राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद
राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (नेशनल प्रोडक्टिविटी काउन्सिल / रा.उ.प.) भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय द्वारा सन् 1958 में स्थापित स्वायत्तशासी, बहुपक्षीय, गैर लाभांश संगठन है। रा.उ.प. टोक्यो स्थित अंतः-शासकीय निकाय, एशियाई उत्पादकता संगठन (ए.पी.ओ.) का घटक है जिसके स्थापक-सदस्यों में से भारत सरकार भी एक है। राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद का लक्ष्य भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता को प्रोत्साहित करने के लिए बतौर शीर्ष संस्थान स्थापित होना है।
उद्योग मंत्री रा.उ.प. के प्रधान हैं और सचिव (औद्योगिक नीति और संवधन विभाग) इसके अध्यक्ष हैं। महानिदेशक इसके सी.ई.ओ. हैं। रा.उ.प., का मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसके 12 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जो प्रमुख राज्यों की राजधानियों/औद्योगिक केन्द्रों में स्थित हैं। इसमें लगभग 120 पूर्ण समय व्यवसायी/परामर्शदाता हैं। इसके अतिरिक्त परियोजनाओं की आवश्यकता के आधार पर बाहर केे विशेषज्ञों और संकायों की सेवाएं ले रहे हैं।
रा.उ.प. अपने ग्राहक संगठनों के साथ मिलकर कार्य करती है जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो सके, उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़े, लाभांश में वृद्धि हो, सुरक्षा तथा विश्वसनीयता कायम की जा सके और बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। ग्राहकों की संतुष्टि के लिए यह आंतरिक तथा बाह्य दोनों प्रकार केे विश्वसनीय डेटाबेस उपलब्ध कराती है ताकि वे सही निर्णय ले सकें, उनकी पद्धति और प्रक्रिया परिष्कृत हो, और कार्य संस्कृति में सुधार आये। समस्या की प्रकृति को ध्यान में रखकर परिषद विशिष्ट रूप से अथवा समग्र रूप से कार्य करती है। परिषद जुगतों को चिन्हित कर उनके कार्यान्वयन तथा पुनरीक्षण का कार्य करती है। विकासीय एवं उत्प्रेरक होने के कारण रा.उ.प. की सेवाएं आर्थिक विकास तथा जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं। परिषद का प्रयास अपने हितधारकों के समग्र विकास के लिए आर्थिक पर्यावरण तथा सामाजिक मूल्यों को सुुधारते हुए समग्र रूप से उत्पादकता को प्रोत्साहित करती है।
लक्ष्य
राउप अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत कृषि सेवा संरचनात्मक तथा अन्य क्षेत्रों में उत्पादकता के कारणों को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही है। इसका उद्देश्य भारत में समग्र विकास को बनाए रखने में सहयोग प्रदान करना है ताकि आम जनता की जीवन की गुणवत्ता बढ़ सके।