रूसी सुखोई एसयू-२४ मारगिराना, २०१५
रुसी लड़ाकू विमान एसयू 24 सीरिया में आईएसआईएस के ठिकानो पर हमला करने के लताकिया की कहामिम एयर बेस से उड़ान भरी थी तुर्की के अनुसार रुसी विमान कई वार तुर्की की सीमा में प्रवेश किया जिससे तुर्की ने चेतावनी दी लेकिन चेतावनी नजरअंदाज करने के कारण तुर्की के एफ 16 लड़ाकू विमानो ने रुसी विमान पर मिसाइल से हमला किया जिससे सीरियाई क्षेत्र में जा गिरा रुसी विमान में एक पायलट तथा एक सैन्य अधिकारी सहित दो सैन्यकर्मी थे जिसमें पायलट को सीरियाई विद्रोहीयो ने पकड़ लिया था और सैन्य अधिकारी की घटना स्थल पर मौत हो गयी थी।[१][२]
दावे तथा प्रतिदावे
साँचा:flag/core दो रुसी लड़ाकू विमान एसयू -24 हमारी सीमा के अंदर आए उनको दस वार चेतावनी दी गई ये 17 सेकंड के लिए हमारे 3.21 किलोमीटर के हवाई क्षेत्र में रहे जिस पर एफ -16 लड़ाकू विमानो ने मिसाइल से एक रुसी विमान पर हमला किया और वह सीरियाई क्षेत्र में जा गिरा।
साँचा:flag/core दोनो एसयू -24 विमान तुर्की की सीमा से दूर सीरिया की सीमा में थे। दोनो सीरिया में आइएस के ठिकानो पर हमला करने जा रहे थे। तुर्की पायलटो ने हमारे पायलटो को कोई चेतावनी नहीं दी।
नाटो का साथ
तुर्की पश्चिमी देशों के वर्चस्व वाले सैन्य संगठन नाटो का सदस्य है। लिहाजा अमेरिका, ब्रिटेन सहित सभी सदस्य देश विमान गिराने की घटना पर तुर्की के पक्ष में थे जिससे ये रुस को नागवार लगा था। ब्रिटेन ने तुर्की की सहायता के लिए अपना सैन्य वल भी तैयार कर लिया था और अमेरिकी तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन को फोन कर सर्मथन जताया था।
पश्चिमी राष्ट्र और रुस
पश्चिमी देशों से रुस की सर्वकालिक है। सीरिया में आइएस के खात्मे पर रुस के कदम को इन यूरोपिया देशों ने अलग परिप्रेक्ष्य में देखना शुरु किया। उनका मानना है कि असद विरोधी विद्रोहियो को इस वहाने खत्म कर रहा है तथा पश्चिमी देश सीरिया में असद शासन को हटाना चाहते हैं लेकिन रुस ऐसा नहीं चाहता है।
रुस तथा ब्रिटेन की रणनीति
रुसी विमान गिराने के किया गया तनाव तथा रणनीति
साँचा:flag भूमध्य सागर में एक युध्दपोत तैनात किया था जो रुसी सैना की सुरक्षा करता कोई भी खतरा होने पर युध्दपोत तुरंत कार्यवाई करता।
- एडवायजरी जारी कर रुसी लोगो को तुर्की ना जाने की हिदायत दी थी।
- घटना बावजूद सीरिया और इराक में आईएस आंतकियो पर कार्यवाई जारी रखेगा।
- आईएस के खिलाफ तुर्की की सहायता नहीं करेगा।
साँचा:flag तुर्की के समर्थन में 12 टाइफून लड़ाकू विमानो को लेकर तैयार रखा।
- यदि रुस के खिलाफ तुर्की ने सहायता मांगी तो वह तुरंत सहयोग करेगा।
- रक्षा मंत्रालय का कहना था कि यदि कोई विमान तुर्की कि सीमा में आया और चेतावनी नजरअंदाज की तो ब्रिटेन के टाइफून लड़ाकू विमान मार गिराएगे।
रुस का अक्रोश
1953 ईस्वी के कोरियाई युद्ध के बाद प्रथम वार ऐसा हुआ था कि किसी नाटो सदस्य देश (तुर्की) ने रुस का विमान गिराया था लेकिन रुस महाशक्ति का अक्रोश चरम पर था।
उड़ान के नियम
आंतकी संगठन आईएस के खिलाफ लड़ाई में आस्ट्रेलिया के छह हार्नेट लड़ाकू विमान शामिल है आस्ट्रेलिया के अनुसार रुस तथा अन्य देशों के बीच आईएस पर हमलो को लेकर आपसी तालमेल के लिए कई नियम तय है जिसके बाद यह घटना होना गंभीर मामला था।