भारतीय वन सर्वेक्षण
भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey of India (FSI / भवस) भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय अधीन एक संस्थान है। इसका प्रमुख अधिदेश, देश में वन सर्वेक्षण करना एवं वन संसाधनों का आकलन करना है।
इसकी शुरूआत 1965 में, वन संसाधन निवेश पूर्व सर्वेक्षण (व-स-नि-पू-स-) संस्थान के रूप में एफ-ए-ओ-/यू-एन-डी-पी-/भारत सरकार परियोजना के अन्तर्गत हुई। सूचनाओं में परिवर्तन होने के परिणामस्वरूप वन संसाधनों के निवेश पूर्व सर्वेक्षण के क्रियाकलापों के कार्य क्षेत्र में विस्तार होने से 1981 में इसका भारतीय वन सर्वेक्षण के नाम से पुनर्गठन किया गया।
उद्देश्य
- द्विवार्षिक वन स्थिति रिपोर्ट तैयार करना, देश के तात्कालिक वनावरण आकलन उपलब्ध करना एवं उसमें होने वाले परिवर्तन का अनुश्रवण करना।
- वन एवं गैर-वनीय क्षेत्र में इन्वेंट्री करवाना एवं वन वृक्ष संसाधनों का डाटाबेस विकसित करना।
- हवाई छाया-चित्रों का उपयोग कर थीमेटिक मानचित्र तैयार करना।
- वन संसाधनों पर स्थानीय डाटाबेस एकत्रीकरण, संकलन, भंडारण एवं प्रसारण हेतु एक नोडल एजेन्सी के रूप में कार्य करना।
- संसाधनों का सर्वेक्षण, सुदूर संवेंदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी-आई-एस-) आदि से संब तकनीकों के प्रयोग पर वानिकी कार्मिकों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन करना।
- एफ-एस-आई- में अनुसंधान एवं अवसंरचना के विकास को सशक्त बनाना तथा अनुप्रयुक्त वन सर्वेक्षण तकनीको पर अनुसंधान करना।
इतिहास
”भारतीय वन सर्वेक्षण” (एफ-एस-आई) संघ के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधीन देश के वन संसाधनों का नियमित आकलन एवं अनुश्रवण हेतु एक मुख्य राष्ट्रीय संस्थान है। इसके अतिरिक्त यह प्रशिक्षण, अनुसंधान एवं विस्तार के कार्यो में भी संलिप्त है। 1 जून 1981 में स्थापित ”भारतीय वन सर्वेक्षण”, एफ-ए-ओ एवं यू-एन-डी-पी- प्रायोजित, भारत सरकार द्वारा 1965 में प्रारंभ की गई परियोजना ”वन संसाधनों का निवेश पूर्व सर्वेक्षण” (पी आई एस एफ आर) का उत्तराधिकारी संस्थान है।
”वन संसाधनों का निवेश पूर्व सर्वेक्षण” (पी आई एस एफ आर) का मुख्य उद्देश्य भारत के चयनित क्षेत्रों में स्थापित काष्ठ आधारित कारखानों के लिए कच्चे माल की सूचना देना था। राष्ट्रीय कृषि आयुक्त (एन-सी-ए) ने अपने 1976 के रिपोर्ट में देश के वन संसाधनों का नियमित, आवधिक एवं बोधशील आकलन हेतु राष्ट्रीय वन सर्वेक्षण संस्थान के स्थापना की अनुसंशा की थी जिसके परिणाम स्वरूप एफ-एस-आई- का सृजन हुआ। एफ-एस-आई के द्वारा किए गये क्रिया-कलापों का समीक्षात्मक पुनर्वलोकन करने के पश्चात् भारत सरकार ने देश की तेजी से बढ़ती हुई आवश्यकता एवं आकांक्षा को और अधिक प्रासंगिक बनाने के उद्देश्य से एफ-एस-आई के अधिदेश को पुनर्भाषित किया।
इन्हें भी देखें
- भारतीय सर्वेक्षण
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India)
- भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (Archeological Survey of India)
- भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण
- भारतीय मत्स्य सर्वेक्षण