मनसामंगल
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (अक्टूबर 2019) साँचा:find sources mainspace |
मनसामंगल काव्य (बांग्ला : মনসামঙ্গল কাব্য) सभी मङ्गल-काव्यों में सबसे प्राचीन काव्य है। इसमें सर्प-देवी मनसा द्वारा बंगाल के शिवभक्तों को शिवभक्ति छोड़कर अपनी भक्ति कराने का वर्णन है। मनसा जनजातीय लोगों द्वारा पूजित एक देवी थीं जो बाद में बृहद हिन्दू समाज की देवी के रूप में प्रतिष्ठित हुईं। मनसा को 'बिषकरी', 'जंगुली', और 'पद्मावती' भी कहा जाता है।