मैलकम मार्शल
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व्यक्तिगत जानकारी | |
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पूरा नाम | मैलकम डेंज़िल मार्शल |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
उपनाम | मैको |
कद | साँचा:convert |
बल्लेबाजी की शैली | दाएँ हाथ के बल्लेबाज |
गेंदबाजी की शैली | दाएं हाथ के तेज गेंदबाज |
भूमिका | गेंदबाज |
अंतर्राष्ट्रीय जानकारी साँचा:infobox | |
घरेलू टीम की जानकारी | |
वर्ष | टीम |
1992–1996 | नटाल |
1995 | स्कॉटलैंड |
1979–1993 | हैम्पशायर |
1977–1991 | बारबाडोस |
1987 | एमसीसी |
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स्रोत : CricketArchive, 11 जनवरी 2009 |
मैलकम मार्शल (18 अप्रैल 1958 - 4 नवंबर 1999, साँचा:lang-en) ब्रिजटाउन, बारबाडोस से वेस्टइंडीज़ क्रिकेट टीम के खिलाड़ी थे जिन्हें क्रिकेट इतिहास के सबसे अच्छे तेज गेंदबाजों में से एक माना जाता है।[१] वह 1970-80 के दशक की अजेय वेस्टइंडीज टीम के तेज गेंदबाज थे। वह 80 के दशक के सबसे सफल गेंदबाज थे और उस अवधि में वेस्टइंडीज की सफलता के मुख्य बिंदु थे। मैलकम का काउंटी चैम्पियनशिप में हैम्पशायर की तरफ से भी सफल क्रिकेट करियर रहा।
क्रिकेट करियर
मैल्कम ने 1978-79 में भारत के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट सीरिज में 3 मैच में मात्र 3 विकेट लिये थे। उसके बाद उन्हें 1980 में ही दोबारा खेलने का मौका मिला। वेस्टइंडीज टीम में जोएल गार्नर, एंडी रॉबर्ट्स, कॉलिन क्रॉफ्ट, माइकल होल्डिंग जैसे सफल गेंदबाज मौजूद थे। इस कारण उन्हें अनियमित रूप से खेलने का ही मौका मिलता था। 1982 तक उन्होंने 12 टेस्ट खेलकर 31.88 की औसत से 34 विकेट लिए थे। यह आँकड़े साधारण थे। 1982 में उन्होंने 22 मैचों की चैम्पियनशिप में हैम्पशायर के लिए 134 विकेट लिए। उसके बाद उन्हें 1983 के भारतीय टीम के वेस्टइंडीज दौरे पर टीम में चुन लिया गया। उन्होंने इस श्रृंखला में 21 विकेट लिये। फिर वेस्टइंडीज के भारत दौरे पर उन्होंने 5 टेस्ट में 33 विकेट लिये। वेस्टइंडीज ने टेस्ट श्रृंखला 3-0 से और वनडे 5-0 से जीती थी। फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू मैदानों पर उन्होंने 21 विकेट लिये और 1984 में इंग्लैंड में इंग्लैंड के विरुद्ध 24 विकेट लिये। वहाँ हेडिंग्ले में क्षेत्ररक्षण करते हुए उनके बाएँ हाथ का अंगूठा टूट गया था। वह फिर भी बल्लेबाजी करने आए और इतने समय तक टिके रहे कि लैरी गोम्स ने अपना शतक पूरा कर लिया। उन्होंने फिर गेंदबाजी करके 53 रन देकर 7 विकेट भी लिये। इसे उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक के रूप में गिना जाता है।[२]
गार्नर और होल्डिंग के सन्यास लेने के बाद 1988 तक कोर्टनी वॉल्श और कर्टली एम्ब्रोस उनके अन्य महत्वपूर्ण गेंदबाज साथी बन चुके थे। इस कारण उनका कार्य भार उनके पूरे करियर में कम ही था।[३] फिर भी 1983 से 1991 की अवधि में उनके नाम 69 मैचों में 342 विकेट है, जो कि किसी भी गेंदबाज के मुक़ाबले सबसे ज्यादा है। इस अवधि में वेस्टइंडीज तेज गेंदबाजों द्वारा लिये गए विकटों में से उन्होंने 31.37 फीसदी विकेट स्वयं लिये।[४] 1982-83 से लेकर 1985-86 तक इन तीन सालों में वे सबसे अच्छे गेंदबाज थे। उस अवधि में उन्होंने लगातार सात श्रृंखलाओं में 21 या उससे अधिक विकेट लिए, जिसमें से अंतिम पाँच में उनकी गेंदबाज़ी औसत 20 से कम रही। जीते हुए टेस्ट मैचों में मैलकम की गेंदबाजी औसत सिर्फ मुथैया मुरलीधरन को छोड़कर सभी गेंदबाजों से कम है।[४]
कुल मिलाकर 1977/78 से 1995/96 तक मैलकम ने 408 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे। जिसमें उन्होंने 19.10 की औसत से 1651 विकेट लिये। मैलकम हैम्पशायर काउंटी क्रिकेट क्लब की तरफ से 1979 से 1993 तक खेलते थे। उन्होंने काउंटी चैम्पियनशिप में 800 से अधिक विकेट लिये और हैम्पशायर को लिस्ट ए क्रिकेट की प्रतियोगिता बेन्सन और हैजेस कप को जीतने में भी मदद की।[५] 1978 से 1991 तक चले अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर के 81 टेस्ट मैचों में उन्होंने 20.94 की औसत से 376 विकेट लिये। 1998 में कोर्टनी वॉल्श ने जब तक मैलकम से अधिक विकेट नहीं लिये थे, तब तक वह वेस्टइंडीज के सबसे सफल गेंदबाज थे। मैलकम निचले क्रम के कुशल बल्लेबाज भी थे और उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10 अर्ध शतक भी लगाए।[६] मैलकम एक दिवसीय क्रिकेट में कम सफल रहे। उन्होंने 136 एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय खेले थे, जिसमें उन्होंने 26.96 की औसत से 157 विकेट लिये।[७]
इन्हें भी देखें
- क्लाइव लॉयड, वेस्टइंडीज के 1984 तक कप्तान
- विव रिचर्ड्स, वेस्टइंडीज के 1984 से 1991 तक कप्तान