मीटू आन्दोलन (स्लोवेनिया)

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चित्र:Slovenian girl by Marino Tartaglia 1973 Yugoslavia stamp.jpg
पूर्व युगोस्लाविया का एक अपरिचित स्लोवेनियाई लड़की को समर्पित डाक टिकिट।

मीटू आंदोलन (या #MeToo मूवमेंट ) या तो कार्यस्थल में महिलाओं के यौन उत्पीड़न या अमेरिकी मीटू आन्दोलन के एक शाखा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान से प्रभावित एक स्वतंत्र उग्रता के रूप में देखा जाता है।[१][२] #MeToo आंदोलन की लोकप्रियता हासिल करने के साथ यह कई अन्य देश जैसेकि भारत[३] और कई अन्य देशों में प्रमुखता हासिल करना शुरू हुआ, जिनमें योरोप में स्लोवेनिया देश का मीटू आन्दोलन भी प्रसिद्ध हुआ है और उसकी काफ़ी चर्चा हुई है।

प्ररंभ

स्लोवेनिया प्ररंभ में अमेरिका के मीटू आंदोलन से अप्रभावित रहा था। यहाँ तक कि इस देश की महिलाएँ अपनी कहानियाँ कहने आगे भी नहीं रही थीं। ऐसे में मार्च 8 संस्था (March 8 Institute) नामक संगठन आगे आई जो विश्व महिला दिवस के अनुरूप अपना नाम या शीर्षक रखती है और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के विरुद्ध चिंतित है। एक वेबसाइट 2018 में शुरू हुई जज़तूदी (मैं भी / या मीटू) के तौर पर आरंभ हुई थी। इसमें देश की महिलाओं से यौन उत्पीड़न के मामलों को रिपोर्ट करने का अवसर दिया गया। इसी के अनुरूप सामाजिक मीडिया पर #JazTudi प्रचलित हुआ। [४]

सामने आने वाले प्रमुख मामले

  • स्लोवेनिया की राजधानी लुब्लियाना-स्थित लुब्लियाना विश्वविद्यालय के कला विभाग के एक एसोसिएट प्रोफ़ेसर पर उसकी कई छात्राओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया।
  • स्लोवेनिया की प्रसिद्ध अभिनेत्री मिआ स्क्र्बिनाक (Mia Skrbinac) ने एक सार्वजनिक टीवी प्रसारण में आरोप लगाया कि उस पर एक अनामक अभिनेता और नाटक प्रशीक्षक ने 2014 और 2016 के बीच नाटक शैलो की क्लासों के दौरान और उनके बाद उसे यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया था।
  • इस प्रकार से कई महिलाओं ने - कुछ खुलकर और कुछ गुमनामी में अपने शोषण की घटनाओं को बयान किया।[५]

विधि का संरंक्षण और मीटू आन्दोलन का प्रयास

देश के रोज़गार-संबंधी अधिनियम (Employment Relationship Act “ZDR-1”) की धारा 7 के अनुसार यौन उत्पीड़न की परिभाषा यूं दी गई है कि यह:

किसी भी प्रकार की अप्रिय, शाब्दिक, गैर-शाब्दिक, शारिरिक हरकत या बरताव है जो यौन प्रवर्ती की हो जिसका प्रभाव या जिसके करने के पीछे की निष्ठा यह है कि किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाई जाए, विशेष रूप से जब इसके द्वारा डराने, घृणा या नीचा दिखाने, शर्मिंदा या असम्मानित करने का वातावरण शामिल हो।[६]

यह अधिनियम स्लोवेनिया में 2007 से लागू है। परंतु स्लोवेनिया में ऐसे कोई ठोस नियम या प्रणालियाँ लागू नहीं हैं कि निजी क्षेत्र के काम देनेवाले योन उत्पीड़न रोकने के लिए सुनिश्चित करें[६]

स्लोवेनिया में मीटू आन्दोलन की विशेषता

  1. इस मीटू आन्दोलन को किसी एक व्यक्ति या कुछ व्यक्तियों के बजाए एक संस्था ने सुनियोजित किया।
  2. आन्दोलन के लिए एक विशेष रूप से निर्मित वेबसाइट का प्रयोग किया गया।
  3. यह आन्दोलन धीरे-धीरे यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को सार्वजनिक तथा गुमनाम रूप से अपनी पीड़ाओं को बयान करने का अवसर दे रहा है।
  4. आंदोलन वर्तमान क़ानूनों में बदलाव तथा उन्हें और प्रभावशाली बनाने का प्रयास कर रहा है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ