भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम

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भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम
प्रकार सार्वजनिक प्रतिष्ठान
उद्योग वित्त
स्थापना 2008
मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र, भारत[१]
प्रमुख व्यक्ति

ए पी होता, प्रबंध निदेशक एवं सीईओ[२][३]

दीलिप अस्बे, चेयरमैन[३]
उत्पाद

नैशनल फाईनैंशियल स्विच(NFS),
इंटरबैंक मोबाईल भुगतान सेवा(IMPS),
रुपे,
चैक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS),

आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS), ACH
वेबसाइट साँचा:url[४]

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्थापित एक निगम है जिसे भारत में विभिन्न खुदरा भुगतान प्रणालियों के लिए एक मातृसंस्था के रूप में कल्पित किया गया है। इसकी स्थापना 2008 में हुई और यह कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत एक गैर-लाभकारी संगठन है। प्रमुख बैंकों का एक संघ इसका स्वामी है।[५]

संगठन

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम की उपयोगिता और इसके उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए कम्पनी अधिनियम १९५६ की धारा २५ के अन्दर इसे "लाभ के लिए नहीं" संस्था के रूप में पंजीकृत किया गया है। NPCI को अप्रैल 2009 में व्यवसाय का प्रमाण पत्र जारी किया गया था। अधिकृत पूंजी को 3 अरब (US$३९.३७ मिलियन) और भुगतान की गई पूंजी 1 अरब (US$१३.१२ मिलियन) आंकी गई है।

वर्तमान में, दस कोर प्रमोटर बैंक (भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, कैनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, सिटी बैंक और एचएसबीसी) हैं। बोर्ड में बिस्वमोहन महापात्रा गैर कार्यकारी अध्यक्ष, भारतीय रिज़र्व बैंक से नामांकित और दस कोर प्रवर्तक बैंकों से नामांकित होते हैं। [६] दिलीप अस्बे, ए पी होटा के बाद NPCI के वर्तमान प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जो 10 अगस्त, 2017 को पद से सेवानिवृत्त हुए थे। [७]

विभिन्न उत्पाद

  • नैशनल फाईनैंशियल स्विच(NFS),
  • इंटरबैंक मोबाईल भुगतान सेवा(IMPS),
  • रु-पे,
  • चैक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS),
  • आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS),
  • वज्र प्लेटफॉर्म -- ब्लॉकचेन-तकनीक पर आधारित ; पेमेंट क्लीयरिंग और सेटलमेंट प्रोसेस, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और रुपे कार्ड जैसी सुविधाओं को एकीकृत करने के लिए तैयार किया गया है।

रु-पे कार्ड

स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 8 मई 2014 को भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने भारत का अपना भुगतान कार्ड ‘रुपे’ राष्ट्र को समर्पित किया।[३] भारतीय रिजर्व बैंक ने 2005 में ऐसी स्वदेशी सेवा की आवश्यकता की परिकल्पना की थी और यह कार्य 2010 में इसके संचालन के तुरंत बाद भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को सौंप दिया था। एनपीसीआई ने रुपे सेवा को अप्रैल, 2013 में ही शुरू कर दिया था जबकि कार्ड भुगतान नेटवर्क को पूरी तरह कार्य रूप देने में सामान्यत: पाँच से सात वर्ष लग जाते हैं। उक्त तिथि तक इस नेटवर्क में 70 लाख कार्ड जारी किए जा चुके थे। रुपे कार्ड परियोजना में 17 बैंकों ने सहयोग दिया है।

बैंक खाता को NPCI से लिंक कैसे करे?

यदि आपके अकाउंट में भी सरकारी योजना का पैसा DBT के माध्यम से नहीं आ रहा है इसका मतलब है की आपका अकाउंट NPCI से लिंक नहीं है. इसके लिए आपको अपने बैंक के ब्रांच में एक ऑफलाइन फॉर भर कर जमा करना पड़ेगा.

आप निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करके अपने Bank Account & Aadhar Card को NPCI से लिंक कर सकते है.

  1. सबसे पहले आधार NPCI लिंक करने वाले पीडीऍफ़ फॉर्म को डाउनलोड कीजये . Click here
  2. फॉर्म को प्रिंट कर इसे सही-सही भर लीजिये
  3. अपने बैंक के होम ब्रांच में जाइये और इसके साथ अपना आधार कार्ड और बैंक पासबुक का जिरक्स जमा कर दीजिये.
  4. अपने फिंगर प्रिंट के जरिये आधार का सत्यापन कीजिये.
  5. बस अआप्का आधार कार्ड और बैंक खाता दोनों NPCI से लिंक हो जाएगा.

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
  3. साँचा:cite web
  4. https://m.rbi.org.in/Scripts/PublicationsView.aspx?id=19361
  5. साँचा:cite web
  6. साँचा:cite news
  7. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।