वालीबॉल

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
वालीबॉल
Algeria and Japan women's national volleyball team at the 2012 Summer Olympics (7913959028).jpg
Typical volleyball action.
सर्वोच्च नियंत्रण निकाय FIVB
सबसे पहले खेला गया 1895, Holyoke, Massachusetts, United States
विशेषताएँ
अनुबंध None
दल के सदस्य 6
मिश्रित लिंग Single
वर्गीकरण Indoor, beach, grass
उपकरण Volleyball
ओलंपिक 1964
वालीबॉल का खेल

वालीबॉल एक खेल है। इसकेे मैदान की लंबाई १८ मीटर एवं चौड़ाई ९ मीटर होती है।[१] लंबाई में इसको दो बराबर बराबर भागों में बाँट दिया जाता है। तत्पश्चात्‌ दो इंच (५ सेंमी.) चौड़ाई की रेखा से इस मैदान की सीमारेखा बना दी जाती है। किसी भी प्रकार की रुकावट मैदान के चारों तरफ, तीन मीटर तक और ऊँचाई में ७ मीटर तक, नहीं होनी चाहिए। मध्य रेखा के समांतर दोनों तरफ उससे तीन मीटर की दूरी पर आक्रामक रेखा खींच दी जाती है। मैदान के पीछे की रेखा के साथ, बगल की रेखा से दोनों तरफ, क्रीड़ाक्षेत्र की ओर तीन मीटर की दूरी पर, मैदान के बाहर पीछे की ओर एक रेखा खींच दी जाती है। इसे सेवाक्षेत्र (Service area) कहते हैं।

मैदान के बीचों बीच ९.५ मीटर लंबाई की एवं १ मीटर चौड़ाई की साथ ही १० सेंमी. वर्गाकार छोटे छोटे खानों वाले जाल को २ मीटर ४३ सेंमी. (७ फुट ११.६ इंच) की ऊँचाई पर, बगल के दो मजबूत खंभों से बाँध दिया जाता है। इसकी ऊँचाई पुरुष एवं महिलावर्ग के लिए भिन्न भिन्न है। पुरुष के लिए जहाँ २ मीटर ४३ सेमी. है वहीं महिलावर्ग के लिए २ मीटर २४ सेंमी. होती है।

इस खेल की गेंद संभवत: छोटे छोटे मुलायम चमड़े के बारह टुकड़ों से बनाई जाती है और इसके अंदर एक रबर का ब्लैडर अलग से रखा जाता है। इस गेंद की परिधि ६५ सेंमी. से ६८.५ सेंमी. तक तथा वजन २५० स ३०० ग्राम होना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए इसका अधिकतम व्यास ६७.० सेंमी. से ६८.५ सेंमी. एवं वजन २८० ग्राम से ३०० ग्राम तक ही रखा जाता है।

वालीबॉल के खिलाड़ियों को यदि किसी भी अधिकारी के निर्णय के विरुद्ध कुछ कहना हो, तो उन्हें चाहिए कि वे अपने कप्तान द्वारा ही कहलाएँ। किसी भी खिलाड़ी को यह छूट नहीं है कि वह किसी भी अधिकारी को कटु शब्द कहे, या चिढ़ावे, एवं अपने क्रीड़ाक्षेत्र में अपने साथियों को खेलने के लिए निर्देश दे, या दूसरी टीम के खिलाड़ियों के प्रति व्यंगात्मक शब्द कहे। वालीबॉल के खिलाड़ियों को जरसी, हाफ पैंट एवं बिना एड़ी या कील के साधारण जूतों का प्रयोग करना चाहिए। प्रत्येक खिलाड़ी को अपने वक्षस्थल एवं पीठ पर १५ सेंमी. लंबाई और चौड़ाई का संख्यापट्ट लगाना चाहिए।

प्रत्येक दशा में एक टीम (दल) में छह खिलाड़ी ही खेलेंगे, लेकिन कोई भी दल १२ खिलाड़ियों से अधिक के नाम नहीं भेज सकता। खेल प्रारंभ होने पर सर्विस के समय दोनों टीमों के खिलाड़ियों को अपने क्षेत्र में केवल दो पंक्तियों में ही खड़ा होना चाहिए। वालीबॉल का खेल रोटेशन पद्धति द्वारा ही होना चाहिए।

वालीबॉल प्रतियोगिता के लिए सब मिलाकर, एक निर्णायक (Referee), उसकी सहायता के लिए एक एंपायर, एक गणक (Scorer) तथा दो रेखानिरीक्षक, अर्थात्‌ पाँच अधिकारियों की व्यवस्था होनी चाहिए। दोनों दलों के कप्तान सिक्के की उछाल द्वारा सर्विस एवं क्रीड़ाक्षेत्र का चुनाव निर्णायक के निर्देश पर करते हैं। प्रत्येक पाली की समाप्ति पर क्रीड़ाक्षेत्र का आपस में बदलना आवश्यक है। बहुधा देखा जाता है कि प्रतियोगिता तीन पाली की ही होती है, किंतु फाइनल मैच पाँच पाली का होता है। यदि तीन पाली के खेल में प्रत्येक दल एक एक पाली जीत चुके हों और पाँच पाली के खेल में दो दो, तो अंतिम निर्णायक पाली में ८ अंक प्राप्त करने पर क्रीड़ाक्षेत्र बदल दिया जाता है, क्योंकि पाली १५ अंक पहले बना लेनेवाले दल के पक्ष में समाप्त हो जाती है।

खेलते समय निम्नलिखित त्रुटियों से खिलाड़ियों को बचना चाहिए, अन्यथा ये ही त्रुटियाँ उनके दल के लिए हार का कारण बन जाती हैं :

(१)कमर के नीचे किसी भाग से गेंद का लगना।

(२) गेंद को हाथों में कुछ क्षण रुकने से बचाना, क्योंकि इसे होल्डिंग माना जाता है। तथा सर्विस बॉल को विस्तरित हाथों से बंप करना।

(३) एक बार से अधिक गेंद को मारने से ड्रिबलिंग होने का भय रहता है।

(४) तीन से अधिक बार गेंद को एक ही दल द्वारा मारा जाना त्रुटि समझी जाती है।

(५) दो व्यक्तियों का एक साथ गेंद को मारना और उससे दो आवाज होना डबल फाउल कहलाता है।

(६) ब्लॉक करते समय जाल का किसी अंग से छू जाना, या विरोधी खिलाड़ी का कोई अंग छू जाना, या मध्य रेखा पार कर विरोधी क्षेत्र में चला जाना, या गेंद का कमर के नीचे किसी भाग से छू जाना, या एक से अधिक बार एक ही खिलाड़ी द्वारा गेंद को मारा जाना, आदि त्रुटियों में सम्मिलित है।

(७) सर्विस बाल का नेट से छू जाना।

(८) बाल का जाल सीमा के बाहर से आना।

(९) गेंद का सीमारेखा से बाहर गिरना।

(१०) रोटेशन करते समय पीछे की पंक्तिवाले अग्रिम क्षेत्र से आक्रमण नहीं कर सकते, या गलत ढंग से रोटेशन करना, या पीछे की पंक्ति का जाल पर आकर ब्लाक करना।

(११) यदि बाल जाल के नीचे के किनारे से चला जाता है, तो वह गलत समझा जाएगा।

(१२) एक ही पाली में दो बार से अधिक टाइम आउट (समय मांगना),

(१३) या एक मिनट से अधिक देर तक खेल को रोक रखना इत्यादि भी त्रुटियों में सम्मिलित हैं।

(१४) सर्विस क्षेत्र से सर्विस का न करना या सर्विस करते समय पिछली सीमारेखा को छूना, या पार करना, या ठीक ढंग से सर्विस का न लगाना, ये सब त्रुटियों में सम्मिलित है।

अपनी सर्विस का गेंद बनने पर ही अंक मिलता है।

इस खेंल को पहली बार अमेरिका में 1895 में खेला गया था ।

इसे ओलम्पिक में 1964 में सम्मिलित किया गया ।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ