राम पाटिल

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राजा राम राव पाटिल जंजीरा द्विप के राजा एवं अहमदनगर सल्तनत की समुद्री सेना के नौसेनाध्यक्ष थे। उन्होंने ही जंजीरा द्विप का निर्माण किया एवं किलेबंदी की थी। पाटिल का जन्म महाराष्ट्र के एक सोन कोली परिवार में हुआ था।[१]

साँचा:infobox जंजीरा पर राज स्थापित करने के पश्चात सल्तनत के सुल्तान और राम पाटिल बीच दूश्मनी पनपने लगी जिसके चलते सुल्तान ने नौसेनाध्यक्ष सिद्धी पीरम खान हब्शी को बना दिया।[२]

इतिहास

राम पाटिल के राज मे जंजीरा पर रहने वाले लगभग सभी लोग कोली जाती से थे जो समुद्री गतिविधियों के माहिर थे। कुछ समय पश्चात पाटिल ने कुछ राजनीतिक कारणों के चलते अहमदनगर सल्तनत के आदेश मानने से इंकार कर दिया जिस कारण समुद्री सेना का एडमिरल एक सिद्दी को बना दिया गया जिसका नाम पीरम खान हब्सी था। सुल्तान ने अपमान का बदला लेने के लिए सिद्दी को पाटिल से जंजीरा छिन्ने का आदेश दिया। आदेश अनुसार सिद्दी जंजीरा पर चढ़ाई करने के लिए निकल गया।[३][२]

नवनियुक्त एडमिरल सिद्दी की पाटिल पर आक्रमण करने की हिम्मत नहीं हुई कयोंकी वहा पाटिल के सहाश और सम्मान से भलीभांति परिचित था। सिद्धी अपने मुस्लिम साथीयों के साथ व्यापारी का भेष बनाकर और कुछ मुस्लिम महिलाओं के साथ जहाजों को लेकर चल दिया। उस समय मौसम भी थोड़ा ख़राब था तो इसी का बहाना लेकर सिद्धी पीरम खान जहाजों को लेकर जंजीरा द्विप के निकट ले गया और पाटिल से अनुरोध किया कि मौसम खराब है कृपया करके हमारी महिलाओं और बच्चों को द्विप पर आसर्य दे। पाटिल ने मंजूरी दे दी इसके लिए सिद्धी ने जस्न मनाने के लिए सभी कोलीयों एवं पाटिल को शराब की दाबत दी। शराब जहाजों पर रखे वैरेलों मे रखी हुई थी। जब पाटिल और उसके मुख्य साथी शराब के नशे में चूर हो गे तो सिद्धी ने जाहजों पर रखे वैरेलों मे छुपे हुए समूद्री सेनीकों को इशारा कर आक्रमण कर दिया और जंजीरा को अपने कब्जे मै ले लिया।[१][३]

संदर्भ

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