व्यतिकरणमिति
व्यतिकरणमिति (Interferometry) के अन्तर्गत कई तकनीके हैं जिनमें विद्युतचुम्बकीय तरंगों का व्यतिकरण कराया जाता है ताकि इससे उन तरंगों के बारे में जानकारी निकाली जा सके। तरंगों का व्यतिकरण कराने के लिये जिस उपकरण (इंस्टूमेंट) का उपयोग किया जाता है उसे व्यतिकरणमापी (interferometer) कहते हैं। खगोलविज्ञान, फाइबर प्रकाशिकी, इंजीनियरिंग मापन, प्रकाशीय मापन, भूकंप विज्ञान, समुद्रविज्ञान, क्वांटम यांत्रिकी, नाभिकीय एवं कण भौतिकी, प्लाज्मा भौतिकी, सुदूर संवेदन, बायोमालिक्युलर इंटरैक्शन्स आदि में व्यतिकरणमिति एक महत्वपूर्ण परीक्षण तकनीक है।
व्यतिकरणमापी
यह एक प्रकाशीय युक्ति है, जो प्रकाश की एक किरण को एक या अनेक भागों में विभक्त करने के बाद इन भागों को एक में मिलाकर व्यतिकरण उत्पन्न करती है। यह युक्ति दूरी, कोण, गति, विस्थापन या अपवर्तनांक का मापन तथा संकीर्ण स्पेक्ट्रम क्षेत्र का विश्लेषण प्रकाश की किरणों के व्यतिकरण से करती है। प्रकाश का वेग निकालने के लिये भी प्रयुक्त होती है। इसके उपयोग से दूरी आदि के मापन में प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्ध्य के कोटि की यथार्थता (accuracy) प्राप्त होती है।
मूलभूत सिद्धान्त
व्यतिकरणमापी अध्यारोपण के सिद्धान्त पर कार्य करता है। जब प्रकाश की दो तरंगें मिलती हैं, तब व्यतिकरण होता है।
जब एक प्रकाशतरंग का तरंगशृंग (crest) प्रकाश की दूसरी तरंग के तरंगशृंग से तथा एक का गर्त (trough) दूसरे के गर्त से मिलता है, तब प्रकाश तीव्र होता है; पर इसके विपरीत जब एक तरंग का तरंगशृंग दूसरी तरंग के गर्त से मिलता है, तब प्रकाश की दोनों तरंगों का प्रकाश निरसित हो जाता है, अर्थात् अंधकार हो जाता है। यही व्यतिकरण है।
व्यतिकरण के लिये प्रायः प्रकाश अथवा कोई अन्य विद्युतचुम्बकीय तरंग प्रयोग की जाती है। प्रायः प्रकाश के किसी पुंज (बीम) को किसी ग्रिड या 'अर्ध दर्पण' द्वारा दो भागों में बांट देते हैं। इसके बाद इनको अलग-अलग मार्गों से होकर ले जाया जाता है और किसी स्थान पर दोनों का व्यतिकरण कराया जाता है। जब ये पुंज मूल पुंज से अलग हुए थे तब तो एक ही कला (फेज) में थे किन्तु बाद में अलग-अलग दूरी चलने के कारण उनमें कलान्तर आ जाता है और इनके व्यतिकरण से प्राप्त पैटर्न इनके बीच के कलान्तर पर निर्भर करता है।
उपयोग
आधुनिक काल में व्यतिकरणमापी का उपयोग बढ़ता जा रहा है। कोयले की खानों की हवा में मिथेन\मेथेन द्वारा होनेवाले प्रदूषण का पता लगाने के लिए परिवहनीय व्यावहारिक व्यतिकरणमापी का उपयोग किया जाता है। अत्यधिक उच्च ताप, जैसे वात्या भट्टी का ताप, तथा पेंच की परिशुद्धता की जाँच के लिए भी व्यतिकरणमापी प्रयुक्त किया जा रहा है। व्यतिकरणमापी से 1 इंच के 1/10,00,00,000 तक की शुद्धता की जाँच की जा सकती है।
इन्हें भी देखें
- फाब्री तथा पेरो व्यतिकरणमापी (Fabry and Perot Interferometer)
- परावर्ती सोपानक व्यतिकरणमापी (Reflecting Echelon Interferometer)