राजमोहन्स वाइफ
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साँचा:italic title राजमोहन्स वाइफ बंकिम चंद्र चटर्जी की प्रथम रचना है जो 1864 में प्रकाशित हुई और आमतौर पर इसे पहला भारतीय अंग्रेजी उपन्यास माना जाता है।[१] हालाँकि यह अंग्रेजी में थी जिसमें मातंगिनी नामक महिला द्वारा पुरानी रूढ़िवादी प्रथाओं के खिलाफ़ आवाज़ उठाई, यह राजमोहन नामक व्यक्ति की पत्नी थी जैसा की पुस्तक के शीर्षक से प्रदर्शित होता है। इस महिला के ज़रिये बंकिम चंद्र ने अपने विचारों को व्यक्त किया तथा भारतीय समाज की बुराइयों के कटु आलोचना की। यह पुस्तक के रूप में प्रकाशित होने से पूर्व एक पत्रिका में श्रृंखलाबद्ध छपी थी। पहली बार पुस्तकाकार प्रकाशन 1935 में हुआ।