वत्सराज
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वत्सराज संस्कृत नाटककार एवं कवि थे।कालिंजर के राजा परमार्दिदेव (११६३-१२०३) के शासन में यह मंत्री[१] थे।
परिचय
१२वी-१३वी शताब्दी ई0 में हुए वत्सराज[२] ने छह नाटकों की रचना की। किरातार्जुनीय व्यायोग, कर्पूरचरित, हास्यचूड़ामणि[३][४], रुक्मिणीहरण[५], त्रिपुरदाह और समुद्रमन्थन-नामक इन नाटकों में रूपकों केअलग-अलग प्रकारों के दर्शन होते हैं, यथा-व्यायोग, भाण, प्रहसन, ईहामृग, डिम और समवकार। वत्सराज की शैली सरल और प्रभावशाली है। इन्होंने दीर्घ समासों का प्रयोग नहीं किया है। वत्सराज के रूपक यद्यपि छोटे-छोटे हैं, किन्तु वे गतिशीलता और रोचकता से भरे हुए हैं।