रासायनिक धवन

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रासायनिक धवन से तात्पर्य उस सूक्ष्म प्रक्रिया से है जो साबुन या डिटरजेंट के काम करने का आधार है। जिसमें रसायन के अणु धूल-गंदगी के कणों से जुड़कर उसे बाक़ी के पदार्थों से अलग करते हैं।

इस में मार्जक (साबुन, डिटरजेंट या डोमेक्स जैसे तरल) के रसायन आवांधित कणों से और पानी (या अन्य तरल) दोनों से जुड़े रहते हैं। पानी या सफ़ाई के द्रव को बहा देने पर वो गंदगी भी निकल जाती है। गंदगी की वस्तु हमेशा धूल जैसे कण नहीं होते - ग्रीस, चिकनाई जैसे पदार्थ आधी-ठोस अवस्था में होते हैं। ये रसायन इनको भी निकाल देते हैं। इप प्रक्रिया में पानी द्रव का ठोस कणों (या कपड़ों) के साथ के बन्धन या जुड़ाव में ये रसायन असर डालते हैं जिससे ये सफ़ाई संभव होती है।

सबसे आम सफ़ाई करने वाले रसायन सोडियम हाइड्रोक्साईड (NaOH) और सोडियम बाईकार्बोनेट हैं - जो परंपरागत मिलने वाले सोडा में होते हैं। लेकिन आज बाज़ार में मिलने वाले साबुन और घरों को साफ़ करने वाले लिक्विड में अधिक जटिल रसायन होते हैं। इनमें से अधिकतर हानिकारक होते हैं - कई ऐसे हैं जो कीटनाशकों में भी इस्तेमाल होते हैं (अन्य रसायनों के साथ)।


मुख्य रसायन

एक हाथ साफ़ करने वाले साबुन (लिक्विड) के सामान्य घटक। निर्माताओं के मुताबिक, इसमें बकरी का दूध भी इस्तेमाल किया गया है।

अकार्बनिक (अजैव, औद्योगिक) रसायन

कम हानिकारक

जटिल या अधिक हानिकारक

प्रकृति में पाए जाने वाले

  • नींबू का रस (या सिट्रिक फल का रस)
  • सिरका

स्रोत