वशिष्ठ और अरुंधती तारे

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वशिष्ठ और अरुंधती तारे
सप्तर्षि तारामंडल में ध्यान से देखने पर वशिष्ठ के पास अरुंधती तारा धुंधला-सा नज़र आता है

वशिष्ठ, जिसका बायर नामांकन "ज़ेटा अर्से मॅजोरिस" (ζ UMa या ζ Ursae Majoris) है, सप्तर्षि तारामंडल का चौथा सब से रोशन तारा है, जो पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ७०वाँ सब से रोशन तारा भी है। शक्तिशाली दूरबीन से देखने पर ज्ञात हुआ है कि यह वास्तव में ४ तारों का एक मंडल है। इसके बहुत पास इस से काफ़ी कम रोशनी वाला अरुंधती तारा (बायर नाम: ८० अर्से मॅजोरिस, 80 UMa) दिखता है जो स्वयं एक द्वितारा है। इन दोनों के मिलकर जो ६ तारे हैं वे एक दूसरे के गुरुत्वाकर्षण से बंधे हुए हैं और पृथ्वी से लगभग ८१ प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं। वशिष्ठ का चार-तारा मंडल और अरुंधती का द्वितारा एक दूसरे से अनुमानित १.१ प्रकाश वर्ष की दूरी रखते हैं। वशिष्ठ की पृथ्वी से देखा गया औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) +२.२३ है लेकिन इसके सबसे रोशन तारे की चमक +२.२७ मैग्निट्यूड है। ध्यान रहे कि मैग्निट्यूड एक उल्टा माप है और यह जितना अधिक हो तारा उतना ही कम रोशन लगता है।

अन्य भाषाओं में

  • वशिष्ठ तारे को अंग्रेज़ी में "माइज़र" (Mizar) कहा जाता है।[१] यह अरबी भाषा के "मीज़र" (مئزر‎) से आया है, जिसका मतलब है "कमरबंद"।
  • अरुंधती तारे को अंग्रेजी में "ऐल्कॉर" (Alcor) कहा जाता है।[१] यह अरबी के "अल-ख़व्वार" से आया है, जिसका मतलब है "धुंधला", क्योंकि यह तारा वशिष्ठ के सामने बहुत धुंधला लगता है।

भारतीय संस्कृति में

वशिष्ठ तारे का नाम वशिष्ठ ऋषि पर पड़ा है और अरुन्धती उनकी पत्नी थीं। इन दोनों तारों को अक्सर विवाह का प्रतीक माना जाता है और कुछ हिन्दू विवाह रसमों में पंडित अक्सर इन तारों का वर्णन करता है या नवविवाहित दम्पति को इन तारों की तरह साथ रहने की शिक्षा देता है।[२]

वर्णन

वशिष्ठ दो द्वितारों का मंडल है, यानि इसमें कुल ४ तारे हैं। दूरबीन से देखने पर यह दोनों द्वितारे दो अलग तारे लगते हैं, जिन्हें अंग्रेज़ी में "माइज़र ए" (Mizar A) और "माइज़र बी" (Mizar B) कहा जाता है। जब इनका वर्णक्रम (स्पॅक्ट्रम) ग़ौर से देखा जाता है तो ज्ञात होता है कि इनमें दो नहीं बल्कि चार तारे हैं। इन दोनों द्वितारों में माइज़र ए अधिक रोशन है।[३] अनुमान लगाया गया है कि यह दोनों द्वितारे एक दूसरे की एक परिक्रमा हर २०० वर्ष में पूरी कर लेते हैं, हालाँकि कुछ खगोलशास्त्रियों के अनुसार इन्हें एक परिक्रमा में हज़ारों साल लगते हैं। माइज़र ए द्वितारे के दोनों तारे हमारे सूरज से लगभग ३५ गुना अधिक चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) रखते हैं।[४] माइज़र ए के दोनों तारे A2 V श्रेणी के मुख्य अनुक्रम तारे हैं। माइज़र बी का मुख्य तारा A7 श्रेणी का तारा है।

अरुंधती के दो तारों को अंग्रेज़ी में "ऐल्कॉर ए" और "ऐल्कॉर बी" कहा जाता है और इसका मुख्य तारा A5 V श्रेणी का है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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