लिपिड

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चित्र:Lipids in Body.JPG
शरीर में लिपिड

लिपिड एक अघुलनशील पदार्थ हैं, जो कार्बोहाइड्रेट एवं प्रोटीन के साथ मिलकर प्राणियों एवं वनस्पति के ऊतक का निर्माण करते है। लिपिड को सामान्य भाषा मे कई बार वसा भी कहा जाता है परंतु दोनो मे कुछ अंतर होता है। लिपिड प्राकृतिक रूप से बने अणु होते हैं, जिनमें वसा, मोम, स्टेरॉल, वसा-घुलनशील विटामिन (जैसे विटामिन ए, डी, ई एवं के) मोनोग्लीसराइड, डाईग्लीसराइड, फॉस्फोलिपिड एवं अन्य आते हैं। इनका प्रमुख कार्य शरीर में उर्जा संरक्षण करना, ऊतकों की कोशिका झिल्ली बनाना और हार्मोन और विटामिन के अभिन्न अवयव निर्माण करना होता है। शरीर में कोलेस्ट्रोल तथा ट्राईग्लीसराईड की मात्रा ज्ञात करने हेतु लिपिड प्रोफाईल नामक परीक्षण करवाया जाता है। इसकी जांच से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि रोगी की धमनियों मे कोलेस्ट्राल जमा होने और रक्त प्रवाह अवरुद्ध होने की कितनी सम्भावना है?[१]

लिपिड अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे कि कोलेसटेरोल, काईलोमाईक्रोन इत्यादि। इनका भिन्न प्रकार से उपयोग होता है। कुछ लिपिड आहार के द्वारा प्राप्त होते हैं, तो कुछ लिपिड शरीर में निर्मित होते हैं।

कुछ सामान्य लिपिड्स की संरचना: सबसे ऊपर ओलेइक अम्ल[२] एवं कोलेस्ट्रॉल[३] मध्य संरचना ट्राईग्लीसराइड जो ओलेयोवाइल, स्टीरोवाइल, एवं पामिटोयल की ड़ियॊं द्वारा ग्लीसेरॉल बैकबोन से जुड़ी है। नीचे सामान्य फॉस्फोलिपिड, फोस्फैटीडाईकोलाइन हैं।[४]

लिपिड को सारे शरीर में रक्त द्वारा भेजा जाता है। शरीर में पूरे लिपिड का एक संतुलन रहता है और अत्याधिक लिपिड को भविष्य प्रयोग हेतु जमा कर लिया जाता है, या फिर मल त्याग के द्वारा निकाल दिया जाता है।[५] यदि रक्त में किसी कारण से बहुत अधिक लिपिड हो तो, तो यह रक्तवाहिकाओं में जमा होकर उसे संकुचित कर देता है या फिर अवरोधित भी कर देता है। इसको एथ्रोसक्लेरोसिस कहते हैं और यह समय के साथ और बढते जाता है। अंत में यह विभिन्न अंगों में रक्त-प्रवाह को कम करके हानि पहुँचाता है, जैसे कि हृदयाघात या पक्षाघात आदि।



इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

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  1. लिपिड (Lipid) क्या होता हैसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]। वेब दुनिया। १९ नवम्बर २००८
  2. Stryer et al., p. 328.
  3. साँचा:cite book
  4. स्ट्रायर et al., पृ. ३३०
  5. शरीर में लिपिड स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। नीरोग। कौस्तुभ भट्टाचार्य