भारतीय फिल्म जगत की एक प्रमुख अभिनेत्री होने के साथ-साथ एक अच्छी गायिका भी थीं। अपने करियर के उत्तरार्ध में उन्होंने मलयालम फिल्मों पर अधिक ध्यान दिया। कई फिल्मों में एक माँ के रूप में उनकी सशक्त भूमिकाओं को अत्यधिक पसंद किया गया। श्रीविद्या का निजी जीवन त्रासदियों से भरा रहा है। स्तन कैंसर के कारण मृत्यु को प्राप्त करने से पहले उन्होंने अपने कार्य के प्रति पूर्ण समर्पण दर्शाते हुए सभी प्रकार की बाधाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी.
प्रारंभिक जीवन
श्रीविद्या का जन्म 24 जुलाई 1953 को चेन्नई, तमिलनाडु, में हुआ; उनके पिता कृष्णमूर्ति तमिल फिल्मों के हास्य अभिनेता थे और एम.एल. वसंथकुमारी दक्षिण भारतीय शास्त्रीय संगीत गायिका थीं। उनका संकररमन नामक एक भाई भी था। उनके पिता को उनके जन्म के कुछ ही समय बाद एक बीमारी (जिसने उनके चेहरे की मांसपेशियों को प्रभावित किया) के कारण अभिनय का काम छोडना पड़ा.[१] उनका परिवार गरीबी की कगार पर चला गया। परिवार की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए उनकी माँ को लंबे समय तक काम करना पड़ता. श्रीविद्या ने एक बार कथित तौर पर कहा था कि उनकी माँ के पास उन्हें स्तनपान कराने तक का समय नहीं रहता था।[१] श्रीविद्या ने काफी छोटी उम्र में ही अभिनय के क्षेत्र में अपने कदम रख दिए थे। वित्तीय कठिनाइयों के कारण उनके माता पिता की शादी में खटास आने के साथ श्रीविद्या का बचपन एक दु:स्वप्न के समान हो गया। अमेरिका के एक वैज्ञानिक ने उनसे शादी करने की इच्छा जाहिर की लेकिन उनके परिवार की वित्तीय समस्याओं के कारण उनकी शादी नहीं हो सकी। [१]
शुरूआती करिअर
श्रीविद्या ने मलयालम फिल्मों में अपनी शुरुआत पी. सुब्रमण्यन निर्देशित फिल्म कुमार संभवम के एक नृत्य, तथा तेलुगु फिल्मों में दासारी नारायण राव निर्देशित फिल्म टाटा मानवाडु (1972) से की। [२] उन्होंने चट्टमबिक्कवला फिल्म में सत्यम के विपरीत एक नायिका के रूप में काम किया। ए. विन्सेंट निर्देशित फिल्म चेंडा से लोगों का ध्यान उनकी तरफ गया। जूली का प्रसिद्ध किरदार निभाने वाली लक्ष्मी उनकी काफी करीबी मित्र हैं। श्रीविद्या ने मलयाली अभिनेत्री सीमा को उनके पोशाक चयन और श्रृंगार में भी मदद की।
करियर और जीवन
1970 के दशक के मध्य से वे तमिल फिल्म उद्योग में काफी व्यस्त हो गयीं। उन्होंने नूटरुक्कू नूरू, सोल्लथन निनाक्किरेन तथा अपूर्व रागंगल (ये दोनों के बालचंदर द्वारा निर्देशित हैं) जैसी फिल्मों में काम किया। अपूर्व रागंगल (1975) फिल्म, जिसमें उन्होंने उस समय के उभरते हुए सितारों और तमिल फिल्मों के आज के सुपरस्टार रजनीकांत तथा कमाल हासन के साथ काम किया, ने उनकी पूरी जिंदगी ही बदल डाली। फिल्म में उन्होंने रजनीकांत की पत्नी और कमल हासन की प्रेमिका के रूप में काम किया था। फिल्म के निर्माण के दौरान उन्हें कमल हासन से प्यार हो गया। उनके परिवार वाले भी उनके साथ थे लेकिन फिर भी वे अलग हो गए। बाद में उन्हें अपनी मलयालम फिल्म तीक्कानल के सहायक निर्देशक जॉर्ज थॉमस से प्यार हो गया।[३] अपने परिवार से विरोध के बावजूद उन्होंने 9 जनवरी 1978 को उनसे शादी कर ली। जॉर्ज की इच्छानुसार शादी से पहले उन्होंने ईसाई धर्म कबूल कर लिया। वे एक गृहणी के रूप में रहना चाहती थीं लेकिन जॉर्ज द्वारा वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए उनपर दबाव डालने के कारण उन्हें फिर से अभिनय की दुनिया में उतरना पड़ा. जल्द ही उन्हें एहसास हो गया कि जॉर्ज से शादी करके उन्होंने गलती की है। उनका परिवारक जीवन काफी कष्टप्रद हो गया और अंततः उनकी शादी तलाक के साथ ख़त्म हो गई। उसके बाद उन दोनों के बीच वित्तीय मुद्दों को निपटाने के लिए एक लम्बी कानूनी लड़ाई हुई। मामला भारत के सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा जहां उनके हक में फैसला दिया गया।[४] तलाक के बाद वे चेन्नई छोड़ कर तिरुवनंतपुरम में बस गयीं।
श्रीविद्या एक अच्छी गायिका भी थीं। पहली बार उन्होंने मलयालम फिल्म अयालाथे सुंदरी में अपनी गायिकी का प्रदर्शन किया। बाद में उन्होंने ओरू पैन्गिलिकधा तथा नक्षत्र थराट्टू जैसी कई फिल्मों में काम किया। वह एक माहिर शास्त्रीय गायिका भी थीं। वे सूर्य उत्सव जैसे समाराहों में भी गायिकी किया करती थीं।
मृत्यु
2003 में शारीरिक समस्याओं के कारण उनका बायोप्सी परीक्षण किया और स्तन कैंसर से ग्रस्त पाया गया। तीन साल तक उनका इलाज चलता रहा। अक्टूबर 2006 में उनकी कीमोथेरेपी की गयी लेकिन कैंसर पहले ही पूरे शरीर में फ़ैल चुका था। 19 अक्टूबर 2006 को शाम 7:55 पर उनकी मृत्यु हो गयी।[१]
फिल्म सूची
- लंदन (2005)
- स्वप्नम कोंडू थुलाभरम (2003)
- मुल्लावलियम थेंमावुम (2003)
- मलयालीमामानु वनेक्कम (2002)
- कंडुकोंडैंन कंडुकोंडैंन (2000)
- इन्गाने ओरु निलापक्शी (2000)
- अग्नि साक्षी (1999)
- अरुंधति (1999)
- संगमम (1999)
- कन्नेथिरे थोंद्रिनल (1998)
- सिद्धार्थ (1998)
- चिन्नाबाई (1997)
- काधालुक्कू मरियादाई (1997)
- कृष्णागुड़ियिल ओरु प्रनयकालथु (1997)
- मानसम (1997)
- पूनिलामाझा (1997)
- अनियाथी प्रावु (1997)
- धर्म चक्रम (1996)
- दी प्रिंस (1996)
- दिल्लीवाला राजकुमारन (1996)
- एक अनाड़ी दो खिलाड़ी (1996)
- कादल देसम (1996)
- नाम्मावर (1995)
- गाण्डीवम (1994)
- पावम आईए आइवाचन (1994)
- पवित्रम (1994)
- ओ' फेबी (1993)
- उज्हैप्पाली (1993)
- बलराम कृष्णुलु (1992)
- दैवाथिनते विक्रिथिकल (1992)
- नीलगिरी (1991)
- थलपथी (1991)
- अद्वैतम (1991)
- एंटे सूर्यापुथ्रिक्कू (1991)
- साम्राज्यम (1990)
- कोंडावीटी डोंगा (1990)
- अपूर्व सागोधरार्गल (1989)
- इन्नाले (1989)
- माप्पिलई (1989)
- विक्की दादा (1989)
- जालाकम (1987)
- स्वाति थिरूनल (1987)
- प्रणामम (1986)
- क्षमिच्छू एन्नोरू वाक्कु (1986)
- एन्नेंनुम कान्नेत्तान्ते (1986)
- इराकल (1986)
- पुन्नागई मन्नान (1986)
- विवाहितरे इतिहिले (1986)
- अयानम (1985)
- अज्हियाथा बंधांगल (1985)
- जानकीय कोडाथी (1985)
- थिनकलाज्ह्चा नल्ला दिवसम (1985)
- अरांटे मुल्ला कोछु मुल्ला (1984)
- अदामिंटे वारियेल्लू (1983)
- भूकम्बम (1983)
- कत्ताथे किलिकूड (1983)
- पिन निलावु (1983)
- प्रतिज्ञा (1983)
- रचना (1983)
- इथिरी नेराम ओथिरी कारयाम (1982)
- केल्वियुम नानेय बधिलुम नानेय (1982)
- अक्क्रामनाम (1981)
- अत्तिमारी (1981)
- कथायरीयाते (1981)
- विल्क्कानंदु स्वपनंगल (1980)
- शक्ति (1980)
- थीक्कादल (1980)
- अलावुद्दीनुम अथ्बुथा विलक्कुम (1979)
- एदावाज्हियिले पूछा मिंडा पूछा (1979)
- जीवितम ओरु गानम (1979)
- पुथिया वेलिचम (1979)
- श्री कृष्ण लीला (1977)
- हृदयं ओरु क्षेथ्रम (1976)
- अर्जुन पंडित (1976)
- थूर्पू पदमारा (1976)
- अपूर्व रागंगल (1975)
- जैसे को तैसा (1973)
- कत्ताथे किलिकूडू
- नर्तकी के रूप में टाटा मानवाडु