विलियम हरशॅल

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विलियम हरशॅल
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हस्ताक्षर
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सर फ़्रॅडरिक विलियम हरशॅल (अंग्रेज़ी: Frederick William Herschel, जन्म: १५ नवम्बर १७३८, देहांत: २५ अगस्त १८२२) एक जर्मनी में पैदा हुए ब्रिटिश खगोलशास्त्री और संगीतकार थे। १९ वर्ष की उम्र में वे जर्मनी छोड़कर ब्रिटेन में आ बसे। उन्होंने ही युरेनस ग्रह की खोज की थी। यह दूरबीन द्वारा पहचाना गया पहला ग्रह था। उन्होंने इसके अतिरिक्त युरेनस के दो उपग्रहों की और शनि के दो उपग्रहों की भी खोज की। हालांकि वे अपनी खगोलशास्त्रिय गतिविधियों के लिए ज़्यादा विख्यात हैं, उन्होंने अपने जीवनकाल में २४ संगीत की टुकड़ियां भी लिखीं।

1805 ई. में ब्रिटेन के खगोलज्ञ हर्शेल ने दूरबीन की सहायता से अंतरिक्ष का अध्ययन किया तो ज्ञात हुआ कि ब्रह्मांड मात्र सौरमण्डल तक ही सीमित नहीं है। सौरमण्डल आकाशगंगा का एक अंश मात्र है।

1816 में उन्हें नाइट की उपाधि प्रदान की गई । 1822 में उनकी मृत्यु हुई। उनके कार्य को उनके ही इकलौते पुत्र जॉन फ्रेडरिक विलियम हरशॅल ने कायम रखा ।

जीवन परिचय

विलियम हरशॅल (फ्रेडरिक) (1738-1822) का जन्म 15 नवम्बर 1738 को हनोवर, जर्मनी में हुआ । चौदह वर्ष की उम्र में वें एक स्थानीय रेजिमेंटल बैंड में शामिल हो गए। चार साल बाद उन्होंने अपने बैंड के साथ इंग्लैंड का दौरा किया । 1757 में इंग्लैंड आकर बस गए और एक संगीतकार के रूप में अपनी जीविका शुरु की । उन्होंने ओक्टागन चैपल, बाथ में सोलह वर्षों तक एक आर्गन वादक के रूप में कार्य किया । इस कार्यकाल के दौरान वें खगोल विज्ञान पर मोहित हो गए । 1772 में अपनी बहन कैरोलीन हरशॅल को इंग्लैंड ले आए । कैरोलीन ने खगोल विज्ञान में उनके साथ अपनी रुचि साझा की। दोनों ने एक साथ मिलकर काम किया । 1773 में हरशॅल ने दर्पण की घिसाई और दूरबीन निर्माण का काम शुरू किया । सन 1774 में पहली बड़ी दूरबीन बनी जो असल मे 1.8 मीटर की एक ग्रेगोरियन परावर्तक थी ।

गहन अंतरिक्ष का सर्वेक्षण

आगामी नौ वर्षों में हरशॅल ने तीव्रता से समूचे आकाश का सर्वेक्षण किया। उनका उद्देश्य दोहरे-तारों की जांच करना था । 1782, 1785 और 1821 में दोहरे-तारों की सूचीपत्र प्रकाशित की। उसमे कुल 848 तारें सूचीबद्ध किए गए । हरशॅल की दूरबीन शक्ति से पता चला कि मेसियर सूचीपत्र की नीहारिकाएं वास्तव में तारों के समूह थे । नीहारिकाओं के कैटलॉग 1802 (2,500 वस्तुओं) और 1820 (5,000 वस्तुओं) में प्रकाशित किए गए थे । यह बाद में बड़ी तादाद में न्यू जनरल कैटलॉग (एनजीसी) के रुप मे गठित हुआ जिसे 1888 में जोहान ड्रेयर द्वारा प्रकाशित किया गया था । एनजीसी के नामकरण आज भी व्यापक रूप से प्रयोग में लिए जाते है ।

युरेनस की खोज

एक अवलोकन के दौरान हरशॅल ने महसूस किया कि एक आकाशीय पिंड जिसे उन्होंने स्वयं अवलोकित किया, किसी भी तरह से तारा नहीं है बल्कि एक ग्रह है, और यह ग्रह था युरेनस । युरेनस की खोज ने हरशॅल और उसकी बहन व सहायक कैरोलीन को रातोंरात मशहूर कर दिया । हालांकि, हरशॅल नए ग्रह को अपने संरक्षक जॉर्ज-तृतीय के सम्मान में “जोर्जियम सीडस” नाम देना चाहते थे । लेकिन इसके पक्ष में खगोलीय समुदाय का साथ नहीं मिला । अंततः यह आकाश के पौराणिक देवता यूरेनस पर नामित किया गया । इस खोज के एवज में उनकों जॉर्ज-तृतीय द्वारा ‘निर्णायक खगोलविद’ नियुक्त किया गया। दोनों भाई-बहन को पेंशन प्रदान की गई । वह रॉयल सोसाइटी के एक फैलो के रूप में चुने गए साथ ही उन्हें नई दूरबीनों के निर्माण के लिए अनुदान भी प्रदान किया गया ।