मोतीश्वर शिव मंदिर, मस्क़त
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धर्म संबंधी जानकारी | |
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सम्बद्धता | साँचा:br separated entries |
प्रोविंस | मस्क़त |
देवता | शिव और हनुमान |
त्यौहार | महाशिवरात्रि, वसंत पंचमी, रामनवमी, हनुमान जयंती, श्रावण माह, गणेश चतुर्थी |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | साँचा:if empty |
देश | ओमान |
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भौगोलिक निर्देशांक | साँचा:coord |
वास्तु विवरण | |
निर्माता | साँचा:if empty |
निर्माण पूर्ण | १८९२-१९०९ |
ध्वंस | साँचा:ifempty |
मंदिर संख्या | ३ |
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मोतीश्वर शिव मंदिर ओमान देश के पुराने मस्क़त शहर के मुत्तरह इलाके में अल आलम पैलेस के पास स्थित एक हिंदू मंदिर परिसर है। यह फ़ारस की खाड़ी क्षेत्र में स्थित सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक है। मंदिर कई हिंदू त्योहारों जैसे वसंत पंचमी, रामनवमी, हनुमान जयंती, श्रावण माह और गणेश चतुर्थी मनाता है। महाशिवरात्रि के त्यौहार के दौरान लगभग २०,००० से अधिक भाविक इस मंदिर में पुजा करने आते हैं।
इतिहास
माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सन् १८९२ से १९०९ के बीच ओमान में गुजराती व्यापारी समुदाय द्वारा किया गया था। कच्छ के भाटिया व्यापारी समुदाय सन् १५०७ में मस्क़त में बस गए थे। ऐतिहासिक दस्तावेजों से पता चलता है कि गुजराती परिवारों को १९ वीं शताब्दी की शुरुआत में इतना अधिकार था कि उन्होंने ओमान के सुल्तान सैयद सईद (१७९१ - १८५६) को मस्क़त से ज़ांज़ीबार में अपनी राजधानी स्थानांतरित करने के लिए मना लिया। मस्क़त के अल-बनयान क्षेत्र में भी दो हिन्दू मंदिर हुआ करते थे, जो व्यापारी रतनसी पुरुषोत्तम द्वारा बनवाए गए थे। रतनसी ओमान में हथियारों और खजूर का कारोबार किया करते था। उनकी खुद की हवेली सन १९७४ में मंदिरों के साथ नष्ट हो गई थी।[१]
मंदिर
यह मंदिर मस्कट अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (सीयब अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र) से लगभग ३५ किमी दूर सुल्तान के पैलेस के पास स्थित है। मस्क़त के दर्सेट इलाके में एक कृष्ण मंदिर भी स्थित है। यह कृष्ण मंदिर मोतीश्वर शिव मंदिर से लगभग १० किमी की दूरी पर है। मंदिर परिसर में भगवान शिव और हनुमान की मूर्तियाँ हैं। हालांकि मस्क़त एक रेगिस्तान है जहा बरसात कम होती है, लेकिन कहा जाता है कि मंदिर के कुएं में साल भर पानी रहता है। मंदिर में तीन सहायक कर्मचारी और चार प्रशासनिक कर्मचारियों के साथ तीन पुजारी हैं। इसके अलावा कई स्वयंसेवकों के साथ मंदिर के कामकाज चलते है जो त्यौहारोंके दौरान हाथ बटाते है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने १२ फरवरी २०१८ को ओमान की अपनी राज्य यात्रा के दौरान इस मंदिर का दौरा किया। वहा उन्होने मंदिर के प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ बातचीत की और पूजाके साथ अभिषेक भी किया।[२][३]