भारत की स्वतन्त्रता
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भारत की स्वतंत्रता से तात्पर्य ब्रिटिश शासन द्वारा 15 अगस्त 1947 को भारत की सत्ता का हस्तांतरण भारत की जनता के प्रतिनिधियों को किए जाने से है। इस दिन दिल्ली के लाल किले पर भारत के पहले प्रधानमंत्री [पंडित जवाहर लाल नेहरू] ने भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर स्वाधीनता का ऐलान किया किया था। भारत के स्वाधीनता संग्राम की शुरुआत 1857 में हुए सिपाही विद्रोह को माना जाता है। स्वाधीनता के लिए हजारों लोगो ने अपने प्राण न्योछावर किए थे। भारत को स्वतन्त्रता कैसे मिली तथा भारत को स्वतन्त्रता मिलने में सबसे अधिक किसका योगदान है, इस पर भारी मतभेद है।[१]
भारत का विभाजन
14 अगस्त 1947 को भारत विभाजन और पाकिस्तान का निर्माण हुआ।
स्वतंत्र भारत के पहले पदाधिकारी
- प्रधानमंत्री, विदेश सम्बन्ध, राष्ट्रमंडल सम्बन्ध, वैज्ञानिक शोध मंत्री - जवाहरलाल नेहरू
- राष्ट्रपति - राजेन्द्र प्रसाद
- कानून एवं न्याय मंत्री - भीमराव आम्बेडकर
- मंत्री (बिना विभाग) - एन. गोपालस्वामी अयंगर
- शिक्षा मंत्री - अबुल कलाम आज़ाद
- वाणिज्य मंत्री - कुंवरजी होरमुसजी भाभा
- वित्त मंत्री - आर. के. शन्मुखम चेट्टी
- खाद्य और कृषि मंत्री - जयरामदास दौलताराम
- कार्य, खादान और उर्जा मंत्री - नरहर विष्णु गाडगील
- स्वास्थ मंत्री - राजकुमारी अमृत कौर
- संचार मंत्री - रफी अहमद किदवई
- रेल और यातायात मंत्री - जॉन मथाई
- उद्योग और आपूर्ति मंत्री - श्यामाप्रसाद मुखर्जी
- शरणार्थी और बहाली मंत्री - क्षितिज चंद्र नियोगी
- गृह, सूचना और प्रसारण, राज्य और उप-प्रधानमंत्री - वल्लभभाई पटेल
- श्रम मंत्री - जगजीवन राम
- रक्षा मंत्री - बलदेव सिंह
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
- स्वतंत्रता दिवस (भारत)
- भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
- भारत का विभाजन
- भारतीय स्वतंत्रता का क्रांतिकारी आन्दोलन