राम चरण (गुरु)

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राम चरण
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संस्कृत साँचा:lang
धर्म हिन्दू धर्म
उपसंप्रदाय साँचा:br separated entries
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ
राष्ट्रीयता भारतीय
जन्म साँचा:br separated entries
निधन साँचा:br separated entries
शांतचित्त स्थान साँचा:br separated entries
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बच्चे लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found।
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पद तैनाती
उपदि Founder-acharya of the Ramdwara, H.Q. Shahpura
पूर्वाधिकारी कृपा राम
धार्मिक जीवनकाल
पद गुरु, सन्यासी, आचार्य
वेबसाइट [१]

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गुरु राम चरण या रामचरण जी महाराज अठारहवीं सदी के आरम्भ में राजस्थान के जयपुर में उत्पन्न के एक संत थे। इन्होने रामसनेही संप्रदाय की स्थापना की। ये निर्गुण भक्ति शाखा के संत थे।[१][२]

जीवन

रामचरण जी का जन्म माघ शुक्ला 14 शनिवार संवत् 1776 (1719 ई॰) को अपने ननिहाल सोडा नामक ग्राम में हुआ। यह स्थान जयपुर जिले के मालपुरा नामक नगर के समीप है। आपके पिताजी का नाम बख्तराम जी तथा माताजी का नाम देउजी था। ये मालपुरा के समीप बनवाडा नामक ग्राम के रहने वाले थे। इनकी जाति विजयवर्गीय वैष्य गौत्र कापडी थी। स्वामी जी का बचपन का नाम रामकिशन था।

विनतीरामजी द्वारा लिखित जीवन चरित्र पुस्तक में इनके विवाह का उल्लेख किया है। आपका विवाह चांदसेन नामक ग्राम में, एक सम्पन्न परिवार में गिरधारीलाल खूंटेटा की कन्या गुलाब कंवर बाई के साथ हुआ। इस अवधि के आपके एक पुत्री का जन्म हुआ जिनका नाम जडाव कंवर था। केवल श्री जगन्नाथ जी कृत गुरू लीला विलास में इसका उल्लेख मिलता है।

इन्होने ने जयपुर राज्य के अन्तर्गत किसी उच्च पद पर निष्ठा पूर्वक राजकीय सेवा की। कुछ अन्य लेखकों एवं श्री लालदास जी की परची के अनुसार उन्होंने जयपुर राज्य के दीवान पद पर काम किया। उनके पिता के मोसर के अवसर पर राज्य की ओर से टीका पगडी का दस्तूर आना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि वे किसी सम्मानित पद पर आसीन थे।

इनके गुरु कृपाराम जी महाराज थे जिन्होंने इन्हें राम भक्ति की शिक्षा दी। सं. 1817 में ये भीलवाडा गये और वहीं अपनी अणभैवाणी की रचना की। इनके निवास हेतु वि. सं. 1822 में देवकरण जी तोषनीवाल ने रामद्वारा का निर्माण कराया गया।

स्वामीजी रामचरण जी महाराज वैषाख कृष्ण पंचमी गुरूवार सं. 1855 को शाहपुरा में ही ब्रहम्लीन हुए|

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

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