भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण
संक्षेपाक्षर | ट्राई |
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स्थापना | साँचा:if empty |
वैधानिक स्थिति | सृजित: भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम, १९९७ |
उद्देश्य | स्वतंत्र विनियामक |
मुख्यालय |
महानगर दूरसंचार भवन, जवाहर लाल नेहरू मार्ग, नई दिल्ली - ११० ००२ |
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साँचा:longitem क्षेत्र | साँचा:if empty |
साँचा:longitem | डॉ॰ जे एस शर्मा |
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जालस्थल | http://www.trai.gov.in/ |
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भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (अंग्रेज़ी: टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया, लघुरूप:ट्राई) भारत में दूरसंचार पर नियंत्रण हेतु एक स्वायत्त नियामक प्राधिकरण है। इसका गठन १९९७ में[१] भारत सरकार द्वारा किया गया था।[२][३] इसकी स्थापना भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम १९९७, एवं बाद में इसी अधिनियम के २००० संशोधन के द्वारा यथासंशोधित कर की गई थी[४], जिसका मिशन भारत में दूरसंचार संबंधित व्यापार को नियमित करना था। भारत का दूर संचार नेटवर्क एशिया की उभरती अर्थ व्यवस्थाओं में दूसरा सबसे और विश्व का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है।[४] प्राधिकरण का लक्ष्य भारत में दूरसंचार के विकास के लिए ऐसी रीति तथा ऐसी गति से परिस्थितियां सृजित करना तथा उन्हें संपोषित करना है, जो भारत को उभरते हुए वैश्विक समाज में एक अग्रणी भूमिका निभाने में समर्थ बना सके।[२] प्राधिकरण का उद्देश्य है एक ऐसा उचित और पारदर्शी परिवेश उपलब्ध कराना, जो समान अवसरों के लिए प्रोत्साहित करें। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
प्रकार्य
ट्राई को अपने कुछ प्रमुख सिफारिशी, विनियामक एवं प्रशुल्क निर्धारण प्रकार्यों के तहत मामलों में सिफारिश करनी होती है। ये मामले इस प्रकार से हैं[१] –
- नए सेवा प्रदाता की आवश्यकता और उनकी सेवा शुरूआत का समय निर्धारण,
- सेवा प्रदाता को दिए जाने वाले लाइसेंस की शर्त का निर्धारण,
- लाइसेंस संबंधी शर्त के अनुपालन को सुनिश्चित करना,
- स्पैक्ट्रम का कुशल प्रबंधन,
- सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा की गुणवत्ता के मानकों का निर्धारण तथा दूरसंचार सेवा के ग्राहकों के हित की रक्षा करने हेतु सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान की जाने वाली ऐसी सेवा का आवधिक सर्वेक्षण करना और सेवा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना,
- सार्वभौमिक सेवा दायित्वों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करना,
- इस अधिनियम के तहत भारत में और भारत से बाहर उपलब्ध दूरसंचार सेवाओं की दरों को अधिसूचित करना, इत्यादि।
संरचना
दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम के अनुसार प्राधिकरण में एक अध्यक्ष, दो पूर्णकालिक सदस्य और दो अंशकालिक सदस्य से अधिक नहीं होने चाहिये। अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्राधिकरण समय-समय पर नए नियम और आदेश जारी करता रहता है।[३] इसके साथ ही भारतीय दूरसंचार बाजार को बेहतर बनाने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण भी प्रदान करता है। ट्राइ के कॉमन चार्टर ऑफ टेलीकॉम सर्विस, २००५ के अनुसार सेवा प्रदाता को अपने उपभोक्ता की गोपनीयता का पूरा ध्यान रखना होता है।[२] इसे लाइसेंस प्रदाता और लाइसेंस धारक के बीच, दो या दो से अधिक सेवा प्रदाताओं के बीच और एक सेवा प्रदाता तथा उपभोक्ताओं के समूह के बीच किसी विवाद को निपटाने के लिए अधिकार और ट्राई के किसी निर्देश, निर्णय या आदेश के विरुद्ध अपील की सुनवाई और उसके निपटान का अधिकार दिया गया है।[४]
यदि उपभोक्ता को अपनी समस्या का समाधान सेवा प्रदाता कॉल सेंटर द्वारा नहीं मिलता तो वह अपनी शिकायत नोडल अधिकारी के यहां दर्ज करा सकता है। वहां से भी समस्या का उचित हल न मिल पाने पर उपभोक्ता अपीलेट अथॉरिटी में अपनी शिकायत कर सकता है।[३] सेवा प्रदाता का दायित्व होता है कि वह अपने द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के सक्रिय होने के एक सप्ताह के भीतर उपभोक्ता को टैरिफ योजना के बारे में जानकारी दे दे। बिना इसकी स्वीकृति के उसे मूल्य वर्धित सेवाओं यानि वैल्यू एडेड सर्विस प्रदान नहीं की जा सकती हैं।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- ↑ अ आ विनियामकों का सुदृढीक़रण स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। भारत सरकार, दूरसंचार विभाग।
- ↑ अ आ इ ट्राई जालस्थल पर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। अभिगमन तिथि: १८ दिसम्बर २००९
- ↑ अ आ इ ट्राई। हिन्दुस्तान लाइव। १७ दिसम्बर २००९
- ↑ अ आ इ उद्योग और सेवाएं- दूरसंचार स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। बिज़नेस.गॉव.इन-व्यापार और संसाधन ऑनलाइन पर