लुई-फ्रांस्वा रॉबिलॉक
लुई-फ्रांस्वा रॉबिलॉक Louis-François Roubiliac | |
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Roubiliac by Joseph Wilton, 1761, National Portrait Gallery, London | |
जन्म |
Louis-François Roubillac 1702/1705 Lyon, France |
मृत्यु |
11 January 1762 |
राष्ट्रीयता | French |
शिक्षा | Studio of Balthasar Permoser |
प्रसिद्धि कारण | Rococo sculpture |
जीवनसाथी | Caroline Magdalene Hélot |
लुई-फ्रांस्वा रॉबिलॉक (Louis-François Roubiliac ; १६९५-१७६२) फ्रांस का शिल्पकार था।
इस फ्रेंच शिल्पकार का जन्म लिओन में हुआ। वह लंदन में बस गया था, ऐसा अनुमान किया जाता है। यहाँ उसे सन् १७३० में द्वितीय पुरस्कार का सुवर्ण पदक प्राप्त हुआ। वालपोल के आश्रय के कारण समकालीन शिल्पकार फ्लेमिंग रिस्ब्रेक और स्की मेकर्स से भी बढ़कर वह इंग्लैंड में लोकप्रिय रहा।
रॉबिलॉक हमेशा ही आवक्ष प्रतिमाओं और स्मारकों का निर्माण करता रहा। उसकी बनाई हुई हेंदेल, एमिरल वारन, मार्शल वादे, ड्यूक ऑव अर्गिल आदि स्मारक कृतियाँ वेस्टमिंस्टर एबे में आज भी हैं। शिल्पकलातंत्र पर उसका प्रभुत्व था। फिर भी अपने जीवनकाल में ही उसकी कलाप्रियता कम होने लगी थी। गेरिक क्लब (लंदन) में रखी हुई शेक्सपियर की अर्ध प्रतिमा उसने ही बनाई है। वेस्ट मिंस्टर में रखा मिसेस नाइटिंगेल का स्मारक नष्टप्राय स्थिति में होने पर भी अपने अव्यक्त भावों से प्रभावित करता है।