वेब ब्राउज़र

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(वेब ब्राउजर से अनुप्रेषित)
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वेब ब्राउज़रों का बाजार में योगदान (गैर-आई.ई ब्राउज़रों का):[१]
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वेब ब्राउज़र एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है, जो की विश्वव्यापी वेब या स्थानीय सर्वर पर उपलब्ध लेख, छवियों, चल-छित्रों, संगीत और अन्य जानकारियों इत्यादि को देखने तथा अन्य इन्टरनेट सुविधाओं के प्रयोग करने मैं प्रयुक्त होता है।[२] वेब पृष्ठ एच.टी.एम.एल. नामक कंप्यूटर भाषा मैं लिखे जाते है, तथा वेब ब्राउजर उन एच.टी.एम.एल. पृष्ठों को उपभोक्ता के कंप्यूटर पर दर्शाता है। व्यक्तिगत कंप्यूटरों पर प्रयोग होने वाले कुछ मुख्य वेब ब्राउजर हैं इन्टरनेट एक्स्प्लोरर, मोजिला फ़ायरफ़ॉक्स,सफारी, ऑपेरा, फ्लॉक और गूगल क्रोम, इत्यादि है जबकी वेब ब्राउजरो के स्मार्टफोन संस्करण एच.टी.एम.एल. पृष्ठों को उपभोक्ता के मोबाइल पर दर्शाने मे सहायता करते है[३]


प्रत्येक कंप्यूटर एक प्रचालन तंत्र का समर्थन करता है, किसी के सिस्टम में विंडोज, तो किसी में लाइनक्स या यूनिक्स होता है। प्रत्येक व्यक्ति और कंपनी अपनी आवश्यकताओं के अनुसार प्रचालन तंत्र स्थापित करते हैं। प्रत्येक प्रचालन तंत्र की प्रोग्रामिंग अलग होती है और प्रकार्य भी अलग होते हैं। इंटरनेट के आरंभिक काल में प्रचालन तंत्र का अलग-अलग होना एक बड़ी समस्या थी। अलग प्रचालन तंत्र होने के कारण एक प्रचालन तंत्र को दूसरे से संचार के लिए समस्याएं आने लगीं। इस दौर में ऐसी भाषा की अत्यावश्यकता महसूस की जाने लगी, जो सभी प्रचालन तंत्रों के लिए समान हो। ऐसे में सूचना के आदान-प्रदान के लिए सर्वमान्य प्रोग्रामन भाषा एचटीएमएल (हाइपर टेक्सट मार्क अप लैंग्वेज) आई। इसकी प्रोग्रामिंग और प्रकार्य ऐसा बनाया गया, जो वेब ब्राउजर को समझ में आए।[२] प्रत्येक वेबब्राउजर एचटीएमएल प्रोग्रामन भाषा को समझता है। आरंभ के दिनों के कई ब्राउजर सिर्फ एचटीएमल का समर्थन सपोर्ट करते थे, लेकिन वर्तमान में ब्राउजर एचटीएमएल जैसी दूसरी प्रोग्रामन भाषाओं जैसे कि एक्सएचटीएमएल, आदि को भी को सपोर्ट करने लगे।

सन १९९१ में टिम बर्नर ली ने कई तकनीकों के संयुक्त प्रयोग से मिलाकर वेब ब्राउजर की नींव रखी थी।[२] इस वेब ब्राउजर का नाम वर्ल्ड वाइड वेब रखा गया था, जिसे लघुनाम में डब्ल्यु.डब्ल्यु.डब्ल्यु भी कहते हैं। पृष्ठको यूआरएल (यूनीफॉर्म रिसोर्स लोकेटर) के रूप में लोकेट किया जाता है और यही यू.आर.एल वेब पते के तौर पर जाना जाता है। इस वेब पते का आरंभ अंग्रेज़ी के अक्षर-समूह एच टी टी पी से होता है। कई ब्राउजर एचटीटीपी के अलावा दूसरे यूआरएल टाइप और उनके प्रोटोकॉल जैसे गोफर, एफटीपी आदि को सपोर्ट करते हैं।

वेब ब्राउज़र का इतिहास

मुख्य लेख : वेब ब्राउज़र स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

1990 World Wide Web ,W3C के निदेशक टिम बर्नर्स-ली द्वारा बनाया गया पहला ब्राउज़र था, फिर वास्तविक वर्ल्ड वाइड वेब से अंतर करने के लिए इसका नाम बदलकर नेक्सस कर दिया। आज के विपरीत, यह एकमात्र ब्राउज़र था और वेब तक पहुंचने का एकमात्र तरीका था।
1992 LYNX (लिंक्स )एक टेक्स्ट-आधारित ब्राउज़र था जो किसी भी ग्राफिक सामग्री को प्रदर्शित नहीं कर सकता था
1993 मोज़ेक पहला ब्राउज़र था जो पाठ में अंतर्निहित छवियों को “दुनिया का पहला सबसे लोकप्रिय ब्राउज़र” बनाने की अनुमति देता था।
1994 मोज़ेक के लिए एक उल्लेखनीय सुधार नेटस्केप नेविगेटर आया।
1995 इंटरनेट एक्सप्लोरर ने माइक्रोसॉफ्ट के पहले वेब ब्राउज़र के रूप में अपनी शुरुआत की।
1996 ओपेरा ने 1994 में एक शोध परियोजना के रूप में शुरू किया जो आखिरकार दो साल बाद सार्वजनिक हुई। यह भी यकीनन ब्राउज़र युद्धों की शुरुआत थी, मुख्य रूप से IE 3 और नेविगेटर 3 के बीच में इंटरनेट एक्सप्लोरर नई क्षमताओं के साथ आगे बढ़ा।
2003 Apple का सफ़ारी ब्राउज़र विशेष रूप से नेविगेटर के बजाय Macintosh कंप्यूटर के लिए जारी किया गया था।
2004 मोज़िला ने फ़ायरफ़ॉक्स को नेटस्केप नेविगेटर के रूप में लॉन्च किया।
2007 मोबाइल सफारी को ऐप्पल के मोबाइल वेब ब्राउज़र के रूप में पेश किया गया था और यह आईओएस बाजार पर हावी है।
2008 Google Chrome जल्द ही ब्राउज़र मार्केट पर कब्जा करने के लिए दिखाई दिया।
2011 ओपेरा मिनी को तेजी से बढ़ते मोबाइल ब्राउज़र बाजार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जारी किया गया था।
2015 माइक्रोसॉफ्ट एज का जन्म गूगल से मुकाबले के लिए हुआ था

आईई ८

स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। इंटरनेट एक्स्प्लोरर माइक्रोसोफ्ट का वेब ब्राउज़र है। हाल ही में इसका लॉन्च किया गया नया संस्करण आई.ई-८ है। माइक्रोसोफ्ट के अनुसार यह अब तक का सर्वोत्तम ब्राउज़र है।[४] नया आईई पुराने संस्करणों से ४०% तेजी से खुलता है। यह पन्नों को तेजी से रेंडर करता है और वीडियो भी तेजी से चलाता है। गूगल के अनुसार भी यह ब्राउजर फायरफोक्स और क्रोम दोनों से तेज है। इसमें दो ऐसी सुविधाएँ जोडी गई हैं जिससे प्रयोक्ताओं को काफी सुरक्षा मिलती है। एक है क्रोस साइट फिशिंग, यानी कि आईई8 वेबपन्नों पर रखी गई हानिकारक स्क्रिप्ट की पहचान कर लेता है और ऐसे पन्नों को खोलता नही है, जिससे प्रयोक्ताओं के कंप्यूटर में ऐसी स्क्रिप्ट स्थापित नही हो पाती। दूसरी सुविधा है क्लिक-हाइजेकिंग, कई बार प्रयोक्ताओं को कोई बटन दिखाया जाता है जिसे दबाने पर नया पन्ना खुलेगा ऐसा बताया जाता है, परंतु वह वास्तव में हाइजैकिंग स्क्रिप्ट होती है जिससे कोई हानिकारक सक्रिप्ट कंप्यूटर में स्थापित हो जाती है। आईई8 ऐसी किसी भी स्क्रिप्ट को रोक देता है।

आईई8 के टैब पेनल में भी बदलाव किये गए हैं। अब एक ही प्रकार की साइटें पास पास खुलती है और एक ही समूह की साइटों की टेब का रंग भी एक जैसा होता है जिससे प्रयोक्ताओं को टेब पन्नों को पहचानने में आसानी रहती है। इसके अलावा आईई 8 में एक विशेष सुविधा है एक्सीलरेटर। किसी भी वेबपेज के किसी भी शब्द को चुनने करने पर एक नीले रंग का बटन मिलता है जिसमें कई लिंक होते हैं जैसे कि गूगल मेप में ढूंढे, विकी पर देखें आदि। इससे प्रयोक्ता का समय बचता है।

फायरफॉक्स

मोजिला फायरफॉक्स का स्क्रीनशॉट

स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। फायरफॉक्स दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहा मुक्त स्रोत वेब ब्राउज़र है। मोज़िल्ला फायरफोक्स के अनुसार उसके नवीनतम संस्करण फायरफोक्स ३ की गति सर्वाधिक तेज है। इसमें नया जावा इंजिन लगाया गया है और यह ब्राउज़र जीमेल जैसी साइट को दुगनी तेजी से खोलता है। फायरफॉक्स 3 मे एक नई सुविधा जोडी गई है - वन क्लिक साइट इंफो, जिससे प्रयोक्ता मात्र एक बटन दबाकर किसी भी साइट की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। फायरफोक्स का आवरण भी बेहतर बनाया गया है। किसी भी साइट पर सत्रारंभ करने पर अब सूचना बार आती है जो कम जगह घेरती है। फायरफोक्स की डाउनलोड सुविधा भी बेजोड़ है। प्रयोक्ता अपने डाउनलोड को बीच में ही रोक सकते हैं और पुन: वहीं से शुरू कर सकते हैं। डाउनलोड की गई फाइलों तक पहुँचना भी आसान है।

सफारी

स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। सफारी एप्पल कंपनी का वेब ब्राउज़र है। एप्पल ने हाल ही में सफारी का नया संस्करण सफारी ४ लाँच किया है।[४] इस ब्राउजर में नया नाइट्रो इंजिन लगाया गया है। एप्पल के अनुसार यह ब्राउज़र सबसे तेज है। वैसे इसमें सुरक्षा की दृष्टि से कोई नया फीचर जोडा नहीं गया है। लेकिन फिशिंग और मेलावेयर सुरक्षा संबंधित पुराने सभी फीचर इसमें पहले ही उपलब्ध है। सफारी का टेब सिस्टम अब सबसे ऊपर लगा दिया गया है। इसके अलावा टोप साइट सुविधा मनवांछित साइटें सरलतम तरीके से खोलने देती है। सफारी की एक नयी सुविधा है कवर फ्लो। यह सुविधा पिछली बार सर्फ की गई साइटों की जानकारियाँ और प्रिव्यू प्रदान करता है। कवर फ्लो साइटों को उसी क्रम मे समायोजित करता है जिस क्रम मे वे सर्फ की गई थी।

क्रोम

स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। क्रोम गूगल का वेब ब्राउज़र है। हाल ही में क्रोम का बीटा 2 संस्करण जारी किया गया है। क्रोम का नया संस्करण पुराने संस्करण की तूलना में 30 से 40% तक अधिक तेज है।[४] क्रोम गूगल का उत्पाद होने के कारण हानिकारक वेबपन्नों की पहचान आसानी से कर पाता है। गूगल टीम लगातार ऐसे पन्नों की खोज करती रहती है। जब भी उपयोक्ता ऐसे किसी पन्नों को सर्फ करने की कोशिश करते हैं क्रोम ऐसा करने से रोक देता है। क्रोम का टेब सिस्टम अनूठा है। सभी टेबों को खींच कर अलग ब्राउज़र का रूप भी दिया जा सकता है और शोर्टकट के रूप में डेस्कटॉप पर सहेजा भी जा सकता है। क्रोम की टेबिंग सिस्टम अन्य ब्राउजरों से एकदम अलग है। क्रोम की अनोखी सुविधा है स्पीड डायल। किसी भी नई टेब को खोलने पर पिछली बार सर्फ किए गए वेबपन्नों के ९ थम्बनेल दिखाई देने लगते हैं साथ ही नए बुकमार्क की किए गए पन्नों की सूची भी।

फ्लॉक

स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। फ्लॉक एक वेब ब्राउज़र है, जो मोज़िला फायरफॉक्स कूट-आधार पर विकसित है। ये सामाजिक नेटवर्किंग एवं वेब २.० की सुविधाओं के लिए खास विकसित किया गया है। फ्लॉक का संस्करण २.५ आधिकारिक रूप से १९ मई २००९ को लॉन्च किया गया था। ये निःशुल्क डाउनलोड हेतु उपलब्ध है। इसपर माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़, मैक ओएस एक्स और लाइनेक्स प्लेटाफ़ॉर्म्स पर समर्थन उपलब्ध है।

नेटस्केप नेविगेटर

स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। नेटस्केप नेविगेटर १९९० के दशक में प्रचलित एक वेब ब्राउज़र रहा है। इसका विकास नेटस्केप कम्युनिकेशंस कार्पोरेशन ने किया था।

सन्दर्भ

  1. वेब ब्राउज़र स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।हिन्दुस्तान लाइव(हिन्दी)४ नवंबर, २००९
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. आईई8 बनाम फायरफोक्स बनाम सफारी बनम क्रोम : तुलना स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। तरकश। २८ मार्च,२००९

बाहरी कड़ियाँ