योगेश्वरी
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योगेश्वरी का अर्थ दुर्गा होता है। योगीजन इसकी उपासना करते हैं। योगेश्वरी देवी का वर्णन मत्स्य पुराण में मिलता है।
दुष्टों के संहार के लिये अत्यंत तीक्ष्ण खड्ग उसके हाथ में रहता है और रुद्राक्ष की माला वह धारण करती है। उनकी जिह्वा लंबी है, तीक्ष्ण दाढ़ है, भयंकर मुख है, केश उनके ऊपर को उठे हुए हैं। कंठ में वह नरकपाल और अस्थियों की माला पहनती हैं। उनके वाम हस्त में रक्त और मांस से भरा हुआ खप्पर है और दक्षिण हस्त में वह बर्छी धारण किए हैं। उनके तीन नेत्र हैं। उनका उदर अंदर को घुसा हुआ है।