विश्व सीमा शुल्क संगठन
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संक्षेपाक्षर | डब्लूसीओ |
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स्थापना | साँचा:if empty |
प्रकार | अंतरसरकारीय संगठन |
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साँचा:longitem क्षेत्र | साँचा:if empty |
साँचा:longitem | 180 देश सीमा शुल्क प्रशासन सदस्य |
साँचा:longitem | अंग्रेजी और फ्रांसीसी |
साँचा:longitem | क्यूनियो मिक्यूरिया (जनवरी 2009 - वर्तमान) |
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जालस्थल |
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विश्व सीमा शुल्क संगठन (World Customs Organization / WCO) विश्व सीमा शुल्क संगठन की स्थापना 1952 में सीमा शुल्क सहयोग परिषद के रूप में की गयी थी। यह एक अंतरसरकारी संगठन है डब्ल्यूसीओ का मूल उद्देश्य संपूर्ण विश्व में सीमा शुल्क प्रशासनों की प्रभावशीलता एवं कार्यक्षमता में वृद्धि लाना है। वर्ष 1947 में व्यापार एवं प्रशुल्कों पर सामान्य समझौता गैट, द्वारा पहचाने गए सीमाकर मामलों के परीक्षण हेतु 13 यूरोपीय देशों ने एक अध्ययन दल की स्थापना की। डब्ल्यूसीओ की सदस्यता निरंतर विश्व के सभी क्षेत्रों में पहुंच गई। 1994 में संगठन ने अपना वर्तमान नाम 'विश्व सीमाकर संगठन' (डब्ल्यूसीओ) अपनाया। आज, डब्ल्यूसीओ के सदस्य विश्व के 94 प्रतिशत से अधिक व्यापार के सीमाकर नियंत्रण के लिए उत्तरदायी हैं।
गतिविधियां
अपनी विश्व भर में सदस्यता के साथ, डब्ल्यूसीओ के उल्लेखनीय कार्य क्षेत्रों में शामिल हैं- वैश्विक मानकों का विकास, सीमावर्ती प्रक्रियाओं का सरलीकरण एवं हितकारी करना व्यापार आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुसाध्य बनाना, सीमाकर प्रवर्तन और सम्बद्ध गतिविधियों में वृद्धि करना, नकल विरोधी कदम उठाना, निजी-सार्वजनिक भागीदारीसंवर्द्ध न, समन्वित प्रोत्साहन, सतत वैश्विक सिमकार क्षमता निर्माण कार्यक्रम मजबूत करना डब्ल्यूसीओ वस्तु नामकरण सौहाद्रीकरण तंत्र को व्यवस्थित करने का कार्य भी करता है सीमाकर मूल्य वर्द्धितकरण और उद्गम नियमों पर डब्ल्यूटीओ समझौते के तकनीकी पहलुओं को भी प्रशासित करता है। अभी हाल ही में 80 वी विश्व सीमा शुल्क संगठन की बैठक मुंबई में हुई है